न टीना डाबी न गहलोत सरकार ने सुनी फरियाद तो गुस्से में लड़कियों ने स्कूल पर जड़ दिया ताला

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न टीना डाबी न गहलोत सरकार ने सुनी फरियाद तो गुस्से में लड़कियों ने स्कूल पर जड़ दिया ताला

न टीना डाबी न गहलोत सरकार ने सुनी फरियाद तो गुस्से में लड़कियों ने स्कूल पर जड़ दिया ताला


जैसलमेर: जैसलमेर में मंगलवार को जिला कलेक्टर टीना डाबी के कार्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, मूलाना की छात्राओं ने ताला लगा दिया। विद्यालय में बीते 2 वर्षों से खाली पड़े शिक्षकों के पदों को लेकर छात्राएं गुस्से में थीं। इसके चलते विद्यालय पर ताला जड़ दिया। बालिकाओं के साथ ही उनके अभिभावक भी सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य सड़क मार्ग पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया और शिक्षा विभाग व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।

लड़कियों ने गहलोत सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बालिकाओं का कहना है कि राज्य सरकार खुद को बालिकाओं के प्रति संवेदनशील होने का दावा करती है। लेकिन हमारे सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में एक भी फर्स्ट ग्रेड टीचर नहीं है। पूरी तरह से पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बातें करती हैं, वही हमें खुद शिक्षा के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। हमारे जिले के लिए यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि जहां बेटियां स्कूल में होनी चाहिए, वहीं आज हम शिक्षा के हक के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं। लड़कियों ने गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

288 बालिकाओं का भविष्य 2 शिक्षकों के भरोसे

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इस विद्यालय में 288 छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। लेकिन यहां कार्यरत शिक्षक महज 3 ही हैं, जिसमें एक शारीरिक शिक्षा यानी पीटी के टीचर हैं। और 2 सेकंड ग्रेड टीचर हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक भी फर्स्ट ग्रेड अध्यापक नहीं है। ऐसे में 288 बच्चियों का भविष्य महज 2 शिक्षकों के भरोसे है। वार्षिक परीक्षा को महज 10 दिन बचे हैं। ऐसे में अपनी पढ़ाई की चिंता को देखते हुए यहां की बालिकाओं ने विद्यालय पर ताला जड़ दिया।

गुहार के बाद भी नहीं हुआ समाधान तो जड़ा ताला: छात्रा

गुहार के बाद भी नहीं हुआ समाधान तो जड़ा ताला: छात्रा

स्टूडेंट पुष्पा कंवर ने बताया कि स्कूल में केवल 3 ही टीचर हैं, जो इंग्लिश, हिंदी पढ़ाते हैं। वहीं एक पीटी टीचर हैं। स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ाई केवल 2 टीचरों के भरोसे है। हम लोग लंबे समय से स्कूल में और टीचर की मांग कर रहे थे। कभी बार जिला प्रशासन को भी अवगत कराया। छात्रा ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों के 18 पद रिक्त हैं। वहीं 13 पद स्वीकृत भी हैं। लेकिन इस बात को लेकर प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंगी। आखिरकार हमारी समस्या का समाधान नहीं होता देखा तो आज हमने विद्यालय का ताला जड़ दिया। क्योंकि जिस विद्यालय में शिक्षक ही नहीं हैं, उसमें ताला जड़ देना ही अच्छा है।

हाई सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में एक भी लेडी टीचर नहीं

हाई सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में एक भी लेडी टीचर नहीं

शहर से महज 50 किलोमीटर दूर इस गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल है। जहां 300 के करीब बच्चियां हैं। लेकिन यहां एक भी लेडी टीचर नहीं है। जबकि शहर के विद्यालयों में लेडी टीचरों की भरमार है। शहर में ऐसे कई विद्यालय हैं, जहां बच्चियों की संख्या भी कम है लेकिन वहां राजनीतिक शय के चलते लेडीज टीचरों के पद भरे हुए हैं। वहीं इन जैसी सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल की बालिकाओं को आज भी अपने स्कूल में लेडी टीचर का इंतजार है।

शिक्षा विभाग के ऑर्डर के बाद धरना हुआ समाप्त

शिक्षा विभाग के ऑर्डर के बाद धरना हुआ समाप्त

करीब 3 घंटे तक बच्चियों ने विद्यालय की तालाबंदी और प्रदर्शन किया। इसके बाद शिक्षा विभाग की आंख खुली। शिक्षा विभाग के सीबीओ राजू दान ने निर्देशन में विद्यालय में दो टीचरों को डेपुटेशन पर लगाने का आश्वासन दिया गया। इस पर बालिकाओं ने अपना धरना खत्म किया और विद्यालय का ताला खोला। (रिपोर्ट- जगदीश गोस्वामी)

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