नागौर में ‘गांवों की सरकार’ का आमरण अनशन जारी, सर्द मौसम के बीच 6 सरपंचों की बिगड़ी तबियत, संघर्ष जारी
यहीं नहीं, मूंडवा की पंचायतों में हुए कार्यों की तीसरी बार जांच शुरू करवा दी है। सरपंचों का आरोप है कि पंचायत राज मंत्री रमेश मीना ने जिद के चलते ऐसा हो रहा है। उनका कहना है चूंकि पिछले साल जो सरपंच संघ का आंदोलन हुआ, उसकी शुरुआत मूंडवा के ही सरपंचों ने की थी। सरपंचों का आरोप है कि मंत्री इस अहम की लड़ाई बनाकर ऐसा कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मूंडवा पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में दो साल से मनरेगा का बकाया भुगतान नहीं मिला है। इसी से परेशान मूंडवा के 20 आमरण अनशन पर बैठे हैं। यह अनशन 24 जनवरी से शुरू हुआ। शुरुआत में 6 सरपंचो ने अनशन शुरू किया। अब यह संख्या 20 हो गई है। इस दौरान इन सरपंचों में से 7 सरपंचों की तबियत बिगड़ चुकी है। तीन की तबियत लगातार बिगड़ रही है।
तबियत बिगड़ी,जिला प्रशासन मौन
लगातार 6 दिन से आमरण अनशन के कारण मूंडवा के 6 सरपंच और एक सरपंच प्रतिनिधि की तबियत बिगड़ गई है। इनमें से असावरी सरपंच मांगीलाल, पालडी जोधा सरपंच जगदीश खोजा, बलाया के सरपंच प्रतिनिधि पुखराज काला की तबीयत अधिक बिगड़ गई है। सरपंच संघ के संरक्षक पुखराज काला,असावरी सरपंच मांगीलाल और कड़लू सरपंच लालाराम की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जेएलएन अस्पताल के लिए रेफर किया गया है।
इन तीन सरपंचों के अलावा चार और सरपंचों की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। कुल 20 सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हैं।
बारिश और ठंड के बीच संघर्ष जारी
मूंडवा पंचायत समिति क्षेत्र के सरपंचों के इस आंदोलन के बीच आज सुबह से ही बारिश का दौर चल रहा है। बारिश ने सरपंचो की परेशानी बढ़ा दी है। एक तरफ तो छह दिन से सरपंच भूखे-प्यासे बैठे हैं । वहीं दूसरी तरफ बारिश और ठंड भी सरपंचो की मुश्किल बढ़ा रही है।
मेडिकल जांच में हेरफेर का आरोप
अनशन कर रहे माणकपुर सरपंच त्रिभुवन सिंह ने आरोप लगाया कि मूंडवा की मेडिकल टीम की ओर से जांच की गई है जो रिपोर्ट भी फर्जी बनाई जा रही है, ताकि सरकार तक उनकी बात नहीं पहुंचे। जबकि सरपंच 6 दिन से आमरण अनशन पर है।
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