दिल्ली शराब घोटाले में नहीं मिली सिसोदिया को जमानत, 24 को फिर सुनवाई,

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दिल्ली शराब घोटाले में नहीं मिली सिसोदिया को जमानत, 24 को फिर सुनवाई,

दिल्ली शराब घोटाले में नहीं मिली सिसोदिया को जमानत, 24 को फिर सुनवाई,

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। सिसोदिया को आज भी जमानत नहीं मिली। दिल्ली की अदालत ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 24 मार्च रखी है। सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा कि जांच एजेंसी के पास आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन है और यदि सिसोदिया बाहर आते हैं, तो जांच प्रभावित हो सकती है। सीबीआई के वकील ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से बार-बार फोन बदला जाना कोई निष्कपट कृत्य नहीं, बल्कि साक्ष्य मिटाने के लिए किया गया है। आपको बता दें कि इसी केस में ईडी ने भी उन्हें हिरासत में लिया है। ईडी वाले मामले में सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई 25 मार्च को होगी। वहीं सिसोदिया के वकील ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम ने जांच में सहयोग किया है और उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है।

सीबीआई के वकील ने कोर्ट में क्या कहा
दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई भी उनके खिलाफ जांच कर रही है। आज अदालत में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है। सीबीआई के वकील ने आज अदालत में दलील दी कि अभी हमारे पास आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए 2 महीने का समय है। यदि सिसोदिया बाहर आते हैं तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है। सीबीआई के वकील ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया की ओर से फोन बदला जाना सबूत मिटाने के लिए किया गया है।

Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया की दलील नहीं चली, कोर्ट ने और 5 दिन की ईडी हिरासत में भेजा
सिसोदिया के वकील की दलील पढ़ लीजिए

सीबीआई के वकील के जवाब में मनीष सिसोदिया के वकील ने भी अपना पक्ष रखा। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का सहयोग किया है तथा किसी भी तलाशी के दौरान उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है। सिसोदिया की जमानत याचिका पर दलील पेश करते हुए उनके वकील ने कहा कि आप नेता को हिरासत में लेकर पूछताछ की अब आवश्यकता नहीं है और उनके विदेश भागने का भी कोई खतरा नहीं है।

उनके वकील ने दलील दी, ‘मैं जनसेवक हूं, लेकिन उन दो अन्य जनसेवकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जिनके खिलाफ ज्यादा गंभीर आरोप हैं।’ सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ घूस लेने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है और आबकारी नीति में परिवर्तन सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में बदलाव से संबंधित फैसले को दिल्ली के उपराज्यपाल एवं वित्त सचिव तथा अन्य के पास भेजा गया था।

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