पहले डीजल और जब बॉडी नहीं जली तो 3 लीटर पेट्रोल लाए, 36 लाख रुपये के लिए दोस्त की किडनैप कर हत्या
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनिल बिल्डर है। कोरोना काल में इसे घाटा हुआ था। इसकी भरपाई के लिए यह कहीं ना कहीं से पैसों का जुगाड़ करना चाह रहा था। असित और अनिल की दोस्ती करीब 15 साल पुरानी है। दोनों की दोस्ती पार्क में घूमने के दौरान हुई थी। अनिल को इंश्योरेंस के 36 लाख रुपये असित के बैंक अकांउट में आने का पता लग गया था। यह उन रुपयों के चक्कर में लग गया। पहले इसने किसी तरह से असित का मोबाइल फोन लेकर अपने खाते में ऑनलाइन 15 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। लेकिन इसे पूरा पैसा चाहिए था।
फिर इसने अपने भांजे विशाल के साथ मिलकर असित की हत्या करने की साजिश रच डाली। 19 सितंबर को अनिल अपने भांजे के साथ यारी-दोस्ती में असित को अपनी गाड़ी में घुमने के लिए लेकर आए। वहां से यह सरोजिनी नगर गए। फिर रास्ते में असित की गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए यह दोनों उन्हें कार में डालकर ग्रेटर नोएडा के एक गांव किनारे ले गए। वहां पहले शव पर डीजल डालकर आग लगाई। शव पूरा ना जलने पर फिर सिकंदराबाद से तीन लीटर पेट्रोल लाए और फिर आग लगा दी।
मामले का खुलासा शायद होता भी नहीं। लेकिन इस मामले में असित ने अपने अकाउंट से 15 लाख रुपये निकलने की रिपोर्ट वेस्ट दिल्ली पुलिस को दर्ज कराई थी। दूसरे कई दिनों तक असित के दिखाई ना देने पर इनके पड़ोसियों ने जनकपुरी थाने में इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जनकपुरी पुलिस ने तहकीकात करते हुए इस मामले में मामा अनिल और इसके भांजे विशाल को गिरफ्तार कर लिया।