पुणे किले में जाने से शिवाजी महाराज के समर्थकों को रोका गया, संभाजी छत्रपति के दावे पर क्या बोली महाराष्ट्र सरकार

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पुणे किले में जाने से शिवाजी महाराज के समर्थकों को रोका गया, संभाजी छत्रपति के दावे पर क्या बोली महाराष्ट्र सरकार

पुणे किले में जाने से शिवाजी महाराज के समर्थकों को रोका गया, संभाजी छत्रपति के दावे पर क्या बोली महाराष्ट्र सरकार


मुंबई: कोल्हापुर के पूर्व मराठा राजपरिवार के सदस्य संभाजी राजे छत्रपति ने रविवार को दावा किया कि शिवाजी महाराज की जयंती पर मराठा योद्धा के समर्थकों को पुलिस ने कुछ वीआईपी के दौरे के कारण पुणे स्थित शिवनेरी किले में नहीं जाने दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवनेरी किले का दौरा किया और शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। शिंदे और फडणवीस ने भरोसा दिलाया कि आगे से सही तरीके से इंतजाम किया जाएगा, ताकि शिवाजी महाराज के समर्थकों को अगले साल शिवनेरी किला जाने के दौरान किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़े।

शिवाजी महाराज का जन्म 1630 में शिवनेरी किले में हुआ था जो पुणे में जुन्नार तहसील में स्थित है। शिंदे और फडणवीस ने मराठा योद्धा के जन्म के प्रतीक ‘पालना समारोह’ सहित शिवनेरी में अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लिया। राज्यसभा के पूर्व सदस्य संभाजी छत्रपति रविवार को शिवनेरी किले में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने दावा किया कि कुछ वीआईपी के किले में जाने के मद्देनजर कई शिव भक्तों को पुलिस ने रोक दिया।

उन्होंने कहा कि मैं किले में छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मस्थान की ओर जा रहा था। इन सभी शिव भक्तों ने मुझे रोका और पूछा कि वीआईपी पास की जरूरत क्यों है। मैं मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे किसी भी तरह का भेदभाव न होने दें। उन्होंने कहा कि जब वह किले के निकट थे तब कुछ शिव भक्तों ने मुझसे संपर्क किया और शिकायत की कि पुलिस उन्हें किले में जाने से रोक रही है।

संभाजी छत्रपति ने कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि पुलिस उनकी यात्रा पर आपत्ति जता रही है और भीड़ इकट्ठा होने से भगदड़ जैसी अप्रिय घटना होने की आशंका का हवाला दे रही है। यह बिल्कुल अनुचित है। शिवनेरी किले में जाने की बात पर शिव भक्तों के समर्थकों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। अगर मैं आगे जाता तो लोग मेरे पीछे आते और इससे भगदड़ मच सकती थी। संभाजी छत्रपति ने बाद में किले में अति विशिष्ट व्यक्तियों को ले जाने वाले एक हेलीकॉप्टर के उतरने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे पूरे परिसर में धूल फैल जाती है।

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उन्होंने कहा कि रायगढ़ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत है, इसलिए वहां हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति नहीं है। अतीत में, यहां तक कि भारत के राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर को भी वहां उतारने की अनुमति नहीं थी। लेकिन शिवनेरी किला एक राज्य स्मारक होने के नाते उसका उपयोग हेलीकॉप्टर उतारने के लिए किया जाता है। इससे पूरे किले में धूल फैल जाती है। मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवाजी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने संभाजी छत्रपति की टिप्पणियां सुनी हैं। उन्होंने कहा कि हम जरूरी कदम उठायेंगे ताकि अगले साल शिवनेरी किला आने वाले लोगों को किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़े।

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फडणवीस ने भी कहा कि अगले साल भीड़ के सही प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम जल्द इस विषय पर बैठक बुलाएंगे। शिंदे ने कहा कि यह सभी के लिए गर्व की बात है कि पहली बार आगरा किले के दीवान-ए-आम परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिवनेरी किला एक पवित्र स्थान है और इसकी विकास योजना को गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ समय पर पूरा किया जाएगा और राज्य सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।

किलों के जीर्णोद्धार के लिए संभाजी छत्रपति के योगदान की सराहना करते हुए शिंदे ने कहा कि शिवाजी महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए किसी पर कोई रोक नहीं होगी। उन्होंने संभाजी छत्रपति से किलों के जीर्णोद्धार के बारे में सुझाव देने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन पर काम करेगी। फडणवीस ने अपने भाषण में कहा कि संभाजी राजे ने यहां कुछ मुद्दे उठाए हैं और मुख्यमंत्री शिंदे ने निर्देश दिया है कि अब से उचित प्रबंधन किया जाएगा और अगले साल किले में किसी को नहीं रोका जाएगा।

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फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने किलों के संरक्षण के लिए हर साल नियमित धन के अलावा अपने कोष का तीन प्रतिशत हिस्सा रखने का फैसला किया है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि शिवनेरी किले में एक स्थायी भगवा झंडा लहराया जाना चाहिए। यह किला कोल्हे के संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। उन्होंने कहा कि मैं ‘भगवा जाणीव’ आंदोलन शुरू कर रहा हूं जिसका उद्देश्य लोगों को इस मांग के बारे में बताना है। किले पर झंडा लहराने पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। राज्य के अन्य हिस्सों में भी लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

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