देश का सबसे मीठा मटर आया बाजार में, होता है 300 करोड़ का कारोबार – देखें वीडियो | hara matar mandi bhav, jabalpuri matar price in jabalpur | Patrika News

136
देश का सबसे मीठा मटर आया बाजार में, होता है 300 करोड़ का कारोबार – देखें वीडियो | hara matar mandi bhav, jabalpuri matar price in jabalpur | Patrika News

देश का सबसे मीठा मटर आया बाजार में, होता है 300 करोड़ का कारोबार – देखें वीडियो | hara matar mandi bhav, jabalpuri matar price in jabalpur | Patrika News

आवक में आएगी तेजी, जबलपुरी मटर का टैग लगाकर उतरेगा माल
सात समंदर पार भी फैलेगी जबलपुरी मटर की मिठास, करोड़ों का कारोबार

जिले की शहपुरा, पाटन, मझौली और शहपुरा क्षेत्र में मटर की खेती होती है। नवबंर से लेकर फरवरी तक इसकी आवक बनी रहती है। शहर की प्रमुख मंडी और उपमंडियों में प्रतिदिन 40 से 50 हजार बोरों की आवक होती है। फिलहाल 12 से 15 हजार बोरे आ रहे हैं। इनकी सप्लाई जबलपुर के साथ ही उत्तरप्रदेश एवं महाराष्ट्र में हो रही है। बाद में दूसरे राज्यों में भी आपूर्ति होती है। खूब आवक से प्रमुख मंडी के अलावा सहजपुर और पाटन मंडी में भी इसका विक्रय शुरू करना पड़ता है।

मटर की खेती 40 से 60 दिनों में हो जाती है। मटर के बाद चना या गेहूं की फसल उसी खेत में ली जा सकती है। अभी तीन से चार दानों वाला मटर आ रहा है। इसलिए दाम थोडे़ कम हैं। थोक में यह 40 से लेकर 60 रुपए किलो बिक रहा है।

यह है स्थिति
●चार तहसीलों में होती है मटर की खेती।
●30 हजार किसान करते हैं खेती।
●28 से 30 हजार हेक्टेयर होता है रकबा।
●दो लाख 30 हजार मीट्रिक टन उत्पादन।
●04 मंडियों में किसान करते हैं बिक्री।
●06 से अधिक राज्यों में होती है सप्लाई।
●02 से 03 देशों में फ्रोजन के रूप में निर्यात।

एक करोड़ रुपए मंडी शुल्क
यह फसल मंडी के लिए राजस्व का बड़ा आधार बनती है। पिछले सीजन में 4 लाख 80 हजार क्विंटल से अधिक मटर मंडियों में आया था। ऐसे में मंडी प्रशासन को एक करोड़ रुपए का राजस्व मंडी शुल्क के रूप में मिला था। पाटन मंडी के सचिव सुनील पांडे ने बताया कि मंडी शुल्क में मटर का बड़ा योगदान रहता है।

शहर का व्यापार भी होता है तेज
मटर किसानों के साथ शहर के व्यापार को प्रभावित करता है। बाहर से आने वाले व्यापारी होटल की बुकिंग करते हैं। ठहरने के अलावा खाने की बिक्री बढ़ जाती है। छोटे कारोबारियों को फायदा मिलता है। व्यापारी संजय जैन ने बताया कि मटर की खरीदी के लिए बाहर से आने वाले व्यापारी खर्च भी करते हैं।

लाखों टन होता है उत्पादन
सीजन में जिले में 35 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में दो लाख 40 हजार मीट्रिक टन से अधिक मटर की पैदावार होती है। 80 प्रतिशत मटर की सप्लाई महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में होती है। विदेशों की बात करें, तो जापान और सिंगापुर में निर्यात किया जाता है। निजी उत्पादन इकाइयों में इसे फ्रोजन मटर के रूप में तैयार किया जाता है। एक जिला एक उत्पाद होने के कारण इसकी टैगिंग की जा रही है। हर बोरी में जबलपुरी मटर का टैग होता है।



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News