दो साल बाद वाकई अमेरिका की तरह बन जाएंगी बिहार की सड़कें? नितिन गडकरी के दावे में कितनी सच्चाई
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साल 2024 तक बिहार की सड़कें अमेरिका की तरह बन जाएंगी। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है। गडकरी के मुताबिक अगले दो सालों के भीतर बिहार में 13 नए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जाएगा। इसका काम जोरों पर चल रहा है। आइए देखते हैं कि राज्य के किन-किन जिलों को एक्सप्रेसवे का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को बक्सर और रोहतास जिले में विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 खत्म होने तक बिहार में 3 लाख करोड़ रुपये के काम पूरे हो जाएंगे। एक लाख 10 हजार करोड़ की लागत से केंद्र सरकार राज्य में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का जाल बिछा रही है। 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1828 किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे का डीपीआर बन रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि करीब 40 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले 1300 किलोमीटर की सड़कें 2022-23 में पूरे हो जाएंगे। बिहार में बहुत बड़ी-बड़ी नदियां हैं। लोगों को आवागमन में तकलीफें होती हैं। विभिन्न शहरों की दूरियां कम करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से 15 पुल बनाए जा रहे हैं। 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से 60 बायपास का निर्माण किया जा रहा है।
बिहार में इन शहरों को जोड़ते हुए बनाए जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
पटना-आरा-सासाराम 118 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 4 हजार करोड़)
पटना से बेतिया 165 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 6500 करोड़)
बकरपुर से डुमरिया 92 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 2200 करोड़)
पटना में 100 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड रिंग रोड (लागत 11 हजार करोड़)
मुंगेर से मिर्जा चौकी 125 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 8 हजार करोड़)
आमस से दरभंगा 198 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे ( लागत 8 हजार करोड़)
पटना-आरा-बक्सर 181 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 9 हजार करोड़)
2024 तक अमेरिका की तरह होंगी बिहार की सड़कें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि साल 2024 पूरे होने से पहले बिहार में ये सभी रोड बन जाएंगे। बिहार का हाइवे नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा। केंद्र सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर भी बनाए जा रहे हैं। वाराणसी से औरंगाबाद के बीच 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से 262 किलोमीटर लंबा सिक्सलेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। पटना के बख्तियारपुर से रांची तक 280 किमी लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर 8 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। साथ ही उमागांव से सहरसा के बीच 3500 करोड़ की लागत से 141 किमी लंबा ब्राउनफील्ड कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।
नितिन गडकरी की तारीफ करने लगे तेजस्वी यादव, बोले- राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रहे हैं
एक्सप्रेसवे बनने से बिहार में उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
बिहार में सड़कों की हालत खराब होने की वजह से औद्योगिक विकास समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है। राज्य में एक्सप्रेसवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर का जाल बिछने से ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त होगा। राज्य के विभिन्न शहरों के बीच की दूरियां घट जाएंगी। माल ढुलाई के खर्च और समय में कमी आएगी। इससे नए निवेश आएंगे और राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
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साल 2024 तक बिहार की सड़कें अमेरिका की तरह बन जाएंगी। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है। गडकरी के मुताबिक अगले दो सालों के भीतर बिहार में 13 नए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जाएगा। इसका काम जोरों पर चल रहा है। आइए देखते हैं कि राज्य के किन-किन जिलों को एक्सप्रेसवे का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को बक्सर और रोहतास जिले में विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 खत्म होने तक बिहार में 3 लाख करोड़ रुपये के काम पूरे हो जाएंगे। एक लाख 10 हजार करोड़ की लागत से केंद्र सरकार राज्य में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का जाल बिछा रही है। 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1828 किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे का डीपीआर बन रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि करीब 40 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले 1300 किलोमीटर की सड़कें 2022-23 में पूरे हो जाएंगे। बिहार में बहुत बड़ी-बड़ी नदियां हैं। लोगों को आवागमन में तकलीफें होती हैं। विभिन्न शहरों की दूरियां कम करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से 15 पुल बनाए जा रहे हैं। 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से 60 बायपास का निर्माण किया जा रहा है।
बिहार में इन शहरों को जोड़ते हुए बनाए जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
पटना-आरा-सासाराम 118 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 4 हजार करोड़)
पटना से बेतिया 165 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 6500 करोड़)
बकरपुर से डुमरिया 92 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 2200 करोड़)
पटना में 100 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड रिंग रोड (लागत 11 हजार करोड़)
मुंगेर से मिर्जा चौकी 125 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 8 हजार करोड़)
आमस से दरभंगा 198 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे ( लागत 8 हजार करोड़)
पटना-आरा-बक्सर 181 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (लागत 9 हजार करोड़)
2024 तक अमेरिका की तरह होंगी बिहार की सड़कें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि साल 2024 पूरे होने से पहले बिहार में ये सभी रोड बन जाएंगे। बिहार का हाइवे नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा। केंद्र सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर भी बनाए जा रहे हैं। वाराणसी से औरंगाबाद के बीच 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से 262 किलोमीटर लंबा सिक्सलेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। पटना के बख्तियारपुर से रांची तक 280 किमी लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर 8 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। साथ ही उमागांव से सहरसा के बीच 3500 करोड़ की लागत से 141 किमी लंबा ब्राउनफील्ड कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।
नितिन गडकरी की तारीफ करने लगे तेजस्वी यादव, बोले- राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रहे हैं
एक्सप्रेसवे बनने से बिहार में उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
बिहार में सड़कों की हालत खराब होने की वजह से औद्योगिक विकास समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है। राज्य में एक्सप्रेसवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर का जाल बिछने से ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त होगा। राज्य के विभिन्न शहरों के बीच की दूरियां घट जाएंगी। माल ढुलाई के खर्च और समय में कमी आएगी। इससे नए निवेश आएंगे और राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।