तीन साल में एक शतक नहीं, फिर भी औसत बड़े-बड़ों से ज्‍यादा… कोहली को सुना देना कितना आसान है!

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तीन साल में एक शतक नहीं, फिर भी औसत बड़े-बड़ों से ज्‍यादा… कोहली को सुना देना कितना आसान है!


तीन साल में एक शतक नहीं, फिर भी औसत बड़े-बड़ों से ज्‍यादा… कोहली को सुना देना कितना आसान है!

‘अगर आप रन्‍स नहीं बनाते तो हमें लगता है कि कुछ गड़बड़ है। हमें बस एक चीज दिखती है और वो है आपकी परफॉर्मेंस। अगर परफॉर्मेंस नहीं है तो ये उम्‍मीद मत रखिए कि लोग चुप रहेंगे। आपके बैट और आपकी परफॉर्मेंस को बोलना चाहिए, और किसी को नहीं।’ कपिल देव ने पिछले दिनों विराट कोहली की ‘खराब फॉर्म’ पर यही कहा था। कपिल पाजी की बात बिल्‍कुल सही है कि रन नहीं बनाओगे तो लोग सवाल करेंगे ही लेकिन कितने रन काफी हैं? कोहली जितने कद के बल्‍लेबाज से हर सीरीज में शतक की उम्‍मीद होती है मगर वह ढाई साल से भी ज्‍यादा वक्‍त से शतक का सूखा झेल रहे हैं।

बर्मिंघम में इंग्‍लैंड के खिलाफ पांचवे टेस्‍ट में भी कोहली फिर ‘फ्लॉप’ साबित हुए। जाहिर था, फैन्‍स और कमेंटेटर्स भड़केंगे। यही हुआ। कोहली के खिलाफ उठती आवाजों के बीच एक आवाज थोड़ी बैलेंस्‍ड और लॉजिकल रही। इंग्‍लैंड के पूर्व क्रिकेट ग्राएम स्‍वान को लगता है कि हाल के दिनों में कोहली को कुछ ज्‍यादा ही लताड़ दिया गया है। स्‍वान की बात में कुछ दम तो है। टेस्‍ट क्रिकेट में कोहली का औसत भले ही 50 से नीचे चला गया हो, उनके आंकड़े अब भी समकालीन बल्‍लेबाजों से कहीं बेहतर हैं।

एजबेस्‍टन टेस्‍ट: 11 और 20 रनों की पारियां

बर्मिंघम के एजबेस्‍टन स्‍टेडियम में भारत और इंग्‍लैंड की टीमें पांचवां टेस्‍ट खेल रही हैं। मैच भारत की मुट्ठी में है मगर उसमें कोहली का खास योगदान नहीं है। पहली पारी में मैटी पॉट्स की गेंद पर कोहली तय ही नहीं कर सके कि खेलना है या छोड़ना है। 11 रन बनाकर आउट हुए। दूसरी पारी आई, लगा कि कोहली रंग में है। चार चौके लगा चुके थे।

उम्‍मीद बढ़ रही थी कि कोहली आज कुछ बड़ा करेंगे लेकिन बेन स्‍टोक्‍स की एक बेहतरीन गेंद कोहली को छका गई। एक्‍स्‍ट्रा बाउंस और एक्‍स्‍ट्रा स्विंग जैसे हथियारों से लैस उस गेंद के सामने कोहली क्‍या, कोई और बल्‍लेबाज भी होता तो टिक नहीं पाता। गेंद ने बल्‍ले का एज लिया और सैम बिलिंग्‍स के दस्‍तानों से छिटककर फर्स्‍ट स्लिप में खड़े जो जो रूट के हाथों में समा गई। 40 गेंद में 20 रन बनाकर कोहली एक बार फिर पवेलियन की ओर बढ़े चले।

2021 में हुए इस सीरीज के शुरुआती चार मैचों में कोहली ने 231 रन बनाए थे। यानी 5 मैचों में कोहली ने टोटल 262 रन बनाए।

ऐसी गेंद थी, कोहली क्‍या कोई भी आउट हो जाता!

