ददुआ का एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ जवानों के हत्यारे डाकुओं को उम्र कैद | 13 Dacoits Life imprisonment to for killing six STF jawans in Banda | Patrika News

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ददुआ का एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ जवानों के हत्यारे डाकुओं को उम्र कैद | 13 Dacoits Life imprisonment to for killing six STF jawans in Banda | Patrika News

ददुआ की मौत से बौखलाए थे डकैत इसके बाद तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे और टीम को शाबासी दी। उधर, ददुआ की मौत से बौखलाए ठोकिया गैंग के 40 डकैतों ने उसी रात गाड़ियों से लौट रही यूपी एसटीएफ की टीम पर फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन के पास घात लगाकर हमला कर दिया। डकैतों के हमले में छह जवान शहीद हो गए। पुलिस का मुखबिर भी मारा गया। मामले की रिपोर्ट चित्रकूट के कर्वी थाने में एसटीएफ सीओ धीरेंद्र राय ने दर्ज कराई थी। मामले में 16 डकैतों को नामजद किया था। विवेचना के दौरान छह डकैतों के नाम प्रकाश में आए थे। कुल 22 के खिलाफ मुकदमा चला। इसमें पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मइयादीन समेत पांच डकैतों को मार गिराया था। मुकदमे के दौरान एक और डकैत की मौत हो गई जबकि एक आरोपित को पुलिस ने निर्दोष माना। दो डकैत नाबालिग थे जिनके खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में अभी मामला विचाराधीन है।

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एक साल बाद ठोकिया को मारकर एसटीएफ ने लिया बदला छह एसटीएफ जवानों की मौत के बाद यूपी सरकार ने ठोकिया पर छह लाख का इनाम रख दिया। एसटीएफ ने अपने साथियों की शहादत का बदला करीब एक साल बाद लिया। अगस्त, 2008 में पुलिस को जानकारी मिली कि ठोकिया 20 लोगों के गैंग के साथ चित्रकूट के कर्वी इलाके में बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। बिना किसी देरी के पुलिस ने सिलखोरी के जंगल में ठोकिया को घेर लिया। शाम सात बजे दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। लगातार सात घंटे यानी रात ढाई बजे तक मुठभेड़ चली और ठोकिया मारा गया।

इन डकैतों को हुई सजा दोष सिद्ध ठोकिया गैंग के डकैतों में धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ नरेंद्र उर्फ धर्मेंद्र भदौरिया उर्फ भइया उर्फ धर्मेंद्र सिंह, रामबाबू पटेल, किशोरी लाल पटेल, कल्याण सिंह पटेल, धनीराम, शिवनरेश पटेल, नत्थू पटेल, अशोक पटेल उर्फ अंग्रेज पटेल, चुनबाद पटेल, देवशरण पटेल, ज्ञान सिंह, शंकर सिंह और राम प्रसाद विश्वकर्मा शामिल हैं।

ये जवान शहीद हुए थे राजेश चौहान, लक्ष्मण शर्मा, गिरिश चन्द्र नागर, बृजेश यादव, उमाशंकर यादव, ईश्वर देव सिंह व मुखबिर राजकरन मारे गए थे, जबकि शिवकुमार अवस्थी, डीके यादव, शरद, योगेश, श्रीचन्द्र यादव, बृजेश तिवारी, राममिलन सिंह, उपेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह के अलावा मुखबिर श्रीपाल घायल हुए थे।

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