पहले आई लिस्ट, फिर लोकेशन खंगाली… आधी रात PFI वर्कर्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी

58
पहले आई लिस्ट, फिर लोकेशन खंगाली… आधी रात PFI वर्कर्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी

पहले आई लिस्ट, फिर लोकेशन खंगाली… आधी रात PFI वर्कर्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे संबद्ध कई संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लग चुका है। इससे कुछ घंटे पहले ही मंगलवार को देश के सात राज्यों में ताबड़तोड़ छापे मारे गए थे। इस दौरान पीएफआई से कथित तौर पर जुड़े 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। छापेमारी की कार्रवाई उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश पुलिस ने की थी। दिल्ली पुलिस ने इस छापेमारी के लिए विशेष योजना बनाई थी। आगे पढ़िए पूरे ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी।

पहले आई एक लिस्ट
सोमवार को खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की सभी यूनिटों के साथ पीएफआई के वर्करों और सहानुभूति रखने वाले लोगों के नाम और पते की लिस्ट शेयर की। उनसे कहा गया कि हर शख्स की मौजूदा लोकेशन वेरिफाई कीजिए। मंगलवार को छह जिलों में व्यापक स्तर पर छापेमारी से पहले यह पहला कदम था। आखिर में सीआरपीसी की धारा 107/51 के तहत 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया, ‘पीएफआई संदिग्धों के खिलाफ यह एक संयुक्त और समन्वय के साथ की गई कार्रवाई थी।’

PFI Ban Gazette Notification: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन क्‍यों? गृह मंत्रालय की गिनाईं वजहें पढ़‍िए
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ज्यादातर गिरफ्तारियां दक्षिणपूर्वी दिल्ली में हुईं, जहां जामिया नगर, निजामुद्दीन और शाहीन बाग से 9 लोगों को उठाया गया। ईस्ट और रोहिणी जिले से छह गिरफ्तारियां, नॉर्थईस्ट से पांच, आउटर में तीन और एक शख्स सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट से अरेस्ट किया गया। उन्हें दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पिछले गुरुवार को भी एक साथ कई एजेंसियों ने NIA की अगुआई में छापेमारी की थी। तब आतंकी गतिविधियों को कथित तौर पर सपोर्ट करने के आरोप में 100 से ज्यादा पीएफआई वर्करों को गिरफ्तार किया गया था।

प्रोटेस्ट की तैयारी में थे वर्कर्स
सूत्रों ने एक्सप्रेस को बताया कि खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि पीएफआई के पदाधिकारी, वर्कर्स और सहानुभूति रखने वाले लोग कथित तौर पर कुछ सीनियर नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे। वे इसके लिए भीड़ को उकसा रहे थे। एक पुलिस सूत्र ने बताया कि सुबह 11.30 बजे के करीब लिस्ट शेयर करने के बाद स्पेशल सेल की सभी यूनिटों से कहा गया कि वे पता करें कि इन वर्करों की मौजूदा लोकेशन कहां है। तीन घंटे के बाद उनसे कहा गया कि वे पुलिसकर्मियों को भेजकर घर का पता वेरिफाई कराएं क्योंकि कुछ फोन नंबर स्विच ऑफ आ रहे थे।

इस्पेक्टरों को सख्त हिदायत थी कि वे अपने जूनियर को कुछ भी जानकारी शेयर न करें और शाम 4 बजे छह जिलों के डीसीपी- साउथईस्ट, आउटर, ईस्ट, सेंट्रल, नॉर्थईस्ट और रोहिणी- को रेड के बारे में सूचना दी गई। शाम 8.30 बजे स्पेशल सेल के इंस्पेक्टरों ने अपने जूनियर साथियों से ऑफिस में मौजूद रहने का निर्देश दिया। रात करीब 11.45 बजे स्पेशल सेल की टीम रवाना हो गई और संबंधित इलाके के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें आधी रात के बाद 1.15 बजे गिरफ्तार लोगों की डीटेल शेयर की जाने लगी। एक सूत्र ने बताया कि हिरासत में लेने के बाद उनसे शख्स की तस्वीर और सारी जानकारियां शेयर करने के लिए कहा गया था।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News