विराट कोहली ने 953 दिन से नहीं लगाया शतक

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  • विराट कोहली ने इंटरनैशनल क्रिकेट में आखिरी शतक 22 नवंबर, 2019 को बांग्‍लादेश के खिलाफ टेस्‍ट मैच में लगाया था। उन्‍हें शतक लगाए 953 दिन हो चुके हैं।
  • साल 2020 की शुरुआत से कोहली ने 18 टेस्‍ट खेले हैं। इस दौरान कुल 32 पारियों में उन्‍होंने 27.25 के औसत से सिर्फ 872 रन बनाए हैं। सिर्फ छह फिफ्टी लगाईं और चार बार 0 के स्‍कोर पर आउट हुए।
  • 2019 के आखिर में विराट कोहली का टेस्‍ट औसत 54.98 था जो 1000 से ज्‍यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्‍लेबाजों में बेस्‍ट था। अब उनका औसत गिरकर 49.5 हो गया है।

टेस्‍ट रैंकिंग्‍स: नंबर 1 से 10 पर लुढ़के कोहली

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विराट कोहली साल 2018 में ICC टेस्‍ट रैंकिंग्‍स में सबसे ऊपर थे। 21 अगस्‍त 2018 को कोहली की टेस्‍ट रेटिंग 937 थी। ICC की वेबसाइट पर मौजूद लिस्‍ट में कोहली अब 10वें नंबर पर हैं। उनकी टेस्‍ट रेटिंग करीब 200 पॉइंट्स घटकर 742 पर आ गई है। 2018-19 वाले सत्र से ही विराट के लिए चीजें बिगड़ना शुरू हुईं। एक के एक सीरीज में विराट बड़ा स्‍कोर नहीं कर सके। बीच-बीच में अच्‍छी पारियां जरूर खेलीं मगर फैन्‍स की उम्‍मीदों के हिसाब से धमाका नहीं कर सके।

ओवरऑल एवरेज ठीक-ठाक लेकिन स्‍टैंडर्ड हाई है

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आखिरी शतक के बाद से कोहली ने इंटरनैशनल क्रिकेट के अलग-अलग फॉर्मेट्स में 75 पारियां खेली हैं। 36.89 के औसत से 2,509 रन बनाने के दौरान उन्‍होंने 24 फिफ्टी लगाई हैं। विराट कोहली का पिछले ढाई साल में सर्वाधिक स्‍कोर 94 (नाबाद) रहा है। ओवरऑल देखें तो विराट का प्रदर्शन औसत रहा है। वह ‘किंग कोहली’ वाली ख्‍याति के अनुरूप रन नहीं बना सके।

2020-2022: सेंचुरी और टेस्‍ट क्रिकेट… विराट की दो परेशानियां

फॉर्मेट पारी रन औसत हाईएस्‍ट स्‍कोर
टेस्‍ट (2020-2022) 32 872 27.25 79
वनडे (2020-2022) 18 702 39 89
T20I (2020-2022) 19 663 47.35 85

बैटिंग एवरेज अब भी बड़े-बड़ों से ज्‍यादा

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  • टेस्‍ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्‍यादा करियर बैटिंग एवरेज वाले बल्‍लेबाजों की लिस्‍ट (कम से कम 20 पारी) पर नजर डालिए। टॉप 30 में आपको केवल दो ऐसे बल्‍लेबाजों का नाम मिलेगा जो अभी खेल रहे हैं- जो रूट और विराट कोहली। हाल के सालों में उतना अच्‍छा प्रदर्शन नहीं रहने के बावजूद कोहली का औसत 49.53 है। रूट गजब फॉर्म में रहे हैं और उनका औसत 50.07 है।
  • वनडे क्रिकेट में विराट कोहली का करियर एवरेज 58.07 है। वह 260 मैचों की 39 पारियों में नॉटआउट रहे हैं। वनडे क्रिकेट में अभी सबसे ज्‍यादा औसत के मामले में कोहली चौथे नंबर पर हैं।
  • टी20 इंटरनैशनल में भी विराट का औसत 50 से ज्‍यादा है। उन्‍होंने पूरे करियर के 97 मैचों में 51.5 के औसत से 3,296 रन बनाए हैं। कोहली से ज्‍यादा एवरेज किसी का नहीं है।

क्‍या विराट पर होता है ‘इमोशनल अत्‍याचार’?

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कपिल, मांजरेकर, पोंटिंग… कोहली पर कौन क्‍या बोला?

