नीतीश पर बरसे सुशील मोदी, कहा- इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस की गोद में बैठ छाती पीट रहे हैं, विजय सिन्हा ने कही बड़ी बात

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नीतीश पर बरसे सुशील मोदी, कहा- इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस की गोद में बैठ छाती पीट रहे हैं, विजय सिन्हा ने कही बड़ी बात

नीतीश पर बरसे सुशील मोदी, कहा- इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस की गोद में बैठ छाती पीट रहे हैं, विजय सिन्हा ने कही बड़ी बात


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भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के सभी नेताओं पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिस कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपा, सेंसरशिप लागू किया और सैंकड़ों पत्रकारों को जेल में डाल दिया, उसकी गोद में बैठकर जदयू बीबीसी के बहाने प्रेस की आजादी पर छाती पीट रहा है।

प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की साजिश

सुशील मोदी ने दावा किया कि आज बीबीसी की निष्पक्षता 40 साल पहले जैसी नहीं रही। कभी इसकी प्रशंसा जेपी आंदोलन के दौर में अनेक राजनेता कर चुके हैं। भाजपा नेता सुशील मोदी ने दावा किया कि इस सदी की शुरुआत से ही बीबीसी भारत-विरोधी रवैया अपना रहा है।  फिर भी प्रधानमंत्री मोदी का उसकी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री और उसके कार्यालयों पर आयकर टीम के सर्वे के बीच कोई संबंध नहीं है। पीएम मोदी को गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामलों में क्लीनचिट मिल चुकी है। इसके बाद भी उनकी छवि खराब करने के लिए फिल्म बनाना कोई निष्पक्षता नहीं। उन्होंने बताया कि बीबीसी ने जब आयकर के दर्जनों नोटिस का जवाब नहीं दिया, तब अफसरों की टीम सर्वे करने गई।

सुशील मोदी ने जदयू जदयू नेताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश पर आपातकाल थोपा था। उस समय जबरन सेंसरशिप लागू कर दिया गया। देश भर के सैंकड़ों पत्रकारों को उस समय की सरकार ने जेल में डाल दिया। लेकिन लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नाम पर राजनीति चमकाने वाले लोग आज उसी कांग्रेस पार्टी की गोद में बैठ गए हैं। अब वही लोग प्रेस की स्वतंत्रता पर अपनी छाती पीट रहे हैं। 

कांग्रेस के साथ वाले नेताओं की जेपी पेंशन बंद हो 

इधर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर मांग की है कि कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने वाले नेताओं की जेपी पेंशन बंद की जाए। जयप्रकाश नारायण ने जीवन भर कांग्रेस की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी और 1974 में आंदोलन का नेतृत्व किया। 1977 के चुनाव में देश और राज्य से कांग्रेस को उखाड़ फेंका।

राज्य के हजारों गैर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इसमें भाग लिया। जेपी सेनानी सम्मान योजना के तहत 2009-10 में पेंशन शुरू की गयी। कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाले नेताओं को स्वत जेपी पेंशन का त्याग कर देना चाहिए।

कांग्रेस के साथ सरकार चलाने वाले नेताओं को एक शपथ पत्र जेपी पेंशन कार्यालय में देना चाहिए। उसमें यह उल्लेख हो कि चूंकि जेपी कांग्रेस के अत्याचार एवं तानाशाही का विरोध कर आंदोलन चलाया था, इसलिये कांग्रेस के साथ आने के कारण हम इस जेपी सम्मान पेंशन का त्याग कर रहे हैं। कहा कि समाजवाद के नाम पर हो रहे खेल को जनता समझ चुकी है।

 

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