नीतीश कुमार को बाहुबलियों से इतना प्रेम क्यों

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नीतीश कुमार को बाहुबलियों से इतना प्रेम क्यों

नीतीश कुमार को बाहुबलियों से इतना प्रेम क्यों


नीलकमल, पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी के जिन राष्ट्रीय पदाधिकारियों का मनोनयन किया है। उनमें उत्तर प्रदेश के धनंजय सिंह का नाम भी शामिल है। बीजेपी का कहना है कि धनंजय सिंह को पार्टी में शामिल कर जेडीयू ने साबित कर दिया कि वह क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से समझौता कर चुकी है। बिहार भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बताया कि समाजवादी विचारधारा के नेता रहे केसी त्यागी को हटाकर जेडीयू ने जिस धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है, उसका आपराधिक रिकॉर्ड क्या है।

रामसागर सिंह ने बताया JDU महासचिव धनंजय सिंह का आपराधिक इतिहास

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने तो 2015 में ही आरजेडी के साथ सरकार बनाकर क्राइम और क्रिमिनल से समझौता कर लिया था। अब उत्तर प्रदेश में दबंग बाहुबली अपराधी धनंजय सिंह को अपनी पार्टी में महासचिव बनाकर नीतीश कुमार कर खुलेआम ऐलान कर रहे हैं कि जेडीयू के लिए अब अपराधी अछूत नहीं हैं। बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बताया की धनंजय सिंह कितना बड़ा अपराधी है। बिहार बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में दबंग नेता की पहचान रखने वाले धनंजय सिंह जौनपुर से सांसद और विधायक भी रह चुके हैं। अक्टूबर 2020 के चुनावी हलफनामे में धनंजय सिंह के ऊपर 7 मुकदमों का जिक्र है, जिसमें हत्या और हत्या के प्रयास के लिए करीब 20 धाराओं में मामला दर्ज है।

बीएसपी नेता रह चुका धनंजय सिंह ने पत्नी को भी बनाया पंचायत अध्यक्ष

बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बताया कि धनंजय सिंह पर जनवरी 2021 में हत्या का केस दर्ज हुआ था। उन्होंने बताया कि हत्या के आरोप में धनंजय सिंह कई बार जेल की हवा भी खा चुके हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने बताया कि धनंजय सिंह जौनपुर विधानसभा सीट से 2002 और 2007 में चुनाव भी जीत चुके हैं। इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर 2009 में लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। उनकी पत्नी जौनपुर से ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।

अजीत सिंह हत्याकांड में भी शामिल था धनंजय सिंह : रामसागर सिंह

बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बताया कि 6 जनवरी 2021 में लखनऊ में मोहम्मदाबाद के गुहाना ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या मामले में भी धनंजय सिंह को मुख्य साजिशकर्ता का आरोपी बनाकर केस दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मार्च 2021 में धनंजय सिंह पर 25 हज़ार रुपये के इनाम की घोषणा की थी। इसके बाद 5 मार्च 2021 को धनंजय सिंह ने अपने एक पुराने मामले में प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया था।

धनंजय सिंह ने कैसे रखा राजनीति में कदम

भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश के प्रवक्ता रामसागर सिंह ने यह भी बताया कि जौनपुर के एक कॉलेज से छात्र नेता के तौर पर राजनीति की शुरुआत करने वाले धनंजय सिंह ने लखनऊ के यूनिवर्सिटी में भी छात्र नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। इसी बीच जो लखनऊ यूनिवर्सिटी में गैंगस्टर अभय सिंह से उसकी दोस्ती हुई। लखनऊ में अभय सिंह और धनंजय सिंह पर कई मामले दर्ज हैं। सरकारी टेंडर में वसूली मामले से लेकर कई आपराधिक घटनाओं में धनंजय सिंह की संलिप्तता बताई जाती रही है। बताया जाता है कि 1998 में ही धनंजय सिंह पर 12 मुकदमे दर्ज हो गए थे और वह 50 हज़ार का इनामी बदमाश बन चुका था।

2015 में ही करप्शन से भी समझौता कर चुके हैं नीतीश कुमार

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जब 2015 में भ्रष्टाचार में लिप्त लालू परिवार और बिहार में जंगलराज स्थापित करने वाले आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाकर मुख्यमंत्री ने यह संदेश दे दिया था कि उन्होंने करप्शन से भी समझौता कर लिया है। रामसागर सिंह ने कहा कि हालांकि करप्शन से समझौता करने के बाद जब नीतीश कुमार की भद्द पीटने लगी तो उन्होंने लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ दिया लेकिन करप्शन के साथ समझौता नहीं तोड़ा। यही वजह है कि 2022 में फिर से उन्होंने चारा मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव और जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में फंसे उनके पूरे परिवार के साथ मिलकर बिहार में फिर से सरकार बना लिया। अब तो हालात यह है कि नीतीश कुमार खुलकर भ्रष्टाचार में लिप्त लालू परिवार को बचाने के लिए हर हथकंडे को अपनाने के लिए तैयार हैं।

नीतीश कुमार के कम्युनलिज्म वाली बात भी झूठी : रामसागर सिंह

बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज जिस भारतीय जनता पार्टी को वह कम्युनल बता रहे हैं। उसी के साथ मिलकर उन्होंने 17 साल तक बिहार में राज किया। रामसागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को न तो अपराधियों से परहेज है, न ही भ्रष्टाचारियों से। उन्होंने कहा कि जहां तक कम्युनिज्म की बात है तो इस मामले में नीतीश कुमार ने तो तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा पार कर चुके हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रमजान के मौके पर मुस्लिम कर्मचारियों को एक घंटा देरी से आने की और एक घंटा पहले जाने की छूट देकर यह साबित भी कर दिया है। इसके अलावा नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के राज में बिहार के सीमांचल इलाके के स्कूल में कश्मीर को अलग देश ही बता दिया गया। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने तुष्टीकरण की हद पार करते हुए गुलाम रसूल बलियावी जैसे कट्टर इस्लामी सोच वाले नेता को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव तक बना दिया।

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