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  • कपिल देव लगातार कोहली के संघर्ष पर बोलते रहे हैं। पिछले दिनों इतने लंबे वक्‍त से कोहली के शतक न लगा पाने से वह दुखी हैं। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने बर्मिंघम टेस्‍ट में कमेंट्री के दौरान कहा कि वे इतने लंबे वक्‍त से कोहली की खराब फॉर्म देखकर हैरान हैं। मांजरेकर ने 2 जुलाई को कहा, ‘एक एक्‍सपर्ट के रूप में जब मैं देखता हूं तो लगता है कि उनका कॉन्फिडेंस कम हो गया है, थोड़ा-बहुत बैडलक भी चल रहा है, टेक्निकल इशूज भी हैं। मुझे लगता है कि वह फ्रंट फुट पर काफी ज्‍यादा खेल रहे हैं।’
  • पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाज रिकी पोंटिंग ने पिछले महीने कहा था कि विराट का शरीर थका हुआ है लेकिन दिमागी रूप से वह यह मानने को तैयार नहीं हैं। पोंटिंग को उस वक्‍त दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज के लिए आराम दिया गया था। आईपीएल 2022 में भी कोहली की परफॉर्मेंस खराब रही। 16 मैचों में उन्‍होंने केवल 341 रन बनाए थे।
  • रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने कहा था कि विराट को अपनी मेंटल हेल्‍थ का ध्‍यान रखना चाहिए। लाड के अनुसार, ‘वह मेंटली स्‍ट्रॉन्‍ग नहीं लगते जो शायद उनके खराब प्रदर्शन की वजह हो। तीन साल तक शतक न बनाना काफी बुरा है खासतौर से विराट जैसे खिलाड़ी के लिए। सचिन ने कहा था कि उनका रेकॉर्ड केवल दो ही बल्‍लेबाज तोड़ सकते हैं और वो हैं विराट और रोहित।’

नो सेंचुरी! फैन्‍स से लेकर कपिल पाजी तक परेशान

वह हमारे लिए हीरो की तरह हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि कोई ऐसा खिलाड़ी आएगा जिसकी तुलना हम राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर, सुनील गावस्‍कर, वीरेंद्र सहवाग से करेंगे। लेकिन वो (कोहली) आए और हमें तुलना पर मजबूर किया और अब पिछले दो साल से उन्‍होंने (शतक नहीं लगाया) ऐसा नहीं किया है तो यह बात मुझे और सबको परेशान कर रही है।

कपिल देव, पूर्व क्रिकेटर

क्‍या विराट को कुछ ज्‍यादा ही सुनाया जाता है?

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इंग्‍लैंड के पूर्व स्पिनर ग्राएम स्‍वान को कुछ ऐसा ही लगता है। स्‍वान ने बर्मिघम टेस्‍ट के तीसरे दिन के खेल का एनालिसिस करते हुए कहा कि भारतीय कमेंटेटर्स का रवैया हाल के दिनों में कोहली के प्रति रुखा रहा है। स्‍वान ने ब्रॉडकास्‍टर सोनी स्‍पोर्ट्स से कहा, ‘आप जो कहना चाहें, कह सकते हैं। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि टेस्‍ट इतिहास के किसी भी समयकाल से कौन बैट कर रहा है, अगर आप उस गेंद से बच जाते हैं तो खुद को बेहद लकी मानिए। वह अनप्‍लेयेबल है। आखिर में वह लकी कैच रहा।’ स्‍वान दूसरी पारी में कोहली के आउट होने की बात कर रहे थे जिसका वीडियो आप ऊपर देख चुके हैं।

स्‍वान ने बड़ी अहम बात कही। उन्‍होंने कहा कि ‘विराट के लिए स्‍टैंडर्ड काफी हाई हैं।’ शायद विराट की इतनी लानत-मलामत इसी वजह से हो रही है कि उन्‍होंने 4-5 साल तक इंटरनैशनल क्रिकेट की बैटिंग पर एकछत्र राज किया। पिछले ढाई-तीन साल से उनकी परफॉर्मेंस पहले जैसी नहीं रही और वह ट्रिपल डिजिट में स्‍कोर नहीं कर सके तो आलोचना की भाषा तीखी होती चली गई।

बैटिंग में चले नहीं, कप्‍तानी गंवा दी, कोहली के लिए आगे क्‍या?

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विराट कोहली अपनी बैटिंग से टीम को प्रेरित नहीं कर सके। ICC टी20 वर्ल्‍ड कप 2021 से पहले कोहली ने कप्‍तानी छोड़ने का ऐलान कर लिया। कुछ ही समय बाद कोहली को वनडे की कप्‍तानी से भी हटा दिया गया। विराट कोहली टेस्‍ट क्रिकेट में भारत के सफलतम कप्‍तान हैं। उन्‍होंने 64 टेस्‍ट मैचों में कप्‍तानी की जिनमें से टीम ने 39 मैच जीते। इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के हाथों तीन टेस्‍ट मैचों की सीरीज हाने के बाद कोहली ने टेस्‍ट क्रिकेट में कप्‍तानी को भी अलविदा कह दिया। विराट की जगह रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंपी गई।

माना जा रहा था कि कप्‍तानी छोड़ने के बाद कोहली की बल्‍लेबाजी सुधरेगी। हालांकि, टॉप-मिडल ऑर्डर में बल्‍लेबाजी करने वाले कोहली की किस्‍मत जरा भी नहीं बदली। अगर उनका खराब प्रदर्शन दो-तीन सीरीज और चला तो टीम में बतौर बल्‍लेबाज उनकी जगह भी खतरे में पड़ सकती है।



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