पहले खुलेआम कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की धमकी, फिर सिर कलम कर दिया, आतंकियों की करतूतों से मेल खाता है तरीका | Udaipur murder: beheaded of kahaniyalal matches action of terrorists | Patrika News

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पहले खुलेआम कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की धमकी, फिर सिर कलम कर दिया, आतंकियों की करतूतों से मेल खाता है तरीका | Udaipur murder: beheaded of kahaniyalal matches action of terrorists | Patrika News

आइएसआइएस से कनेक्शन होने के संकेत:
एनआइए को शुरुआती अनुसंधान में पता चला है कि आरोपी रियाज की टोंक निवासी मुजीब से पिछले वर्ष कई मुलाकातें हुईं थीं। मुजीब को ISIS कनेक्शन के कारण सुरक्षा एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। कन्हैयालाल हत्याकांड को जिस तरीके से अंजाम दिया गया, उसमें आतंकी संगठन आइएसआइएस से कनेक्शन होने के संकेत मिल रहे हैं।

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कातिलों का तरीका आतंकी संगठनों की करतूतों से मेल खाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उदयपुर घटना को गंभीरता से ले रहे हैं, यह जघन्य है। ऐसी घटना बिना किसी नेशनल-इंटरनेशनल कनेक्शन के संभव हो नहीं सकती। यह अनुभव कहता है। सीएम गहलोत ने सर्किट हाउस में जोधपुर से रवाना होने से पहले यह बात कही।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उदयपुर की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि राजस्थान सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस ज्यादा सतर्क होती तो ऐसा नहीं होता। कट्टरता फैल रही है। नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। केवल उनका निलंबन पर्याप्त नहीं था।

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पहला वीडियो 17 जून को बनाया, खुलेआम दी धमकी:
रियाज ने पहला वीडियो 17 जून को बनाया। इस वीडियो में उसने खुलेआम कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की धमकी दी। इस वीडियो को आरोपियों ने मंगलवार को वारदात के बाद वायरल किया। हत्या के बाद उसने दूसरा वीडियो वायरल करते हुए इसकी पुष्टि की। आरोपी ने वीडियो में कट्टरपंथी और भड़काऊ बयानबाजी करके लोगों को उकसाने का प्रयास किया। सबसे गंभीर बात यह है कि पुलिस का खुफिया तंत्र इतना लचर निकला कि ऐसा गंभीर वीडियो तैयार होने के बाद भी उसे भनक तक नहीं लगी। नतीजतन कातिल कामयाब हो गए।

राजस्थान में धार्मिक उन्माद की यह पहली घटना नहीं:
राजस्थान में धार्मिक उन्माद की यह पहली घटना नहीं है। उदयपुर से पहले बांसवाड़ा, करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद भी इसका दंश झेल चुके हैं। राज्यभर में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। अब वोट तंत्र इतना हावी है कि पुलिस अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करने से भी बचती दिखती है। पुलिस का खौफ लगभग खत्म होता सा नजर आ रहा है। दरअसल वारदात के बाद दोषियों को पकड़ा जरूर जाता है लेकिन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती। पुलिस भी गिरफ्तारी के बाद प्रकरण को इतिश्री देकर दूर हट जाती है। किसी भी जिले में ऐसी वारदात फिर न हो, इसे सुनिश्चित करने के ठोस कदम नहीं उठाए जाते।



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