परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया बिगाड़ रही युवाओं की सेहत | long process of examinations is spoiling the health of the youth | Patrika News

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परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया बिगाड़ रही युवाओं की सेहत | long process of examinations is spoiling the health of the youth | Patrika News

परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया बिगाड़ रही युवाओं की सेहत | long process of examinations is spoiling the health of the youth | Patrika News



गोविंद अग्निहोत्री@भोपाल
संयुक्त लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा वर्ष 2020 में 12 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी किया। अंतिम परिणाम 24 सितंबर 2021 को जारी हुआ। यानी भर्ती पक्रिया एक साल, सात महीने और 12 दिन में पूरी हुई। 2017 से 2021 तक भर्ती प्रक्रिया औसतन 15 महीने में पूरी हुई।

इतनी लंबी प्रक्रिया पर कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने सवाल उठाए हैं। समिति ने कहा है कि लंबी भर्ती प्रक्रिया से उम्मीदवारों का समय बर्बाद हो जाता है। उनके शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। समिति ने यूपीएससी को भर्ती प्रक्रिया की अवधि कम करने की सिफारिश की है।

सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने सिविल सेवा परीक्षा में परीक्षार्थियों की गिरती संख्या पर भी चिंता जताई है। कहा है कि 2022-23 में यूपीएससी की परीक्षाओं के लिए लगभग 32.39 लाख अभ्यार्थियों ने आवेदन किए। इनमें से परीक्षा में सिर्फ 16.82 लाख (51.95 प्रतिशत) ही परीक्षा में शामिल हुए। 2022 में हुई परीक्षा के लिए 11.35 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किए थे। इनमें से 5.73 लाख (50.51 प्रतिशत) ही परीक्षा में बैठे।

यह भी सिफारिशें
1- खर्च का औचित्य बताइए
यूपीएससी ने मुकदमेबाजी में परामर्श शुल्क के नाम पर 10.25 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। समिति ने खर्च का औचित्य साबित करने के साथ खर्च कम करने की भी सिफारिश की है।

2- विशेषज्ञ समिति गठित करें
समिति पता लगाएगी कि भर्ती प्रक्रिया से क्या अंग्रेजी मीडियम के शहरी उम्मीदवारों और गैर अंग्रेजी मीडियम के ग्रामीण उम्मीदवारों को समान अवसर मिल रहा है या नहीं।

3- जवाब अपमानजक
संसदीय समिति ने कहा कि श्केंद्र सरकार के अधिकारियों्य में केंद्र सरकार की जगह भारत संघ किया जाना चाहिए। इस पर मंत्रालय ने कहा, समिति का अवलोकन इसके दायरे से बाहर हो सकता है। इस जवाब को समिति ने अपमानजनक और अविवेकपूर्ण करार दिया।

वर्ष – नोटिफिकेशन – फाइनल रिजल्ट – अवधि (वर्ष-माह-दिन)
2017 – 22.02 – 27.04.18 – 1 वर्ष, 2 माह, 5 दिन
2018 – 07.02 – 05.04.19 – 1 वर्ष, 1 माह, 28 दिन
2019 – 19.02 – 04.08.20 – 1 वर्ष, 5 माह, 15 दिन
2020 – 12.02 – 24.09.21 – 1 वर्ष, 7 माह, 12 दिन
2021 – 04.03 – 30.05.22 – 1 वर्ष, 2 माह, 26 दिन

टॉप टेन राज्यों में आइएएस अधिकारी
राज्य – स्वीकृत – कार्यरत
उत्तरप्रदेश – 652 – 548
मध्यप्रदेश – 439 – 370
महाराष्ट्र – 415 – 338
तमिलनाडू – 376 – 322
बिहार – 342 – 248
कर्नाटक – 314 – 242
गुजरात – 313 – 250
राजस्थान – 313 – 241
असम-मेघालय – 263 – 187
आंध्रप्रदेश – 239 – 194
– देश में 6746 पद स्वीकृत हैं, जबकि 5231 कार्यरत हैं।

(आंकड़े 1.1.2021 के अनुसार, स्वीकृत और नियुक्त कार्यबल के बीच सबसे ज्यादा अंतर उत्तरप्रदेश में है। सबसे कम अंतर 9 सिक्किम में है। यहां 48 पद स्वीकृत हैं, जबकि कार्यरत 39 हैं)

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