दिल्ली में लटके हुए थे ये महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट, ‘सुप्रीम’ फैसले के बाद मिलेगी रॉकेट वाली तेजी

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दिल्ली में लटके हुए थे ये महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट, ‘सुप्रीम’ फैसले के बाद मिलेगी रॉकेट वाली तेजी

दिल्ली में लटके हुए थे ये महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट, ‘सुप्रीम’ फैसले के बाद मिलेगी रॉकेट वाली तेजी

नई दिल्ली : दिल्ली में सर्विसेज पर अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि अब दिल्ली में 10 गुना ज्यादा तेज रफ्तार से काम होंगे। उनके इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम में तेजी आएगी। खासकर जिन योजनाओं पर एलजी ने रोक लगा दी थी या फंड की मंजूरी मिलने में हो रही दिक्कतों के चलते जिन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, ऐसी योजनाओं को सरकार फिर से आगे बढ़ा सकती है। ​दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में गर्वनिंग बॉडी के गठन को लेकर भी लंबे समय से सरकार और एलजी के बीच विवाद चल रहा है। अब सरकार इस दिशा में भी तेजी से एक्शन लेते हुए गर्वनिंग बॉडीज का गठन कर सकती है। इसके अलावा बिजली कंपनियों के बोर्ड में भी सरकार एक बार फिर से अपनी पसंद के लोगों को नॉमिनेट करके उन्हें बोर्ड का सदस्य बना सकती है। पिछले साल एलजी ने सरकार के द्वारा नॉमिनेट किए गए लोगों को हटाकर उनकी जगह सरकारी अफसरों को बोर्ड का सदस्य बना दिया था।

योग क्लासेज की बहाली

पिछले साल एलजी की तरफ से लगाई गई आपत्तियों के बाद अफसरों ने दिल्ली सरकार द्वारा लगाई जाने वाली फ्री योग क्लासेज के लिए फंड जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसके चलते दिल्ली में योगा क्लासेज बंद हो गईं थीं। हालांकि, सीएम ने अन्य माध्यमों से फंड का इंतजाम करवा के क्लासेज जारी रखने की कोशिश की, लेकिन उसमें ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। अब सर्विसेज पर कंट्रोल मिलने के बाद सीएम फ्री योग क्लासेज को फिर शुरू करवा सकते हैं।

मोहल्ला क्लिनिकों का विस्तार

मोहल्ला क्लिनिकों का विस्तार

दिल्ली में 521 मोहल्ला क्लिनिक चल रहे हैं। इनमें 5 महिला मोहल्ला क्लिनिक्स भी शामिल हैं। पिछले साल नवंबर में दिल्ली के पहले महिला मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत करते वक्त सीएम ने बताया था कि पहले चरण में 100 महिला मोहल्ला क्लिनिक बनाए जाएंगे। वहीं मोहल्ला क्लिनिकों के विस्तार की योजना के तहत इनकी संख्या को बढ़ाकर 1000 करना था, लेकिन अफसरों और एलजी के साथ शुरू हुए विवाद के चलते इस योजना पर काम आगे नहीं बढ़ सका। अधिकारों की लड़ाई जीतने के बाद अब दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लीनिकों के विस्तार के काम को तेजी से आगे बढ़ा सकती है।

बाजारों का री-डिवेपलमेंट

बाजारों का री-डिवेपलमेंट

पिछले साल बजट में दिल्ली सरकार ने राजधानी के 5 प्रमुख बाजारों को री-डिवेलप करने का ऐलान किया था। साथ ही दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करने और दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने की घोषणा भी की थी। जी-20 के मद्देनजर दिल्ली के कुछ अन्य प्रमुख बाजारों को भी संवारने का प्लान था, लेकिन पहले एमसीडी से सहयोग न मिलने और उसके बाद अधिकारियों द्वारा कई स्तरों लगाई गई अड़चनों और फंड्स न मिलने के चलते इनमें से किसी भी योजना पर काम शुरू नहीं हो सकता। शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन भी टालना पड़ा। अब सरकार इस योजना को भी फिर से आगे बढ़ा सकती है।

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दिल्ली सरकार की कई प्रमुख योजनाओं की प्लानिंग करने, रिसर्च और डेटा कलेक्शन करने, सभी स्टेक होल्डर्स से बात करने और जनता को होने वाले फायदे को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का खाका तैयार करने वाले दिल्ली सरकार के थिंक टैंक दिल्ली डायलॉग एंड डिवेलपमेंट कमीशन का कामकाज भी अब फिर से पटरी पर लौट सकता है। एलजी ने कमीशन के वाइस चेयरमैन जास्मिन शाह की नियुक्ति, उन्हें मिली सुविधाओं और उनकी शक्तियों पर कई सवाल उठाए थे, जिसके बाद शाह के दफ्तर को सील करके उनकी सुविधाएं वापस लेने का आदेश जारी किया गया था। शाह ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती भी दे रखी है। सर्विसेज पर सरकार को अधिकार मिलने के बाद सीएम अब डीडीसी की भी बहाली का आदेश जारी कर सकते हैं।

एक्साइज पॉलिसी पर भी नजर

एक्साइज पॉलिसी पर भी नजर

पिछली बार नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर दिल्ली सरकार को काफी चुनौतियों का सामना पड़ा। इसमें कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई और ईडी ने केस भी दर्ज कर रखे हैं। पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीएम से भी पूछताछ हुई है। विवाद के चलते अभी तो पुरानी पॉलिसी को ही फिर से लागू कर दिया गया है, लेकिन दिल्ली सरकार लगातार नई पॉलिसी लाने के लिए प्रयासरत है। सर्विसेज पर कंट्रोल आने के बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर नई एक्साइज पॉलिसी लाने का प्रयास कर सकती है।

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