नवादा के किसानों पर दोहरी मार, जिले में बारिश की बेरुखी के बीच 184 राजकीय नलकूपों में से 112 नलकूप खराब

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नवादा के किसानों पर दोहरी मार, जिले में बारिश की बेरुखी के बीच 184 राजकीय नलकूपों में से 112 नलकूप खराब

नवादा के किसानों पर दोहरी मार, जिले में बारिश की बेरुखी के बीच 184 राजकीय नलकूपों में से 112 नलकूप खराब

नवादा: नवादा में अबतक बारिश की बेरुखी से जिले के किसान परेशान हैं। खरीफ के पटवन की नौबत आ गयी है, ऐसे में जिले के नलकूपों पर जगी उम्मीदों ने भी धोखा देना शुरू कर दिया है। जिले में कुल 193 नलकूप हैं। इनमें से नौ शहरी क्षेत्र में हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं होता है। दुर्भाग्य यह है कि शेष बचे 184 नलकूपों में सिर्फ 72 नलकूप ही वर्तमान में काम कर रहे हैं। इस प्रकार जिले के 112 नलकूप खराब पड़े हैं। किसानों को हालिया दिनों में मौसम की बेरूखी के कारण अपनी फसलों के पटवन के प्रति चिंता खाए जा रही है। खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपनी का कार्य बारिश के अभाव के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। अभी तक बारिश की जो स्थिति बनी हुई है, उसमें किसानों को नलकूप से पटवन की अत्यधिक जरूरत पड़ गई है, लेकिन स्थिति यह है कि कहीं तकनीकी त्रुटि तो कहीं बिजली के अभाव को लेकर नलकूप बेकार पड़े रहने से किसानों को पटवन का लाभ नहीं मिल पा रहा है।


बोरिंग से पटवन में है भारी परेशानी
धान की खेती के लिए एक पुरानी कहावत आज तक चली आ रही है। धान और पान, नित्य स्नान, यानी पान और धान की खेती के लिए रोज पानी चाहिए, तभी उन्नत खेती हो सकेगी। लेकिन वर्तमान में बारिश का जो मिजाज है, उससे ऐसा लग रहा कि किसानों के लिए खेतों का पटवन करना मुश्किल हो जाएगा। इन हालातों में फसलों को बचाने के लिए किसानों के पास पटवन के लिए बोरिंग का विकल्प बचा हुआ है। जिले में बोरिंग से पटवन समय और व्यय साध्य साबित होता रहा है। नलकूप का विकल्प ऐसे वक्त में काफी काम आता है, इसलिए किसानों का जोर है कि पटवन के समय तक नलकूपों को काम के लायक बनाने की कवायद विभाग पूरी करा दें, ताकि किसानों के फसलों को बचाया जा सके।

सारे नलकूप हो जाएं चालू तो किसान हो जाएंगे खुशहाल
कृषि जानकारों की बात करें तो अगर जिले के सारे नलकूपों को पटवन के लिए चालू करा दिए जाए तो किसान खुशहाल हो जाएंगे। नलकूप से पटवन की स्थिति बताती है कि एक नलकूप से औसतन 20 हेक्टेयर में खेतों का पटवन होता है। इस तरह से जिले के सभी 184 नलकूपों को अगर चालू करा दिया जाए तो जिले में करीब 2680 हेक्टेयर खेतों को पानी मिलने लगेगा। आंकड़ों पर गौर करें तो खरीफ में औसतन 682.80 हेक्टेयर तक खेतों में पानी पहुंचाया गया। वहीं, गरमा में 141.76 हेक्टेयर खेत को पानी दिया गया, जबकि रबी सीजन में 519.70 हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंचाया गया है। विभाग की मानें तो एक पखवारे के अंदर ज्यादा से ज्यादा नलकूपों को चालू करा दिया जाएगा।

मरम्मत के लिए मिले 2.29 करोड़ रुपये
लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सर्वेश कुमार चौधरी कहते हैं कि जिले के खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गयी है। नलकूपों की मरम्मत का कार्य अब संबंधित पंचायतों के मुखिया के माध्यम से कराया जाना है। अभी खराब पड़े नलकूपों में से 50 की मरम्मत कराने के लिए विभाग को 2.29 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैं। खराब नलकूपों को ठीक कराने में आवश्यकतानुसार जितनी राशि की जरूरत पड़ेगी, लघु सिंचाई विभाग संबंधित पंचायत के मुखिया को उतनी राशि उपलब्ध करा चुकी है। जरूरत के मुताबिक पंचायतों में नई बोरिंग व खराब मोटर को ठीक कराना है, जहां नए मोटर को लगाने की जरूरत होगी, वहां खरीदकर लगाया जाएगा। सिर्फ दिक्कत यह आ रही है कि नवादा जिले में बोरिंग के लिए ड्रिल मशीन व अन्य साधन की समस्या सामने आ रही है। इसके अलावा जिले में महज तीन नलकूल बिजली की कमी के कारण बंद पड़े हैं। बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को ठीक कराने के लिए नकलूप विभाग ने पत्र लिखा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सर्वेश कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के सारे राजकीय नलकूपों को पंचायत में हस्तांतरित करा दिया गया है। अभी 72 नलकूप चालू हैं, शेष बंद पड़े 50 नलकूपों को चालू कराने के लिए विभाग द्वारा राशि पंचायतों में भेज दी गयी है। यह सभी ठीक हो जाएंगे तो कुल 122 नलकूप कार्यरत हो जाएंगे। खरीफ की फसल को पटवन के लिए एकदम उचित समय पर पानी उपलब्ध रहेगा। नलकूपों को चालू कराने के लिए डीएम खुद मॉनिटरिंग कर रही हैं। (नवादा से अमन राज की रिपोर्ट)

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