नदी सफाई के साथ सजावट के नाम पर भी करोड़ों का लगाया पलीता | Crores were destroyed in the name of decoration along with river clean | Patrika News

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नदी सफाई के साथ सजावट के नाम पर भी करोड़ों का लगाया पलीता | Crores were destroyed in the name of decoration along with river clean | Patrika News

नदी सफाई के साथ सजावट के नाम पर भी करोड़ों का लगाया पलीता | Crores were destroyed in the name of decoration along with river clean | Patrika News

इंदौरPublished: Dec 18, 2022 06:09:32 pm

कान्ह-सरस्वती नदी: 9.18 करोड़ के पत्थर लगे उखड़ने

नदी सफाई के साथ सजावट के नाम पर भी करोड़ों का लगाया पलीता

नदी सफाई के साथ सजावट के नाम पर भी करोड़ों का लगाया पलीता

इंदौर. कान्ह और सरस्वती नदी की सफाई के नाम पर 15 साल में नगर निगम ने 1157 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन राज्य सरकार ने नदी को प्रदूषित घोषित कर दिया। इसकी सफाई के नाम पर किए गए काम दो साल में ही जवाब देने लगे हैं। नदी पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने जहां 9.18 करोड़ खर्च किए थे, वहां के पत्थर उखड़ने लगे हैं। नदी सफाई का बड़ा काम बताते हुए 2 साल पहले नगर निगम ने जहां सरस्वती वंदना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया था। अमितेष नगर के उसी घाट पर दूर से गुजरने से लोग बच रहे हैं, क्योंकि यहां नदी का पानी दुर्गंध फैला रहा है।
स्मार्ट सिटी के बर्बाद होते 9.18 करोड़
स्मार्ट सिटी कंपनी ने एरिया बेस्ड डेवलपमेंट क्षेत्र में आने वाले गणगौर घाट से लेकर जयरामपुर पुल तक नदी के दोनों किनारों पर 9.18 करोड़ खर्च कर नया स्वरूप देने का दावा किया था। नदी के दोनों ओर पत्थरों को रखकर गेवेडियन वॉल तैयार की थी। पाथ-वे बनाकर इनके आसपास लाखों रुपए के बिजली के पोल और लाइट लगाई गई थी। लाखों रुपए के छोटे पौधे लगाए थे। लगभग दो साल पहले ही ये काम पूरा हुआ है, लेकिन यहां की सजावट बिखरने लगी है। दीवार जगह-जगह से टूट रही है। इसके कई कोने धंस गए हैं।
बर्बादी का कारण: अधिकारियों ने पत्थर तो लगा दिए, लेकिन उसमें न मिट्टी डाली और न नदी के किनारों पर गहरी जड़ वाले पेड़ लगाए। इससे पत्थरों की पकड़ नहीं हो पाई और अब पत्थर गिरने लगे हैं।
उखड़ गए घाट
नदी के सौंदर्यीकरण के दावों में निगम अमितेष नगर के कार्यों को उपलब्धि के तौर पर पेश करता है। खासतौर पर 22 फरवरी 2021 को यहां हुए सरस्वती वंदना के सांस्कृतिक कार्यक्रम को। तब सांसद शंकर लालवानी ने भाषण में कहा था कि यहां जो काम हुआ है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। दरअसल, निगम ने यहां पुराने पुल को स्टॉप डेम में बदलने के साथ नदी का पानी रोका था। नदी किनारे रेलिंग लगाकर पत्थर के घाट बनाए थे। नदी के पानी को साफ रखने के लिए पांच से ज्यादा फ्लोटिंग फव्वारे लगाए थे। नदी के अंदर हरियाली के लिए फ्लोटिंग आइलैंड बनाए गए थे।
वर्तमान स्थिति: स्टॉप डेम के आगे ही सीवरेज का पानी नदी के पानी में मिल रहा है। नदी में पानी भरने के कारण सालभर पहले फव्वारे बाहर निकाले थे, जो बाहर ही हैं। एक फव्वारे को किसी ने जला दिया, लेकिन अफसरों को इसकी खबर तक नहीं है। नदी में जमी गाद और गंदे पानी से दुर्गंध फैल रही है। पुल की रेलिंग टूट चुकी है, जिससे पुल से गुजरना खतरनाक हो गया है।
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– नदी किनारों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी जोन को सौंप दी गई है। जोनल कार्यालय टूट-फूट को सही करवा रहा है। यदि कोई दिक्कत है तो हम उसे सही करवाएंगे।
– सुनील गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम

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