न gehlot न pilot, और कोई दूसरा Gurjar नेता, Devnarayan जयंती के कार्यक्रम में सिर्फ PM Modi, जानें क्यों

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न gehlot न pilot, और कोई दूसरा Gurjar नेता, Devnarayan जयंती के कार्यक्रम में सिर्फ PM Modi, जानें क्यों

न gehlot न pilot, और कोई दूसरा Gurjar नेता, Devnarayan जयंती के कार्यक्रम में सिर्फ PM Modi, जानें क्यों


जयपुर: गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायणजी के 1111वें अवतरण दिवस पर भीलवाड़ा में हुआ कार्यक्रम खूब चर्चा में है। वहीं इसे लेकर राजनीति चर्चाएं भी शुरू हो गई है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि गुर्जर समाज ने भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आमंत्रित नहीं किया। इसके अलावा गुर्जर समाज के बड़े नेता होने के बावजूद ना ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को और ना ही गुर्जर समाज के 8 विधायकों को बुलाया गया। कार्यक्रम देवनारायण मंदिर विकास समिति की ओर से आयोजित किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल के दौरान मालासेरी में देवनारायण मंदिर के लिए लगभग साढे 4 करोड़ रुपए की लागत से पैनोरमा का निर्माण करवाया गया था। समिति की ओर से राजे को आमंत्रण भेजा गया लेकिन राजे 28 जनवरी को आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। कार्यक्रम का पूरा फोकस गुर्जर समाज पर था लेकिन इसमें केवल पीएम नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया गया।

पायलट और समाज के अन्य विधायकों को किया दरकिनार

सचिन पायलट गुर्जर समाज के युवा चेहरे होने के साथ मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। वे ना केवल राजस्थान में बल्कि देशभर में लोकप्रिय हैं। लेकिन समाज के इस कार्यक्रम में पायलट को भी आमंत्रित नहीं किया गया। पायलट समेत गुर्जर समाज के विधायक हैं। इन विधायकों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया। बीजेपी के नेताओं ने कार्यक्रम की तैयारियों में हिस्सा लिया लेकिन मंच पर किसी भी नेता को स्थान नहीं दिया गया। केवल केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और स्थानीय सांसद सुभाष बहेड़िया को ही पीएम मोदी के साथ मंच पर जगह दी गई। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भीलवाड़ा में पीएम मोदी की अगुवानी की, लेकिन उन्हें भी मंच पर स्थान नहीं दिया गया।

यह तर्क दिया देवनारायण मंदिर विकास समिति ने

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य गुर्जर नेताओं को कार्यक्रम में नहीं बुलाने के सवाल पर देव नारायण मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष हेमराज पोसवाल ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ये राजनैतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक धार्मिक कार्यक्रम था। कुछ महीनों पहले ही कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी। इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी और राज्यपाल को आमंत्रित करना तय किया गया था। जब पीएम मोदी का कार्यक्रम बन गया तो अन्य किसी नेता को आमंत्रण नहीं भेजा गया। देश के सांस्कृतिक मंत्रालय ने कार्यक्रम में सहयोग दिया।

इसलिए सांस्कृतिक मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को आमंत्रित किया गया। सचिन पायलट को निमंत्रण नहीं भेजने के बारे में पोसवाल ने कहा कि पिछले कुछ कार्यक्रमों में पायलट को आमंत्रित किया गया था लेकिन वे नहीं आए। ऐसे में इस बार उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि कुछ केन्द्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया लेकिन यह कार्यक्रम पूरा गुर्जर समाज पर फोकस्ड था। इसलिए केन्द्रीय मंत्री इस समारोह का हिस्सा नहीं बने। देवनारायण बोर्ड के चेयरमैन जोगेन्द्र अवाना को बुलावा भेजा गया था लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं बुलाए जाने के कारण अवाना इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

1 नवंबर को मोदी के साथ मंच साझा किया था गहलोत ने

इससे पहले 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांसवाड़ा जिले के मानगढ धाम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। आदिवासी समाज की ओर से मानगढ धाम में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ सीएम अशोक गहलोत को भी आमंत्रित किया गया था। गहलोत के साथ मंच साझा करते हुए पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की थी।

मोदी ने कहा था कि पहले हम मुख्यमंत्रियों की जमात में गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्री थे। इस दौरान पीएम मोदी ने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा था कि आदिवासियों के आराध्य गोविन्द गुरू की उपेक्षा हुई है। इतिहास में उन्हें उचित स्थान नहीं मिला। पूर्ववर्ती सरकार की इस गलती का अब केन्द्र सरकार सुधार करेगी। इस दौरान गहलोत भी पीएम मोदी पर तंज कसने से नहीं चूके। गहलोत ने कहा कि दुनिया में हमारे देश के प्रधानमंत्री को जो मान सम्मान मिल रहा है, वह इसलिए मिल रहा है क्योंकि यह गांधी का देश है। कांग्रेस ने 70 साल तक लोकतंत्र को कायम रखा, इस वजह से देश का मान बढा है। इस दौरान गहलोत ने रतलाम डूंगरपुर रेल प्रोजेक्ट बंद करने पर भी केन्द्र सरकार पर तंज कसा था।

बड़ी घोषणा की उम्मीद थी पीएम से

गुर्जर समाज के नेता और स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला ने पीएम मोदी के आने से पहले कहा था कि गुर्जर समाज के लिए बड़ा ऐलान होने की उम्मीद है। गुर्जर समााज की तीन बड़ी मांगें थी। गुर्जर आरक्षण के प्रावधान को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने, मालासेरी डूंगरी के विकास के लिए स्पेशल प्रोजेक्ट और गुर्जर रेजिमेंट की घोषणा की उम्मीद थी। लेकिन पीएम मोदी ने समाज के लिए कोई भी ऐलान नहीं किया।

हालांकि पीएम ने गुर्जर समाज के महापुरुषों, स्वतंत्रता सैनानियों और वीर योद्धाओं की काफी तारीफ की लेकिन समाज के लिए कोई घोषणा नहीं की। इस पर कांग्रेस से जुड़े गुर्जर नेताओं ने इस दौरे को समाज के लिए छल करार दिया। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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