थारा फूफा अभी जिंदा है… क्‍या बाकी पेंशनर्स को दुलीचंद की तरह लानी पड़ेगी बरात?

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थारा फूफा अभी जिंदा है… क्‍या बाकी पेंशनर्स को दुलीचंद की तरह लानी पड़ेगी बरात?

थारा फूफा अभी जिंदा है… क्‍या बाकी पेंशनर्स को दुलीचंद की तरह लानी पड़ेगी बरात?

फरीदाबाद और पलवल में 47 लोगों की पेंशन उन्हें मृत घोषित करके रोक दी गई थी। हालांकि कुछ लोगों की पेंशन बहाल कर दी गई, लेकिन अन्य अब भी चक्कर काट रहे हैं।

 

हाइलाइट्स

  • रोहतक के रहने वाले दुलीचंद की बंद कर दी गई थी पेंशन
  • जिंदा साबित करने के लिए घोड़ी चढ़कर निकाली थी बरात
  • पेंशन ऑफिस में रोज चक्‍कर काट रहे हैं सैकड़ों बुजुर्ग
  • गवाही, कागजात जमा कराने के बावजूद नहीं आ रही पेंशन
सचिन हुड्डा/मोहन सिंह, फरीदाबाद/पलवल: जिंदा होने के बावजूद बुढ़ापा पेंशन बंद करने से नाराज रोहतक के गांधरा गांव निवासी 102 वर्षीय दुलीचंद की कहानी तो आपको याद ही होगी। 6 महीने तक विभाग के चक्कर काटने के बावजूद कोई उन्हें जिंदा मानने को तैयार नहीं हुआ तो दुलीचंद ने प्रदर्शन का अनोखा तरीका निकाला। दुलीचंद दूल्हे की तरह सजकर गाजे-बाजे के साथ अधिकारियों के दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उनके हाथ में बोर्ड था, जिस पर लिखा था, ‘थारा फूफा अभी जिंदा है (102 साल)’। बात फरीदाबाद-पलवल की हो तो यहां भी दुलीचंद जैसे कई लोग हैं। पेंशन न मिलने से परेशान बुजुर्ग कह रहे हैं कि फरीदाबाद-पलवल में भी दुलीचंद जैसे फूफा जिंदा हैं, लेकिन क्या इसके लिए वैसा ही प्रदर्शन करना पड़ेगा?

फरीदपुर में रहने वाले 67 साल के राजाराम की बुढ़ापा पेंशन अप्रैल से बंद है। कारण पता करने वह जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो अधिकारी का जवाब सुनकर हैरान रह गए। अधिकारी ने कहा कि राजाराम की मौत हो चुकी है। उन्हें लगा कि गलती से उनका मृत्यु प्रमाणपत्र आया होगा, जिसके कारण उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी लेने के लिए वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेड़ी कला पहुंचे थे और वहां भी हैरानीभरा जवाब मिला। यहां से ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ था। उन्होंने डीसी कार्यालय में शिकायत दी। अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए गांव के निवर्तमान सरपंच, नंबरदार व पटवारी के अलावा अन्य लोगों से भी गवाही करवाई, लेकिन अभी तक पेंशन शुरू नहीं हो पाई। वह 6 महीने से अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब पेंशन बहाल नहीं की गई है। इसी तरह पलवल के गांव मानपुर निवासी नारायणी को 15 अप्रैल को मृत दिखाकर विधवा पेंशन बंद कर दी गई। वह तभी से अधिकारियों के पास पेंशन के लिए चक्कर काट रही हैं। जुलाई में सभी कागजात जमा करवा दिए हैं, लेकिन पेंशन शुरू नहीं हो पाई है। नारायणी और राजाराम की तरह पलवल और फरीदाबाद में पेंशन के लिए बड़ी संख्या में लोग भटक रहे हैं।

