धनकड़ इफेक्ट के राजनीतिक नफा-नुकसान के आंकलन में जुटी कांग्रेस, सियासी तोड़ पर भी मंथन | Political discussion started in Congress regarding Jagdeep Dhankar | Patrika News

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धनकड़ इफेक्ट के राजनीतिक नफा-नुकसान के आंकलन में जुटी कांग्रेस, सियासी तोड़ पर भी मंथन | Political discussion started in Congress regarding Jagdeep Dhankar | Patrika News

धनकड़ इफेक्ट के राजनीतिक नफा-नुकसान के आंकलन में जुटी कांग्रेस, सियासी तोड़ पर भी मंथन | Political discussion started in Congress regarding Jagdeep Dhankar | Patrika News

पार्टी थिंक का भी मानना है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनाए जाने के बाद बीजेपी जाट वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है, इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने अब सियासी नफा नुकसान पर मंथन शुरू कर दिया है।

कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी चर्चा है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद शेखावाटी अंचल का जाट वोट बैंक पार्टी से खिसक सकता है जबकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में शेखावाटी अंचल में कांग्रेस पार्टी को बंपर सीटें मिली थी।

ऐसे में अब पार्टी में मंथन इस बात पर हो रहा है कि आखिर जगदीप धनकड़ इफेक्ट का तोड़ कैसे निकाला जाए? हालांकि शेखावाटी अंचल से आने वाले लक्ष्मणगढ़ से विधायक गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं जो कि जाट वर्ग से ही है, लेकिन पार्टी के पास फिलहाल ऐसा कोई सर्वमान्य जाट नेता नहीं है जो जगदीप धनखड़ के तोड़ के तौर पर सामने लाया जा सके।

शेखावाटी अंचल की 21 में से 17 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
राजनीतिक प्रेक्षकों की माने तो झुंझुनूं से सांसद रह चुके हैं जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि शेखावाटी अंचल के 3 जिले सीकर, झुंझुनूं, और चूरू में विधानसभा की 21 सीटें हैं जिनमें से 17 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में कब्जा किया था और बीजेपी के खाते में केवल 4 सीटें ही रही थी।

वहीं शेखावाटी अंचल में बीजेपी के पास कोई बड़ा जाट चेहरा भी नहीं था, जिसके दम पर जाट वोट बैंक को बीजेपी के पाले में लाया जा सके। यही वजह है कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाकर बीजेपी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जाट वोट बैंक को रिझाने का प्रयास किया है।

सीकर की आठों विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का सूपड़ा साफ
दिलचस्प बात तो यह है कि साल 2018 में विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ है जब सीकर जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल पाया और 8 में से 7 सीटें कांग्रेस पार्टी ने जीती थी और एक सीट पर कांग्रेस पृष्ठभूमि के महादेव सिंह खंडेला चुनाव जीते थे।

पार्टी को नुकसान की आशंका, डोटासरा को फायदा
वहीं दूसरी ओर जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी भले ही इसे अपने लिए सियासी नुकसान मान रही हो लेकिन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बीजेपी के इस कदम से फायदा हुआ है।

दरअसल पिछले 2 महीने से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को हटाए जाने की अटकलें चल रही थीं लेकिन जगदीप धनखड़ का नाम उपराष्ट्रपति पद पर आने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है।

शेखावाटी अंचल की इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
वहीं शेखावाटी अंचल की जिन 17 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है उनमें सीकर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, दातारामगढ़, धोद, खंडेला, नीमकाथाना और श्रीमाधोपुर है। इसके अलावा झुंझुनूं, नवलगढ़, उदयपुरवाटी, खेतड़ी, मंडावा, सुजानगढ़, सरदारशहर, तारानगर और राजगढ़ है।

बीजेपी का इन 4 सीटों पर कब्जा
शेखावाटी अंचल की जिन 4 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है उनमें सूरजगढ़, चूरू, रतनगढ़ और पिलानी है।

वीडियो:-जगदीप धनकड़ ने जीता उपराष्ट्रपति चुनाव,528 वोट मिले, विपक्ष की मार्ग्रेट अल्वा को मिले 182 वोट



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