नए ट्रेंड व लुक में आएंगे बप्पा, GST के चलते 25 से 30 प्रतिशत तक महंगे हुए रेट | Demand for Ganesh ji form of Hanuman increased on Ganesh Chaturthi | Patrika News
इन कलाकारों की बनाई विघ्नहर्ता गणेश की महाकाल और पितृपर्वत की भव्य मूर्तियां लोगों को खूब लुभा रहीं हैं। 31 अगस्त को घरों और पंडालों में विघ्नहर्ता विराजमान होंगे। इंदौर में बन रही मूर्तियों की डिमांड शहर के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भी हैं। यहां के कारीगरों को भोपाल, उज्जैन, राजगढ़, कन्नोज, बैतूल और कई अन्य शहरों सहित राजस्थान तक के आर्डर मिल रहे है। इमसें नृत्य करते हुए गणेश, बालाजी, रणजीत हनुमान, शिव पार्वती, मौर, हाथी सहित महाकाल और पितृपर्वत हनुमान की मूर्तियों की डिमांड खूब बढ़ी है।
अलग-अलग डिजाइन और पैटर्न में प्रतिमा
मूर्तिकारों ने बताया कि लगभग 20 से 25 फीसदी तक मूर्तियां महंगी हो जाएगी। मूर्तिकार अलग-अलग डिजाइन और पेटर्न में गणेश प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं। बाजार में आठ इंच से लेकर 18 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी। मूर्ति बना रहे मूर्तिकार विवेक पाल ने बताया कि श्रीगणेश की छोटी मूर्तियों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस साल कच्चे सामान जैसे मिट्टी, लकड़ी और बांस के दाम बढ़ने के कारण मूर्तियों की लागत भी बढ़ गई है। इस बार कोरोना संक्रमण कम होने से बाजार में लगभग 18 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं उतारी जाएंगी।
राजबाड़ा में विराजमान होंगे सबसे बड़े गणेश
मूर्तिकारों का कहना है वह पिछले 40 सालों से मूर्तियों को गढ़ने का काम कर रहे हैं। गणेश चतुर्थी के तीन महीने पहले मूर्तियों को तैयार करने का काम शुरू कर दिया था। पिछले तीन सालों में कोरोना के कारण मूतियां बनाने का काम पूरी तरह बंद था। शहर में कहीं से भी कोई आर्डर नहीं मिल रहे थे, लेकिन इस वर्ष पूरे राज्य से आर्डर मिल रहे हैं। इस साल इंदौर शहर के सबसे बड़े गणेश राजबाड़ा में विराजमान होंगे, जो 18 फीट के रहेंगे।
जीएसटी लगने से महंगी होगी मूर्तियां
गणेशजी की मूर्तियों में काफी कपड़ा भी लगाते हैं। पिछले साल तक कपड़े की कीमत प्रति मीटर 35 से 40 रुपए थी। 2022 में रॉ मटेरियल पर जीएसटी के बाद प्रति मीटर कपड़ा 50 से 55 तक पहुंच गया। इस साल मिट्टी पर भी जीएसटी बढ़ा है, जिससे कुछ साल पहले तक मिट्टी की कीमत प्रति 20 किलो 180 रुपए थी। वहीं 2022 में रॉ मटेरियल पर जीएसटी बढ़ने के बाद प्रति 20 किलो यह कीमत 250 से 300 तक पहुंच गई है। जिसके चलते 300 से लेकर 20 हजार तक के गणेश जी बाजार में ज्यादा कीमत में मिल रहे हैं।
15 से 18 फीट की होगी आकर्षक मूर्तियां
कोलकाता से आए कलाकारों ने बताया कि रोजी-रोटी के चलते यहां आते हैं और तीन माह में बस जाते हैं। यहां के लोग उनकी सभ्यता को अपनाते हैं और हम संस्कृति को। सभी साथी कलाकार एक साथ मूर्तियां बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास कई तरह की मूर्तियां हैं। कोरोनाकाल के बाद इस बार बड़ी मूर्तियां तैयार की गई है।
