दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद

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दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद

दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद

दरभंगा। दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में पहल तेज हो गयी है।…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाFri, 25 Nov 2022 01:01 AM

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दरभंगा। दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में पहल तेज हो गयी है। इसे लेकर गुरुवार को रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) की टीम ने दरभंगा जंक्शन का बारीकी से निरीक्षण किया। रेल मंत्रालय के निर्देश पर आरएलडीए की टीम बुधवार की देर शाम ही दरभंगा पहुंच गई थी। आरएलडीए की टीम ने पूरे दिन जंक्शन परिसर में घूम-घूमकर गहन निरीक्षण किया। यात्री सुविधाओं को लेकर तमाम बिंदुओं की समीक्षा की गई। दरभंगा जंक्शन के एईएन विजय शंकर सिंह ने बताया कि रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल में कुछ महत्वपूर्ण स्टेशनों को मेजर अपग्रेडेशन के लिए चयनित किया है। इस सूची में दरभंगा भी शामिल है। आरएलडीए की ओर से इस स्टेशन के पुनर्विकास के लिए पूर्व में ही मास्टर प्लान, प्राक्कलन और डीपीआर तैयार करने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण कराया जा चुका है। आर्किटेक्ट ने ड्राफ्ट व मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसकी फिजिबिलिटी जांच एवं भौगोलिक सत्यापन के लिए अपर मंडल रेल प्रबंधक समस्तीपुर मनीष शर्मा के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों तथा आरएलडीए की टीम ने संयुक्त रूप से गुरुवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्थानीय अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा की गई और उनके भी सुझाव लिए गए। प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इस स्टेशन पर आगमन व प्रस्थान वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग अराइवल-डिपार्चर कनकोर्स बनाया जाएगा। अगले 45 वर्षों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें 72 मीटर चौड़े डिपार्चर यानी फुट ओवरब्रिज की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। सभी यात्रियों के लिए इसी कनकोर्स में बैठने, सामान रखने एवं प्रतीक्षा करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इस जंक्शन पर आगमन व प्रस्थान वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग अराइवल और डिपार्चर कनकोर्स बनाया जाएगा। जंक्शन पर इस कनकोर्स में यात्रियों को प्रतीक्षा के समय जरूरत में आने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कनकोर्स के लिए दोनों छोर पर अलग-अलग फुटओवर ब्रिज का प्रावधान होगा। प्रत्येक कनकोर्स पर आने-जाने के लिए लिफ्ट, सीढ़ी व एस्केलेटर का प्रावधान होगा। के पूर्वी क्षेत्र में भी नया स्टेशन भवन और सर्कुलेटिंग एरिया सहित टिकट खिड़की आदि बनाया जाएगा। कुल मिलाकर इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। हालांकि मास्टर प्लान के अनुमोदन के बाद ही सही प्राक्कलित राशि ज्ञात हो सकेगी। आरएलडीए की टीम का नेतृत्व कर रहे प्रभात रंजन सिंह ने बताया कि सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम शुरू होने में तकरीबन छह से सात महीने लगेंगे। टीम में एडीआरएम मनीष शर्मा, सीनियर डीसीएम चंद्रशेखर प्रसाद, ग्रुप जनरल मैनेजर प्रभात रंजन सिंह, सीनियर आर्किटेक्ट मनोज कुमार यादव, सीनियर डिविजनल इंजीनियर विनोद कुमार गुप्ता, विद्युत इंजीनियर प्रभात कुमार, सहायक मंडल इंजीनियर विजय शंकर सिंह, डीएम संगीता मीणा, स्टेशन अधीक्षक अशोक कुमार सिंह आदि शामिल थे।

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