तारीफों के बीच तंज कसे, मानगढ़ के मंच पर मोदी और गहलोत के बीच क्या कुछ हुआ? यहां पढ़ें

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तारीफों के बीच तंज कसे, मानगढ़ के मंच पर मोदी और गहलोत के बीच क्या कुछ हुआ? यहां पढ़ें

तारीफों के बीच तंज कसे, मानगढ़ के मंच पर मोदी और गहलोत के बीच क्या कुछ हुआ? यहां पढ़ें

जयपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm narendra modi) 1 नवम्बर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम (mangarh dham) के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के साथ मंच साझा किया। मोदी और गहलोत दोनों ने गोविन्द गुरू की प्रतीमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए और बाद में मंच साझा किया। करीब एक घंटे तक दोनों मंच पर साथ रहे। इस दौरान कुछ देर तक दोनों के बीच गुप्तगू भी हुई। सामान्य दिनों में एक दूसरे पर खुलकर तंज कसने वाले इन दोनों नेताओं ने मानगढ़ धाम के मंच से दोनों की तारीफ भी की। इशारों ही इशारों में हल्के तंज भी कसे। हालांकि सीधे तौर पर कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाए क्योंकि यह एक धार्मिक आयोजन था।

मोदी बोले – गहलोत पहले भी हम मुख्यमंत्रियों में सीनियर थे आज भी सीनियर हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 मिनट का संबोधन दिया। अपने संबोधन की शुरूआत में उन्होंने हंसते हुए गहलोत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, तब हम मुख्यमंत्रियों की जमात में अशोक गहलोत जी हम सब से सीनियर थे। आज भी मंच पर बैठे मुख्यमंत्रियों में सबसे सीनियर है। मोदी के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री भी मुस्कुरा गए। इस दौरान मंच पर बैठे गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सम्मानपूर्वक अशोक गहलोत के हाथ पर हाथ धरा। फिर गहलोत ने भी पटेल के हाथ पर हाथ रख कर हंसते हुए उनके सम्मान को स्वीकार किया।

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इशारों ही इशारों में पीएम ने गोविन्द गुरू की उपेक्षा करने का तंज कस दिया

अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद गोविन्द गुरू और आदिवासियों के योगदान को भुला दिया गया था। आजादी के बाद इतिहारकारों ने आदिवासियों और गोविन्द गुरू के योगदान को इतिहास में जगह नहीं दी। दशकों पुरानी इस भूल को आज देश सुधार रहा है। मोदी के इस बयान के जरिए इशारों ही इशारों में कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस की गलती को सुधारने की बात कह दी।
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गहलोत ने भी तारीफ के साथ कसा मोदी पर तंज

अशोक गहलोत ने करीब 18 मिनट तक अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के मुल्कों में जाते हैं तो इनका बहुत मान सम्मान होता है। आज हमारे देश कहां से कहां पहुंच गया। पहले गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और दुनिया में हमारे पीएम का स्वागत होता है। गहलोत के इस संबोधन के दौरान लोगों ने हुटिंग की लेकिन अगले ही पल गहलोत ने कहा कि मोदी का सम्मान इसलिए होता है क्योंकि यह गांधी का देश है। यहां 70 वर्षों से लोकतंत्र कायम है। मान सम्मान का कारण बताते हुए गहलोत ने तंज कस दिया कि जो मान सम्मान मोदी जी को मिल रहा है, वह महात्मा गांधी की वजह से मिल रहा है और कांग्रेस ने 70 साल तक लोकतंत्र कायम रखा। इस वजह से मिल रहा है। मोदी जी की भूमिका को गहलोत ने नजर अंजाद करते हुए संबोधन दिया।
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रतलाम डूंगरपुर रेल प्रोजेक्ट को बंद करने का भी तंज कसा

अशोक गहलोत ने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान रतलाम से डूंगरपुर तक रेल लाइन का प्रोजेक्ट बना था। यह रेल लाइन बांसवाड़ा से होकर गुजरनी प्रस्तावित थी। उस समय केन्द्र में यूपीए की सरकार थी। रेल लाइन के प्रोजेक्ट के तहत आधी राशि प्रदेश सरकार को खर्च करनी तय थी। राजस्थान सरकार ने 250 करोड़ रुपए जमा करा दिए। जमीन भी दे दी और काम भी शुरू हो गया लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। यानी एनडीए का शासन आने के बाद रेल प्रोजेक्ट का कामकाज रोके जाने को लेकर गहलोत ने मोदी पर तंज कसा। साथ ही इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू कराने की अपील भी की।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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