धूल-धुआं-धुंध-प्रदूषण तेजी से बढ़ा, फिर भी हरियाली-ईवीकल और ग्रीन एनर्जी पर ध्यान नहीं | Dust-smoke-haze-pollution increased rapidly | Patrika News
जबलपुर। शहर में धूल-धुआं-धुंध और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी हरियाली बढ़ाने के प्रयास नहीं हो रहे। निर्माण साइट्स पर जरूरी सावधानियों नहीं बरती जा रहीं। समय की मांग के अनुरूप ई-वीकल को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा। आबादी के हिसाब से उद्यानों की कमी मुंह बाए खड़ी है। ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी बढ़ाने पर भी प्रशासन गम्भीर प्रयास नहीं कर रहा। ई-रिक्शा के अलावा ई-बाइक्स और अन्य इलेक्ट्रिक वाहन लोग इसलिए भी नहीं खरीद रहे, क्योंकि नगर निगम के स्तर पर चार्जिंग प्वाइंट नहीं बढ़ाए जा रहे। जबकि, ग्रीन सिटी इंडेक्स का लक्ष्य सामने है।
100 अंकों का जीएसआई
ग्रीन सिटी इंडेक्स (जीसीई) 100 अंकों का होगा। इसमें सर्वाधिक अंक सिटी पार्क और वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में सुधार के मिलेंगे। जबलपुर समेत प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों के लिए जीएसआई लागू की गई है। नगर निगमों के लिए बेस ईयर 31 मार्च 2022 की स्थिति में तय किया गया है। इसलिए 31 मार्च 2023 की स्थिति में अप्रेल में पहला ग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग जारी की जाएगी।
पांच विभागों के काम का मूल्यांकन
जीएसआई रैंकिंग में पर्यावरण सम्बंधी पांच विभागों के कामों का मूल्यांकन होगा। इसमें नगरीय निकाय, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ऊर्जा विकास निगम और परिवहन विभाग को हर तीन माह में प्रगति रिपोर्ट नगरीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग के साथ साझा करनी होगी। पर्यावरण समन्वय संगठन (एप्को) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से सभी विभागों की प्रगति रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे। वित्त वर्ष के समापन पर ग्रीन सिटी रैंकिंग जारी की जाएगी।
पांच मापदंडों पर आधारित जीएसआई (पैरामीटर-अंक-जिम्मेदार विभाग)
-30 अंक सिटी पार्कों की संख्या व क्षेत्रफल, नगरीय निकाय
-10 अंक अरबन फॉरेस्ट, वन विभाग
-30 अंक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
-10 अंक नवकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा विकास निगम
-20 अंक ग्रीन ट्रांसपोर्ट, आरटीओ
नगरीय विकास विभाग ने तैयार किया पोर्टल
ग्रीन सिटी इंडेक्स के लिए नगरीय विकास विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है, जिस पर सभी 16 नगर निगमों से एकत्रित कराए गए डेटा का कलेक्शन किया जा रहा है। इस पोर्टल में सम्बंधित विभाग ही अपना डेटा फीडिंग और मॉनिटरिंग कर सकते हैं।
नगर में कई साइट्स पर पौधरोपण के साथ ही धूल वाली कई खस्ताहाल सड़कों का निर्माण केंद्र के मद से नगर निगम करा रहा है। निर्माण साइट्स में लगातार पानी के छिड़कावके लिए संयुक्तबैठकों में लगातार बात रखी जा रही है। ई-वीकल, ई-रिक्शा की संख्या बढ़ाने के लिए जागरुकता कार्यक्रमों से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है
आलोक कुमार जैन, क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
जबलपुर। शहर में धूल-धुआं-धुंध और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी हरियाली बढ़ाने के प्रयास नहीं हो रहे। निर्माण साइट्स पर जरूरी सावधानियों नहीं बरती जा रहीं। समय की मांग के अनुरूप ई-वीकल को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा। आबादी के हिसाब से उद्यानों की कमी मुंह बाए खड़ी है। ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी बढ़ाने पर भी प्रशासन गम्भीर प्रयास नहीं कर रहा। ई-रिक्शा के अलावा ई-बाइक्स और अन्य इलेक्ट्रिक वाहन लोग इसलिए भी नहीं खरीद रहे, क्योंकि नगर निगम के स्तर पर चार्जिंग प्वाइंट नहीं बढ़ाए जा रहे। जबकि, ग्रीन सिटी इंडेक्स का लक्ष्य सामने है।
100 अंकों का जीएसआई
ग्रीन सिटी इंडेक्स (जीसीई) 100 अंकों का होगा। इसमें सर्वाधिक अंक सिटी पार्क और वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में सुधार के मिलेंगे। जबलपुर समेत प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों के लिए जीएसआई लागू की गई है। नगर निगमों के लिए बेस ईयर 31 मार्च 2022 की स्थिति में तय किया गया है। इसलिए 31 मार्च 2023 की स्थिति में अप्रेल में पहला ग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग जारी की जाएगी।
पांच विभागों के काम का मूल्यांकन
जीएसआई रैंकिंग में पर्यावरण सम्बंधी पांच विभागों के कामों का मूल्यांकन होगा। इसमें नगरीय निकाय, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ऊर्जा विकास निगम और परिवहन विभाग को हर तीन माह में प्रगति रिपोर्ट नगरीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग के साथ साझा करनी होगी। पर्यावरण समन्वय संगठन (एप्को) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से सभी विभागों की प्रगति रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे। वित्त वर्ष के समापन पर ग्रीन सिटी रैंकिंग जारी की जाएगी।
पांच मापदंडों पर आधारित जीएसआई (पैरामीटर-अंक-जिम्मेदार विभाग)
-30 अंक सिटी पार्कों की संख्या व क्षेत्रफल, नगरीय निकाय
-10 अंक अरबन फॉरेस्ट, वन विभाग
-30 अंक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
-10 अंक नवकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा विकास निगम
-20 अंक ग्रीन ट्रांसपोर्ट, आरटीओ
नगरीय विकास विभाग ने तैयार किया पोर्टल
ग्रीन सिटी इंडेक्स के लिए नगरीय विकास विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है, जिस पर सभी 16 नगर निगमों से एकत्रित कराए गए डेटा का कलेक्शन किया जा रहा है। इस पोर्टल में सम्बंधित विभाग ही अपना डेटा फीडिंग और मॉनिटरिंग कर सकते हैं।
नगर में कई साइट्स पर पौधरोपण के साथ ही धूल वाली कई खस्ताहाल सड़कों का निर्माण केंद्र के मद से नगर निगम करा रहा है। निर्माण साइट्स में लगातार पानी के छिड़कावके लिए संयुक्तबैठकों में लगातार बात रखी जा रही है। ई-वीकल, ई-रिक्शा की संख्या बढ़ाने के लिए जागरुकता कार्यक्रमों से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है
आलोक कुमार जैन, क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड