देश को आगे ले जाने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए: CM

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देश को आगे ले जाने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए: CM

देश को आगे ले जाने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए: CM

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधों में बढ़ती तल्खी, जुडिशरी के साथ चल रहे केंद्र सरकार के विवाद और चुनी हुई सरकारों के कामकाज और फैसलों में राज्यपाल/ उप-राज्यपालों के बढ़ते हस्तक्षेप पर चिंता जताते हुए इसे लोकतंत्र पर मंडरा रहे काले साये के समान बताया। सीएम ने पिछले 5-7 सालों में उनकी सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि कैसे दिल्ली अब कई मामलों में देश और दुनिया के बड़े-बड़े शहरों को पीछे छोड़ती जा रही है।

केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ बरसों से चीन हमें आंख दिखा रहा है और हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है। फिर भी हम चीन से अपना व्यापार बढ़ाते जा रहे हैं। 2020 में हमने चीन से 65 बिलियन डॉलर और 2021 में 95 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। उसी पैसे चीन और अधिक हथियार खरीद रहा है, सैनिकों को भर्ती कर रहा है और हम पर आक्रमण कर रहा है। हमारे सैनिक बॉर्डर पर चीन का मुकाबला करके उसे मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं, लेकिन हमारा भी फर्ज बनता है कि हम चीनी सामान का बहिष्कार करके इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दें, ताकि चीन को कड़ा संदेश जाए।

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सीएम ने कहा कि विभिन्न राज्यों की समस्याओं का समाधान करने के लिए हमें एक-दूसरे से सीखना चाहिए, लेकिन आपस में लड़ रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि आजकल ये जुडिशरी और जजों से भी लड़ रहे हैं। सारी राज्य सरकारों से लड़ रहे हैं। किसी को काम नहीं करने दे रहे। इससे देश में अच्छा संदेश नहीं जाता है। अगर हम एक होकर काम करें, तो अपने देश को दुनिया का नंबर वन देश बनने से कोई नहीं रोक सकता।

केजरीवाल ने दावा किया कि गलत नीतियों, व्यवस्थाओं और एजेंसियों से परेशान होकर पिछले 5-6 साल में भारत के 12 लाख व्यापारी और उद्योगपति अपना देश छोड़कर विदेश चले गए हैं। उनके लिए अपने देश में धंधा कर पाना मुश्किल हो गया था। देश ऐसे कैसे तरक्की करेगा? पिछले कुछ सालों से हम देख रहे हैं कि जनतंत्र पर भी आंच आने लगी है। हमारे देश में जनता और जनता की चुनी हुई सरकारें सुप्रीम हैं, लेकिन अब लोकतंत्र का भी मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने किसी का भी नाम लिए बगैर कहा कि एक राज्य में जनता की चुनी हुई सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कानून बनाए, लेकिन गर्वनर उन पर दस्तखत नहीं कर रहे। एक अन्य राज्य में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री ने गवर्नर को चिट्ठी लिखी, लेकिन गवर्नर ने सत्र बुलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। आज पूरे देश को यह सोचने की जरूरत है कि हमारे जनतंत्र पर कोई काला साया तो नहीं पड़ता जा रहा है और उससे कैसे निपटा जाए। सीएम ने केंद्र सरकार से रोजमर्रा की खाने पीने की चीजों पर लगाए गए जीएसटी को हटाने की मांग करते हुए उम्मीद जताई कि इससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। उन्होंने जीएसटी प्रणाली के सरलीकरण पर भी जोर दिया।

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