तालाब में जमी सिल्ट, धुल रहे कपड़े

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तालाब में जमी सिल्ट, धुल रहे कपड़े

एहतिहासिक तालाब संग्रामसागर का रेंग रहा निर्माण कार्य, शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता गार्डन

जबलपुर. एहतिहासिक तालाब संग्रामसागर का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के माध्यम से विकास किया जा रहा है। तालाब के बीच में बनी बारादरी को उसी दशा में विकसित करने के साथ यहां गार्डन आदि बनाया गया है लेकिन देखरेख नहीं होने से मटियामेट हो रहा है। तालाब की स्थिति यह हो गई है कि कचरा फेंकने से सिल्ट जमती जा रही है। कपड़ा धोने पर प्रतिबंध के बाद भी यहां धोबीघाट मच रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में तालाब के विकास के लिए स्मार्ट सिटी को राशि मंजूर हुई है लेकिन वे तालाब को छोडक़र दूसरे छोर पर नया गार्डन बनाने लग गए हैं।

गोंडवानाकालीन राजा संग्रामसागर के नाम पर बनाए गए तालाब के बीच में रानी दुर्गावती की बारादरी है। पानी के बीच में बारादरी जाने के लिए अब मदनमहल पहाड़ी की ओर से कच्चा रास्ता बना लिया गया है। इस बारादरी तक पहुंचने का कोई विशेष मार्ग नहीं है ताकि पर्यटक वहां तक पहुंच सके। इतिहासविद कहते हैं कि गोंडवाना काल में इस बरादरी में नृत्यांगनाएं अपनी कला का प्रदर्शन करती थीं। राजअतिथियों को इस जगह पर ठहराया जाता था। राजशासन समाप्त होने के बाद यह खंडहर में तब्दील हो गया। पर्यटन की दृष्टि और पुरातन महत्व को देखते हुए इसे संवारने की शुरूआत की गई है, लेकिन ये जीर्णोंद्वार कुछ ही दिन चल सका और ठंडे बस्ते में चला गया है।

गार्डन की एक लाइट भी साबुत नहीं

तालाब में बाजनामठ की ओर से लेकर स्टाप डेम तक गार्डन विकसित किया गया है। लोगों के आने-जाने के लिए पाथवे बनाया है। पाथवे की हालत यह हो गई है कि यहां लगाए गए पत्थर टूट रहे हैं। पत्थरों के किनारे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। शाम होने के बाद यहां अंधेरा छा जाता है। बिजली व्यवस्था होने के बाद भी यहां की एक लाइट भी नहीं जलती है। ट्रांसफार्मर के समीप लगी डीपी खुली पड़ी है। तालाब के किनारे लगाई गई फैंसिंग भी टूट रही है। यहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने से व्यवस्थाएं समाप्त होती जा रही हैं।

तालाब में सिल्ट और उस पर झाडि़यां

संग्रामसागर तालाब की गहराई अधिक है। सालों से सफाई नहीं होने की वजह से इसके किनारों पर सिल्ट जम गई है, जिस पर झाडि़यां उग रही हैं। सिल्ट की वजह से तालाब के चारों ओर दलदल की स्थिति बन गई है। दूसरा यह भी है कि बाजनामठ घाट की ओर से इस तालाब में कचरा फेंका जा रहा है। इससे यहां घाट पर जंगली जलीय पौधे उग गए हैं। तालाब का पानी स्थिर हो गया है, जिससे दुर्गंध आने लगी है।

कपड़े धोने पर प्रतिबंध बेअसर

बाजनामठ घाट, गार्डन की ओर घाट सहित स्टाप डेम पर कपड़े धोए जा रहे हैं, जबकि एहतिहासिक तालाब में कपड़े धोने पर रोक लगाई गई है। जानकार कहते हैं कि यहां निगरानी नहीं होने से मनमानी चल रही है। इसके लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किया जाना चाहिए। उधर, गार्डन की रखवाली के लिए मात्र एक माली लगाया हुआ है लेकिन गार्डन में आने-जाने वालों पर कोई लगाम नहीं है।

– संग्रामसागर में निर्माण कार्य किया जा रहा है। तालाब के कैचमेंट एरिए को तैयार किया जा रहा है। बारादरी का भी जीर्णोंद्वार किया जाएगा।
रवि राव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, स्मार्ट सिटी



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