पसमांदा के जरिए मुसलमानों की पसंद बनने में जुटी BJP, अल्पसंख्यक मोर्चा बुद्धिजीवी वर्ग तक पहुंचाएगा अपनी बात

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पसमांदा के जरिए मुसलमानों की पसंद बनने में जुटी BJP, अल्पसंख्यक मोर्चा बुद्धिजीवी वर्ग तक पहुंचाएगा अपनी बात

पसमांदा के जरिए मुसलमानों की पसंद बनने में जुटी BJP, अल्पसंख्यक मोर्चा बुद्धिजीवी वर्ग तक पहुंचाएगा अपनी बात

मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ: हैदराबाद में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के जिस ‘वंचित वर्ग’ को अपना बनाने की बात कही थी, यूपी बीजेपी ने उन पसमांदा मुस्लिमों से रिश्ता बढ़ाने की पहल कर दी है। यूपी बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा की कोशिश पहले पसमांदा मुस्लिमों के बुद्धिजीवी वर्ग को रिझाने की है। उन तक बीजेपी की बात पहुंचाने के लिए पहली दफा रविवार को पसमांदा बुद्धिजीवी सम्मेलन बुलाया गया है। इसमें बीजेपी यह बताएगी कि उसने अब तक अल्पसंख्यकों और खासतौर पर पसमांदा मुस्लिमों के लिए क्या किया है?

पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस क्यों?
अल्पसंख्यक मोर्च के पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक कहते हैं कि पसमांदा पर्शियन शब्द है। इसके मायने हैं- काफिले या जत्थे का वह व्यक्ति जो यात्रा करते समय पीछे रह गया हो। यूपी में मुसलमानों में 90% पसमांदा ही हैं। केंद्र और यूपी सरकार की योजनाओं का फायदा इन्हीं को सबसे ज्यादा मिला है।

वह भी पसमांदा मुस्लिम मंच के बैनर तले एक सम्मेलन 18 अक्टूबर को कर रहे हैं। इसमें भी ज्यादातर लोग भाजपा के ही रहेंगे। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बाशित अली कहते हैं कि बीजेपी पसमांदा मुस्लिमों के लिए पहले से ही काम कर रही है। योजनाओं के करीब साढ़े चार करोड़ लाभार्थी इसी समाज से हैं। प्रधानमंत्री योजना के 20 लाख आवास भी पसमांदा मुस्लिमों को ही मिले हैं।

वोट के लिए रिझाने की कोशिश
जावेद कहते हैं कि मुस्लिमों के मन से भाजपा के प्रति जो भ्रम था, वह धीरे-धीरे दूर हो रहा है। उनका दावा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में 8% मुस्लिमों ने भी भाजपा को मत दिया था। वहीं, बाशित अली कहते हैं कि भाजपा ही मुस्लिमों को सम्मान दे रही है, अब लोग इसे समझने लगे हैं। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनावों में भाजपा को बिना मुस्लिम मतों के जीत नहीं मिल सकती थी। अब निकाय चुनाव से ही भाजपा मुस्लिम बहुल इलाकों में हर बूथ पर अपनी तैयारी कर रही है।

पसमांदा चेहरों पर दांव
योगी सरकार 2.0 में भाजपा ने शिया समुदाय की जगह पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले चेहरे दानिश अंसारी को राज्यमंत्री बनाकर दांव खेला गया है। इसके साथ सरकार और संगठन के दूसरे बड़े पदों पर भी पसमांदा मुस्लिमों को जगह दी गई है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी, उर्दू अकैडमी के चेयरमैन कैफुल वरा और मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तेखार जावेद इसी समाज से हैं।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशरफ जमाल सिद्दीकी भी पसमांदा समाज के हैं। यह सभी दोनों सम्मेलनों में मौजूद रहेंगे। पहला सम्मेलन 16 को मोर्चे के बैनर तले क्राइस्ट चर्च कॉलेज में होगा। दूसरा सम्मेलन 18 को विश्वेश्वरैया सभागार में होगा।

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