तेज धमाके के बाद जमीन में गिरा आग का गोला, Morena Plane Crash की प्रत्यक्षदर्शी ने बताई शॉकिंग कहानी
दोनों लड़ाकू विमानों ने ग्वालियर हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, जो भारतीय वायुसेना का एक अड्डा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर एकत्र हुए लोगों ने दोनों पायलटों को झाड़ियों से बाहर निकाला और उन्हें जमीन पर लेटाया। इसके कुछ देर बाद वायुसेना का हेलीकॉप्टर आया और दोनों पायलटों को इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया गया। उन्होंने कहा कि पहाड़गढ़ गांव से करीब चार किलोमीटर दूर 500 से 800 मीटर के क्षेत्र में दोनों विमानों का मलबा बिखरा हुआ था और उसमें आग लगी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आसपास के लोगों ने मिट्टी फेंककर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर जल्द ही आसपास के 15 गांवों के 1,500 से अधिक लोग आ गए।
बम विस्फोट जैसी थी आवाज
पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने घटनास्थल पर मौजूद मीडिया को बताया, ‘‘मैं कुछ लोगों के साथ खड़ा था। हमने बम विस्फोट की जैसी तेज आवाज सुनी। इसके बाद आसमान में आग की लपटें देखीं और आग के गोले गिरते देखे। इसके बाद एक विमान पहाड़गढ़ के जंगल इलाके में गिरते देखा और दूसरा विमान भरतपुर इलाके में।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी बीच, हमने दो पैराशूट नीचे आते देखे और हमने 15-20 मिनट तक दोनों के उतरने का इंतजार किया। इनमें दो लोग वर्दी में थे जो झाड़ियों में गिर गए और घायल हो गए। हमने उन्हें झाड़ियों से बाहर निकाला और जमीन पर लेटा दिया। हमने दोनों पायलटों से बात भी की। इसके बाद वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर आया और उन्हें ग्वालियर ले गया।’’
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ग्रामीणों ने दी प्रशासन को जानकारी
उन्होंने दावा किया कि मलबे के पास एक क्षत-विक्षत शव मिला है। स्थानीय एवं वायुसेना के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और तलाश अभियान शुरू किया। पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने कहा कि वह सुबह करीब 10:30 बजे उस स्थान के करीब थे, जहां यह विमान हादसा हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक विमान के सामने वाले भाग को आग की लपटों में देखा। मैंने थोड़ी दूर एक जगह से धुआं उठते देखा। हमने मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की क्योंकि उस समय हमारे पास वहां पर पानी नहीं था।’’ उन्होंने दावा किया कि सरपंच शाक्य ने घटना के बाद पुलिस और दमकल विभाग को फोन किया।