आरोप : 10 हजार लोगों की पेंशन गलत तरीके से बंद
हाल ही आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नवीन जयहिंद ने दावा किया था कि फरीदाबाद में 10 हजार लोगों की पेंशन गलत तरीके से बंद की हुई है। फरीदाबाद के जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में चल रहे विशेष अभियान शिविर में पेंशन संबंधित शिकायतों को लेकर रोज 150 से 250 लोग पहुंच रहे हैं। अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। आम दिन में भी 20 से 25 लोग इसी तरह की समस्याएं लेकर कार्यालय में पहुंचते रहते हैं। जिले में 158018 लाभार्थी अलग-अलग तरह की पेंशन ले रहे हैं। मुख्यालय की तरफ से ऐसे लोगों की पेंशन कुछ महीनों से रोक दी है, जिन्होंने परिवार पहचानपत्र में परिवार की आय 2 लाख रुपये सालाना से अधिक दिखाई हुई है। इसके साथ ही कुछ लाभार्थी ऐसे भी हैं, जिनका डेटा रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) व सिटीजन रिसोर्स इनफार्मेशन डिपार्टमेंट (सीआरआईडी) से प्राप्त डेटा से मेल नहीं आ रहा है।

Faridabad Pensioners News1

अभी तक विभाग के पोर्टल पर विधवा व बेसहारा पेंशन का एक ही ऑप्शन दिखा रहा था, जिससे विधवा महिलाओं को पेंशन के लिए आवेदन करने में दिक्कत आ रही है। नई बुढ़ापा पेंशन शुरू करवाने के लिए भी लोगों को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सरकार के नए नियमों के अनुसार अब पेंशन प्राप्त करने के लिए लोगों को आवेदन करने की जरूरत नहीं है। परिवार पहचानपत्र के डेटा में उनकी आयु 60 साल होते ही अपने आप उनके पास फोन आएगा और उनकी पेंशन शुरू कराई जाएगी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। अभी भी ऐसे लोग शिकायत लेकर कार्यालय पहुंच रहे हैं, जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हो गई है, लेकिन उनकी पेंशन शुरू नहीं हो पा रही है।

पेंशन संबंधित जो भी शिकायतें आ रही हैं, उनका तुरंत समाधान किया जा रहा है। आरजीआई के डेटा में गलती होने से कुछ लोगों को मृत बताकर उनकी पेंशन रुक गई थी, उन्हें भी ठीक किया जा रहा है। विधवा पेंशन संबंधित संबंधित कमियों को पोर्टल पर दुरुस्त किया जा रहा है। हमारा पूरा प्रयास है कि पेंशन लाभार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

इंदिरा, जिला समाज कल्याण अधिकारी

इधर से उधर चक्कर लगा रहीं फाइलें
फरीदाबाद के जिला समाज कल्याण कार्यालय में 17 ऐसे लोग भी पहुंचे हैं, जिन्हें मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई है। इन लोगों को अपने जीवित होने के लिए दस्तावेज जमा कराने पड़ रहे हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी इंदिरा ने बताया कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डेटा में कमी होने से इस तरह की समस्या देखने को मिली है। इस तरह के 17 मामले आए हैं, जिनमें से 12 का स्थानीय स्तर पर ही समाधान करा दिया है और उनकी पेंशन फिर से शुरू करा दी है, जबकि 5 लोगों की फाइलें उच्च अधिकारियों के पास भेजी हैं। वहां से निर्देश मिलने के बाद उनके लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। पलवल के जिला समाज कल्याण अधिकारी का कार्यालय इन दिनों पेंशन पाने वालों की भीड़ से भरा हुआ है। रोजाना सैकड़ों महिला और पुरुष आफिस में पेंशन शुरू करवाने के लिए जा रहे हैं। 377 विधवाओं की पेंशन रुकी हुई है। जिले में 30 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हें जिंदा होने के बाद भी कागजातों में मृत बताकर पेंशन रोक दी गई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी रेणुबाला ने बताया कि किसी भी व्यक्ति किसी भी कारण से रोकी गई है तो जिला समाज कल्याण अधिकारी के आफिस में जाकर अपडेट करवा सकते हैं।

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