‘तो अंजाम भुगतने होंगे’, हिमंत बिस्वा सरमा मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को झटका
आप नेता ने दावा किया था कि शर्मा ने 2020 में राज्य का स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान अपनी पत्नी की कंपनी को आपूर्ति के आर्डर दिये थे। हालांकि, शर्मा ने इन आरोपों से इनकार किया था। यह विषय सोमवार को जस्टिस एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आप नेता ने यह नहीं कहा था कि कोई पैसा लिया गया है।
पीठ ने कहा, यदि आप सार्वजनिक बहस को इस स्तर तक गिरा देंगे, तो आपको अंजाम भुगतने होंगे। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले ही बेशर्त माफी मांग लेनी चाहिए थी। सिंघवी ने कहा कि कोई व्यक्ति दूसरों को धौंस नहीं दिखा सकता और याचिकाकर्ता ने कभी नहीं कहा था कि कोई धन लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको अंजाम भुगतने होंगे। पीठ ने कहा कि आरोप महामारी के दौरान लगाये गये थे।
उच्च न्यायालय ने शर्मा द्वारा दायर की गई शिकायत का संज्ञान लिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस साल चार जून को सिसोदिया ने नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक मानहानिकारक बयान दिया। अदालत ने सिसोदिया के बारे में शर्मा की इस शिकायत का संज्ञान लिया, जिसमें उन पर (शर्मा पर) पीपीई किट खरीदने के लिए अपनी पत्नी को सरकारी ठेका देने में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया था। यह आरोप लगाया गया था कि इस तरह की पीपीई किट अन्य से प्रति इकाई 600 रुपये में खरीदी गई, जबकि यही चीज शर्मा की पत्नी के मालिकाना हक वाली कंपनी से 900 रुपये प्रति किट के दर से खरीदी गई।