पुराने पट्टों को लेकर राजधानी क्षेत्र में फंसा दस्तावेज का पेंच, सात सौ से ज्यादा मामले | screw of document stuck on more than 700 old leases in madhya pradesh | Patrika News

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पुराने पट्टों को लेकर राजधानी क्षेत्र में फंसा दस्तावेज का पेंच, सात सौ से ज्यादा मामले | screw of document stuck on more than 700 old leases in madhya pradesh | Patrika News

पुराने पट्टों को लेकर राजधानी क्षेत्र में फंसा दस्तावेज का पेंच, सात सौ से ज्यादा मामले | screw of document stuck on more than 700 old leases in madhya pradesh | Patrika News

आज की स्थिति में इन पर कहीं कमर्शियल कॉम्पलेक्स तो कहीं मल्टी तक खड़ी हो गई है। ऐसे लोग एसडीएम बैरागढ़ सर्किल में पट्टों की लीज रिन्यू करने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उनसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जो लोग दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं उनको वर्तमान लीज रेंट के आधार पर एक शुल्क तय कर पट्टा रिन्यू कर दिया जा रहा है, लेकिन जिन के पास अब कागज ही नहीं हैं, उनके मामले में पेंच फंस गया है।

प्रशासन इन्हें पट्टा धारक मान ही नहीं रहा, एक रास्ता धारणाधिकार के तहत मालिकाना हक देने का खुल भी रहा है। तो उसकी लाखों रुपए की राशि कुछ लोग चुकाना नहीं चाहते। चुनाव के बाद बैरागढ़ के तीन गांव में ये बड़ा मुद्दा बन सकता है। वर्षों पुराने सिंधी विस्थापित पट्टों के अलावा पूर्व में दिए गए पट्टों को लेकर ये पेंच फंस रहा है।

इसमें कई लोग तो ऐसे हैं जिनकी तीसरी पीढ़ी उन जमीनों पर काबिज है, लेकिन दस्तावेज नहीं हैं। तो कुछ ने एग्रीमेंट कर एक-एक हजार स्क्वायर फीट के प्लॉटों के बेच चुके हैं। कई जगह छोटी-छाटी मल्टी तक खड़ी हो गईं हैं। मल्टी में समस्या आ रही है कि सभी को जमीन में अपना नाम चाहिए, लेकिन वर्तमान लीज रेंट सुनकर कोई आगे नहीं आ रहा। आवासीय पट्टों पर दुकानें खुल गईं हैं, जिससे उनका उपयोग तक बदल गया है।

सिंधी और पूर्व में दिए गए पट्टों में से काफी पट्टों का मामला फंस रहा है। लोगोंं के पास दस्तावेज तक नहीं हैं। कुछ दुकानें और मकान तो फाटक रोड पर आरओबी में जा रहे हैं।
– जगदीश छावानी, एडवोकेट

जिन लोगों के पास दस्तावेज हैं उनके पट्टे रिन्यू किए जा रहे हैं। जिनके पास दस्तावेज ही नहीं हैं, उनको कैसे रिन्यू कर दें। काफी लोग तो ऐसे ही काबिज हैं।
– मनोज उपाध्याय, एसडीएम, बैरागढ़

इधर, शहर में 71 केन्द्रों पर नि:शुल्क वैक्सीनेशन, पहले दिन 3702 ने लगवाया बूस्टर डोज…
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए भोपाल में भी वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है। अभी तक बूस्टर डोज सिर्फ बुजुर्गों और हेल्थ केयर वर्कर्स को फ्री था, लेकिन अब सरकार ने 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को भी निशुल्क डोज की व्यवस्था कर दी है। शुक्रवार से शुरू 75 दिन के विशेष अभियान के पहले दिन भोपाल शहर में 3702 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया।

मालूम हो कि अब तक बूस्टर डोज के लिए शुल्क लिया जा रहा था, ऐसे में इसके प्रति लोगों में रुचि नहीं थी। शहर में अब तक हर दिन बमुश्किल दो सौ लोग ही शुल्क देकर बूस्टर डोज लगवा रहे थे, लेकिन शुक्रवार को 15 गुना ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई। भोपाल में वैक्सीनेशन के लिए कुल 71 केंद्र बनाए गए थे। शुक्रवार को सभी कैटेगरी में 3968 डोज लगाए गए।

18 से 45 की श्रेणी में सिर्फ 2345 डोज
भोपाल जिले में सिर्फ 2345 लोग ऐसे हैं जो 18 से 45 आयु वर्ग के हैं और इन्होंने बूस्टर डोज लिया है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले इसी आयु के लोगों ने सरकार से बूस्टर या प्री-कॉशन डोज फ्री करने की मांग की थी। जिले में 18 प्लस आयुवर्ग के वैक्सीनेशन के लिए 75 टीमें बनाईं हैं।

जेपी अस्पताल में पहुंचे 120 लोग: जेपी अस्पताल में पहले 15 से 20 लोग ही बूस्टर डोज लगवाने आते थे वहीं शुक्रवार को 120 से अधिक लोग कोविशिल्ड का डोज लगवाने पहुंचे। शहर के अन्य सेंटर पर तीनों प्रकार की (कोविशील्ड, को-वैक्सीन और कॉर्बेवैक्स) की वैक्सीन उपलब्ध है।



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