इन कलाकारों की बनाई विघ्नहर्ता गणेश की महाकाल और पितृपर्वत की भव्य मूर्तियां लोगों को खूब लुभा रहीं हैं। 31 अगस्त को घरों और पंडालों में विघ्नहर्ता विराजमान होंगे। इंदौर में बन रही मूर्तियों की डिमांड शहर के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भी हैं। यहां के कारीगरों को भोपाल, उज्जैन, राजगढ़, कन्नोज, बैतूल और कई अन्य शहरों सहित राजस्थान तक के आर्डर मिल रहे है। इमसें नृत्य करते हुए गणेश, बालाजी, रणजीत हनुमान, शिव पार्वती, मौर, हाथी सहित महाकाल और पितृपर्वत हनुमान की मूर्तियों की डिमांड खूब बढ़ी है।
अलग-अलग डिजाइन और पैटर्न में प्रतिमा
मूर्तिकारों ने बताया कि लगभग 20 से 25 फीसदी तक मूर्तियां महंगी हो जाएगी। मूर्तिकार अलग-अलग डिजाइन और पेटर्न में गणेश प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं। बाजार में आठ इंच से लेकर 18 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी। मूर्ति बना रहे मूर्तिकार विवेक पाल ने बताया कि श्रीगणेश की छोटी मूर्तियों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस साल कच्चे सामान जैसे मिट्टी, लकड़ी और बांस के दाम बढ़ने के कारण मूर्तियों की लागत भी बढ़ गई है। इस बार कोरोना संक्रमण कम होने से बाजार में लगभग 18 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं उतारी जाएंगी।
राजबाड़ा में विराजमान होंगे सबसे बड़े गणेश
मूर्तिकारों का कहना है वह पिछले 40 सालों से मूर्तियों को गढ़ने का काम कर रहे हैं। गणेश चतुर्थी के तीन महीने पहले मूर्तियों को तैयार करने का काम शुरू कर दिया था। पिछले तीन सालों में कोरोना के कारण मूतियां बनाने का काम पूरी तरह बंद था। शहर में कहीं से भी कोई आर्डर नहीं मिल रहे थे, लेकिन इस वर्ष पूरे राज्य से आर्डर मिल रहे हैं। इस साल इंदौर शहर के सबसे बड़े गणेश राजबाड़ा में विराजमान होंगे, जो 18 फीट के रहेंगे।
जीएसटी लगने से महंगी होगी मूर्तियां
गणेशजी की मूर्तियों में काफी कपड़ा भी लगाते हैं। पिछले साल तक कपड़े की कीमत प्रति मीटर 35 से 40 रुपए थी। 2022 में रॉ मटेरियल पर जीएसटी के बाद प्रति मीटर कपड़ा 50 से 55 तक पहुंच गया। इस साल मिट्टी पर भी जीएसटी बढ़ा है, जिससे कुछ साल पहले तक मिट्टी की कीमत प्रति 20 किलो 180 रुपए थी। वहीं 2022 में रॉ मटेरियल पर जीएसटी बढ़ने के बाद प्रति 20 किलो यह कीमत 250 से 300 तक पहुंच गई है। जिसके चलते 300 से लेकर 20 हजार तक के गणेश जी बाजार में ज्यादा कीमत में मिल रहे हैं।
15 से 18 फीट की होगी आकर्षक मूर्तियां
कोलकाता से आए कलाकारों ने बताया कि रोजी-रोटी के चलते यहां आते हैं और तीन माह में बस जाते हैं। यहां के लोग उनकी सभ्यता को अपनाते हैं और हम संस्कृति को। सभी साथी कलाकार एक साथ मूर्तियां बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास कई तरह की मूर्तियां हैं। कोरोनाकाल के बाद इस बार बड़ी मूर्तियां तैयार की गई है।