नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की उम्मीद नहीं छोड़ी, देश यात्रा पर दिया अपडेट

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नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की उम्मीद नहीं छोड़ी, देश यात्रा पर दिया अपडेट

नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की उम्मीद नहीं छोड़ी, देश यात्रा पर दिया अपडेट


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी विरोधी सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की उम्मीद अभी नहीं छोड़ी है। वे इंतजार कर रहे हैं कि सभी पार्टियां एक साथ बैठे और फिर मोर्चेबंदी पर चर्चा करें। इसके लिए आने वाले दिनों में वे देश यात्रा पर निकलने वाले हैं। बता दें कि पिछले साल शुरू हुई नीतीश की विपक्षी एकजुटता की मुहिम फिलहाल ठंडे बस्ते में है।

विपक्षी एकता को लेकर देश की यात्रा पर जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एक बार वे हर एक पार्टी से बातचीत कर चुके हैं। अभी कई पार्टियों का अपना-अपना कार्यक्रम चल रहा है। जब उनका कार्यक्रम खत्म हो जाएगा और वे बुलायेंगे तो कितने दल आगे मिलकर काम करेंगे, यह बैठकर तय हो जाएगा। सीएमअभी सभी पार्टियां अपने-अपने काम में लगी हैं। लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं हैं। हमलोग इंतजार कर रहे हैं कि सभी दल एक साथ बैठकर चर्चा करें। 

पटना में तारामंडल के आधुनिकीकरण कार्य का शुक्रवार को जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में हम लोग सात पार्टियों को साथ में लेकर सरकार चला रहे हैं। राज्य के महागठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर देशभर में विपक्षी दलों को एकजुट होना है तो सभी के साथ बैठकर बातचीत करनी होगी। कांग्रेस की अभी यात्रा चल रही है। सभी लोग जब फ्री हो जाएंगे तो मिल बैठकर चर्चा करेंगे।

बता दें कि अगस्त 2022 में बीजेपी का साथ छोड़कर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने देश भर के विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की थी। इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, केसीआर, शरद पवार समेत अन्य कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। मगर बीजेपी के खिलाफ नए मोर्चे को लेकर बात नहीं बन पाई और नीतीश की मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई। 

नीतीश फिलहाल बिहार में समाधान यात्रा निकाल रहे हैं। फिर 24 फरवरी से बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो जाएगा। बजट सेशन खत्म होने के बाद सीएम नीतीश देश की यात्रा पर भी निकलेंगे और विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। 

केसीआर के मोर्चेबंदी की कवायद

दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी विपक्षी मोर्चा बनाने में जुटे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने राज्य में एक रैली का आयोजन किया था, जिसमें अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, पिनरई विजयन सरीखे नेताओं को बुलाया गया था। अब 17 फरवरी को वे हैदराबाद में एक और रैली करने वाले हैं, जिसमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को बुलाया गया है। हालांकि, नीतीश इस रैली में शामिल नहीं होंगे, उनकी जगह ललन सिंह और आरजेडी से तेजस्वी हैदराबाद जाएंगे।

केसीआर की मोर्चेबंदी से नीतीश की दूरी

पीएम कैंडिडेट पर सहमति नहीं

बताया जा रहा है कि विपक्षी के एकजुट होने की मुहिम में सबसे बड़ी अड़चन प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर आ रही है। जेडीयू जहां नीतीश को पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है। वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) केसीआर को इसका दावेदार मान रही है। इस रेस में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी का नाम भी शामिल हैं। यानी कि सभी दलों के नेताओं की अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। इस कारण 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने में बाधाएं आ रही हैं।

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