दिल्ली-केंद्र विवाद: मामला बड़ी पीठ के पास भेजने संबंधी अतिरिक्त दलीलें दाखिल करने की अनुमति

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दिल्ली-केंद्र विवाद: मामला बड़ी पीठ के पास भेजने संबंधी अतिरिक्त दलीलें दाखिल करने की अनुमति

दिल्ली-केंद्र विवाद: मामला बड़ी पीठ के पास भेजने संबंधी अतिरिक्त दलीलें दाखिल करने की अनुमति

नई दिल्ली: दिल्ली में सरकारी सेवाओं पर नियंत्रण किसका हो? सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद संबंधी मामला नौ न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को संदर्भित करने के लिए केंद्र को अतिरिक्त दलीलें देने की अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र-दिल्ली सरकार के विवाद पर जैसे ही सुनवाई शुरू की, केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को एक बड़ी पीठ को संदर्भित करने के लिए एक अतिरिक्त प्रतिवेदन दाखिल करने की अनुमति मांगी। मेहता ने कहा, ‘कृपया मुझे दो पन्ने का नोट दाखिल करने की अनुमति दें… मेरे नोट में (मामले को एक बड़ी पीठ को) संदर्भित करने के लिए एक अर्जी भी होगी।’

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘संदर्भ के मुद्दे पर कभी बहस नहीं हुई। हम दोनों पक्षों के जवाब सुन रहे हैं। सिंघवी ने इस पर कल दलील खत्म कर ली होती। फिर आप अभी मामला संदर्भित करने पर कैसे बहस कर सकते हैं।’ मेहता ने कहा कि केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश के बीच संघवाद की रूपरेखा पर पुनर्विचार करने और मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेजने की जरूरत है। इस पर दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सॉलिसिटर जनरल की दलील का विरोध करते हुए कहा, ‘यह मामला एक साल में कम से कम 10 बार खंडपीठ के समक्ष आ चुका है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली-केंद्र मामले में 2018 के फैसले की समीक्षा का अनुरोध अब किया जा रहा है और यह बेहद लंबी प्रक्रिया है।

इस पर केंद्र सरकार का पक्ष रहे तुषार मेहता ने कहा, ‘हम देश की राजधानी के बारे में बात कर रहे हैं। मेरे मित्र (सिंघवी) बहुत जल्दी में हैं, हमें राष्ट्रीय राजधानी को अराजक हाथों में सौंपने वाले के रूप में याद नहीं किया जा सकता है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एमआर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘यह कानून का सवाल है। आप (सॉलिसिटर जनरल) एक नोट दे सकते हैं।’

इससे पूर्व भी केंद्र ने दिल्ली-केंद्र के बीच शक्तियों के बंटवारे पर विवाद में नौ या उससे अधिक न्यायधीशों की एक बड़ी पीठ के संदर्भ का अनुरोध करते हुए अंतरिम आवेदन दायर किया था। केंद्र द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 239एए की समग्र व्याख्या के लिए इस अदालत की एक बड़ी पीठ के संदर्भ की अपील करता है, जो इसमें शामिल मुद्दों के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है।

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