पुलिस के पहरे में दिल्ली मेयर का चुनाव, MCD में नंबर AAP के पास तो भाजपा कैसे कर रही दावा, पूरा गेम समझिए

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पुलिस के पहरे में दिल्ली मेयर का चुनाव, MCD में नंबर AAP के पास तो भाजपा कैसे कर रही दावा, पूरा गेम समझिए

पुलिस के पहरे में दिल्ली मेयर का चुनाव, MCD में नंबर AAP के पास तो भाजपा कैसे कर रही दावा, पूरा गेम समझिए

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमसीडी के मेयर का चुनाव भी किसी ‘संग्राम’ से कम नहीं। पहले वाली तारीख पर इतना हंगामा हुआ कि चुनाव रद्द हो गया। आज प्रक्रिया शुरू हुई तो पुलिस का पहरा देखने को मिला। वेल में चेयर को घेरकर महिला और पुरुष जवानों की तैनाती की गई है। तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं तो लोग कहने लगे कि मेयर को लेकर दिल्ली में ये कैसी महाभारत चल रही है? AAP ने कहा कि बिना नंबर के भाजपा मेयर बनाने का दावा कर रही है, यही सबसे बड़ा सवाल है। सुबह करीब साढ़े 11 बजे सबसे पहले मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण हुआ। यह शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो गया। इसके बाद निर्वाचित पार्षदों की शपथ प्रक्रिया शुरू हुई। आज मेयर, डेप्युटी मेयर के साथ ही स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का भी चुनाव होना है। स्टैंडिंग कमेटी की 6 सीटों के लिए कुल सात उम्मीदवार हैं। एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद भी भाजपा और AAP में किस बात को लेकर महाभारत चल रही है, इसकी वजह बड़ी दिलचस्प है।

AAP की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने ली शपथ।

मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते…
दरअसल, 15 साल से एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा को आम आदमी पार्टी ने इस बार बाहर कर दिया। सबसे ज्यादा पार्षद आम आदमी पार्टी के चुनकर आए हैं। AAP विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि हम दिल्ली को चमकाने का काम शुरू करना चाहते हैं लेकिन भाजपा दिल्ली एमसीडी में अनैतिक तरीके से एक साल से कब्जा किए बैठी है। वे नहीं चाहते कि मामला सुलझे। उन्होंने कहा कि डीएमसी ऐक्ट कहता है कि मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते हैं, इन्हें अधिकार नहीं है। आम आदमी पार्टी ने साफ कहा है कि हम मनोनीत पार्षदों को वोट डालने नहीं देंगे।

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एमसीडी का गणित समझिए।

विरोधी कैंडिडेट को वोट कर दें तो…
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा शुरू से ही दावा कर रही है कि दिल्ली में मेयर तो उनकी पार्टी का ही होगा। इससे AAP नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है। आंकड़ों के हिसाब से देखें तो आप का पलड़ा भारी है लेकिन कानून में एक पेच है। जी हां, एमसीडी में दलबदल कानून लागू नहीं होता है। ऐसे में पार्टियां विप जारी नहीं कर सकती हैं और देखा यह जाता है कि कुछ नेता दूसरे पार्टी के कैंडिडेट को वोट दे देते हैं। पहले भी कई बार ऐसा देखने को मिला है। यही वजह है कि भाजपा के नेता लगातार पार्षदों से अंतरात्मा की आवाज सुनने की बात कह रहे हैं।

AAP के सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक वक्त था जब चुनाव हारने के बाद पार्टी के नेता दूसरी पार्टी को शुभकामनाएं देते थे और खुद विपक्ष में बैठने की बात किया करते थे लेकिन आज उस नैतिकता को भाजपा ने तार-तार कर दिया है। AAP का कहना है कि भाजपा अपना मेयर बनवाने की बात इसलिए कर रही है क्योंकि वह मनोनीत लोगों से वोट डलवाने की तैयारी में है। प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा पार्षदों को शपथ दिला रही हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि आज सुचारू रूप से सदन चलना चाहिए। पहले शपथ हो फिर चुनाव हो। दिल्ली में महापौर के लिए AAP की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच मुकाबला है।

MCD में आंकड़ों का खेल समझिए
एमसीडी में कुल संख्या 274 है और बहुमत 138 है। अगर निर्वाचित पार्षदों और मनोनीत विधायकों-सांसदों के आंकड़े देखें तो साफ पता चलता है कि बहुमत किसके पास है। लेकिन ऐन वक्त पर मेयर चुनाव में बाजी पलट भी सकती है, जिसका दावा भाजपा करती आ रही है।

कौन-कौन हैं वोटर

  • बैलट बॉक्स के जरिए दिल्ली के मेयर, डेप्युटी मेयर का चुनाव होगा
  • सभी 250 पार्षद वोट डाल सकेंगे
  • विधानसभा स्पीकर की तरफ से मनोनीत 14 विधायक भी वोटर
  • दिल्ली के सभी 10 सांसद भी मेयर चुनाव में वोटर हैं
  • इसमें लोकसभा के 7 और राज्यसबा के 3 सांसद वोटर हैं
  • भाजपा के 7 सांसद मेयर चुनाव में करेंगे वोटिंग

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