दिल्ली में सांसों का संकट बरकरार, 700 की जगह सिर्फ 487 मीट्रिक टन ऑक्सिजन सप्लाई

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दिल्ली में सांसों का संकट बरकरार, 700 की जगह सिर्फ 487 मीट्रिक टन ऑक्सिजन सप्लाई

हाइलाइट्स:

  • सिसोदिया बोले – दिल्ली में करीब 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की आवश्यकता
  • ऑक्सिजन सप्लाई के लिए हाईकोर्ट से लेकर SC लगा चुका है केंद्र को फटकार
  • राज्य में भर्ती रोगियों व उपलब्ध बेड के आधार पर तय होता है ऑक्सिजन कोटा

नई दिल्ली
कोरोना महामारी के बीच राजधानी में कोरोना रोगियों के लिए सांसों का संकट बना हुआ है। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली को फिर से कम ऑक्सिजन की आपूर्ति की जा रही है। अदालती आदेश के बावजूद दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन उपलब्ध नहीं हो सकी है। बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली को 700 की बजाय 487 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की सप्लाई की गई। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि 5 मई को दिल्ली को पहली बार 730 टन ऑक्सिजन मिली। उसके लिए हम केंद्र सरकार के सुख शुक्रगुजार हैं लेकिन उसके बाद फिर से 6 मई को 577 मीट्रिक टन मिली।

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7 मई को मिली 487 मीट्रिक टन
सिसोदिया ने कहा कि 7 मई को 487 मीट्रिक टन ऑक्सिजन मिली है। 487 मीट्रिक टन के आधार पर हमारे लिए सभी अस्पतालों में ऑक्सिजन की सप्लाई बहाल रखना काफी मुश्किल है। सिसोदिया के मुताबिक दिल्ली के हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार से मदद मिल रही है। दिल्ली में इस वक्त जितने हॉस्पिटल और जितने बेड, कोविड के लिए उपलब्ध हैं उनमें करीब 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की आवश्यकता है। 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन मौजूदा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त है।

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सिसोदिया बोले – रोगियों के लिए सुविधाएं बढ़ानी है
सिसोदिया ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि अस्पतालों में भर्ती रोगियों के लिए कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन प्रतिदिन चाहिए ही। हमें अन्य रोगियों के लिए भी सुविधाओं का विस्तार करना है जिसके लिए और ऑक्सिजन की आवश्यकता है। इसलिए केंद्र सरकार से हमारी अपील है कि कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन तो दिल्ली को मुहैया कराई जाए।

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रोगियों व बेड के आधार पर तय होता है ऑक्सिजन कोटा
प्रत्येक राज्य में अस्पताल और उसमें भर्ती रोगियों व बेड की गिनती की जाती है जिसके आधार पर ही ऑक्सिजन का कोटा तय किया जाता है। इन्हीं रोगियों के आधार पर दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन देने की बात कही गई थी। हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि अभी ये ऑक्सिजन नहीं मिल रही है।
सिसोदिया ने कहा कि बढ़ते कोरोना मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों में ऑक्सिजन की आवश्यकता है। इसी तरह दिल्ली में भी अस्पतालों में भर्ती हजारों कोरोना रोगियों के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की आवश्यकता है।

केंद्र ने कहा – ऑक्सिजन की कमी नहीं है
सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भारत एक ऑक्सिजन सरप्लस वाला देश है। भारत की क्षमता 7 हजार मीट्रिक टन की है लेकिन अभी भारत में 10 हजार मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उत्पादन हो रहा है। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन के प्रबंधन की आवश्यकता है। जिस प्रकार पहले ऑक्सिजन को दिल्ली लाने में सहयोग मिला यदि इसी प्रकार सहयोग मिले तो दिल्ली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती।

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