थाना ही ‘युवराज’ का घर, पुलिसवाले थे पैरेंट्स… अब सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लिया गोद, बच्चे की कहानी पर नहीं थमेंगे आंसू

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थाना ही ‘युवराज’ का घर, पुलिसवाले थे पैरेंट्स… अब सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लिया गोद, बच्चे की कहानी पर नहीं थमेंगे आंसू

थाना ही ‘युवराज’ का घर, पुलिसवाले थे पैरेंट्स… अब सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लिया गोद, बच्चे की कहानी पर नहीं थमेंगे आंसू

Muneshwar Kumar | Navbharat Times | Updated: Dec 6, 2022, 12:29 PM

MP Sadhvi Pragya Adopted Child: भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ने आठ साल के युवराज को गोद लिया है। युवराज बीते छह महीने से भोपाल के बैरसिया थाने में रह रहा था। पुलिसवाले ही उसका ध्यान रखते थे। बच्चे की कहानी जानकर आंखों में आंसू नहीं थमेंगे।

 

थाना ही ‘युवराज’ का घर, पुलिसवाले थे पैरेंट्स… अब सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लिया गोद, बच्चे की कहानी पर नहीं थमेंगे आंसू
अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वालीं भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा इन दिनों दूसरी वजह से सुर्खियों में हैं। भोपाल के बैरसिया थाने में युवराज नाम का बच्चा छह महीने से रह रहा था। उसकी उम्र आठ साल है। थाने आने से पहले वह सड़कों पर भटकता रहता था। बच्चे के बारे में सांसद को जानकारी मिली तो वहां पहुंची और उसे गोद ले लिया है। अभी तक बच्चे की देखभाल थाने के पुलिस अधिकारी और जवान ही करते थे। उसके खाने पीने से लेकर कपड़े तक की व्यवस्था करते थे। युवराज का इस दुनिया में पिता के सिवा अब कोई नहीं है। पिता अभी मां की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।

मां की हत्या के आरोप में पिता जेल गया

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युवराज की कहानी काफी मार्मिक है। मां अब इस दुनिया में है। पिता पर ही मां की हत्या का आरोप है। इस आरोप में पिता जेल में बंद है। पिता के जेल जाने के बाद युवराज की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। वह करीब एक साल तक सड़कों पर भटकता रहा। साथ ही थाने आकर पूछता था कि उसके पिता कब आएंगे। इधर-उधर से मांगकर वह खाना खाता था।

छह महीने से थाना ही बना घर

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छह महीने पहले बैरसिया थाना प्रभारी गिरीश त्रिपाठी से उसकी मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान युवराज ने उन्हें अपनी पूरी बात बताई। थाने में नए होने की वजह से गिरीश त्रिपाठी को उसके पूर्व की कहानी के बारे में जानकारी नहीं थी। जांच के दौरान पता चला कि युवराज की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। एक बुजुर्ग दादी हैं जो अपने दूसरे बच्चों के साथ रहती हैं। इसके बाद उसे थाने में रखने का फैसला किया।

पुलिसवाले ही उठाते थे उसका खर्च

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युवराज की कहानी जानने के बाद टीआई ने फैसला कर लिया कि युवराज अब थाने में रहेगा। थाने में ही रहकर वह अपनी पढ़ाई करता था। पुलिस के लोग ही उसके लिए खाना लाते थे। साथ ही किताब-कॉपी और कपड़े की भी व्यवस्था करते थे। इस दौरान वह पुलिसकर्मियों के घर भी रात में चला जाता था। सभी लोग बच्चे की तरह उसकी देखरेख करते थे।

सांसद साध्वी प्रज्ञा ने लिया गोद

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सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बैरसिया में चौपाल के दौरान युवराज के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने मां हरसिद्धि मंदिर के पास चौपाल लगाया था। जानकारी मिलने के बाद सांसद ने युवराज को गोद ले लिया है। टीआई ने सांसद से कहा था कि अगर मेरा यहां से ट्रांसफर हो जाएगा तो ये बच्चा कहां जाएगा। इन्होंने पुलिस की एक अलग छवि पेश की है। अब बच्चे को मैंने गोद ले लिया है। वह मेरे साथ रहेगा। आगे की पढ़ाई लिखाई अच्छे से होगी।

युवराज के पिता बस कंडक्टर

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करीब डेढ़ साल पहले युवराज के पिता बलबीर ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद से ही वह जेल में है। बलबीर बस कंडक्टर का काम करता था। पिता के जेल जाने के बाद रिश्तेदारों ने कुछ दिन तक ख्याल रखा लेकिन युवराज वापस बैरसिया लौट आया। इसके बाद इधर-उधर भटकने लगा। कई बार उसे भूखे पेट भी सोना पड़ता था।

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