ताजमहल के 500 मीटर दायरे में आए मदरसे को नोटिस, प्राधिकरण की कार्रवाई से लोगों में भड़का गुस्सा

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ताजमहल के 500 मीटर दायरे में आए मदरसे को नोटिस, प्राधिकरण की कार्रवाई से लोगों में भड़का गुस्सा

ताजमहल के 500 मीटर दायरे में आए मदरसे को नोटिस, प्राधिकरण की कार्रवाई से लोगों में भड़का गुस्सा

आगरा: ताजमहल की बाउंड्रीवाल से 500 मीटर की परिधि पर आने वाले मदरसे पर आगरा विकास प्राधिकरण ने बंद करने का नोटिस चस्पा कर दिया है। इस नोटिस के बाद स्थानीय लोगों में प्राधिकरण की कार्रवाई से रोष फैल गया है। लोगों का कहना है कि मदरसे में निशुल्क शिक्षा दी जाती है। यहां कोई व्यवसायिक गतिविधियां नहीं हो रही है। मदरसे में पढ़ने आने वाले बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की योजना है, जबकि मदरसा मस्जिद का हिस्सा है। इसे सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में भी कार्रवाई से मुक्त कर दिया था।

एमसी मेहता बनाम यूनियन बैंक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को ताजमहल की बाउंड्रीवाल से 500 मीटर के दायरे में आने वाली सभी व्यवसायिक गतिविधियों को हटाने के आदेश दिए हैं। आदेश के अनुसार आगरा विकास प्राधिकरण ने ताजमहल की सीमा का सर्वे शुरू कर दिया है। इसी क्रम में एडीए की सर्वे टीम ने 500 मीटर के दायरे में आने वाले सभी कारोबारियों के प्रतिष्ठान पर नोटिस चस्पा करा दिए हैं। इसमें 17 अक्टूबर तक सभी व्यवसायिक कारोबार को बंद करने के निर्देश जारी हैं। प्राधिकरण की सर्वे टीम ने दो अक्टूबर को ताजमहल के पूर्वी गेट के पास स्थित मदरसे पर भी नोटिस चस्पा कर दिया है। इस नोटिस के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैला हुआ है।

1996 में ही सुप्रीम कोर्ट ने किया था मुक्त
ताजमहल पूर्वी गेट पर शाही मस्जिद में मदरसा अफजल उमूल बना हुआ है। वर्ष 1969 में इसका निर्माण हुआ था। मदरसे के प्रबंधक कलीमुद्दीन का कहना है कि मदरसा 53 साल पुराना है। इससे पूर्व भी वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्रवाई से मस्जिद और मदरसे को मुक्त कर दिया था। यहां कोई व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होती हैं। बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है। प्राधिकरण के अधिकारी गेट के बाहर चपरासी के सामने नोटिस चस्पा कर गए हैं।

स्थानीय लोगों ने जताया आक्रोश
स्थानीय निवासी इब्राहिम जैदी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार व्यवसायिक गतिविधियों को हटाने के आदेश है, लेकिन मदरसा अफसल उलूम अनाथालय है। यहां यतीम बच्चों को निशुल्क भोजन और रहने की व्यवस्था की जाती है। लोग यहां दान करने आते हैं। रुपयों का कोई लेनदेन नहीं होता है। रविवार दोपहर को जब प्राधिकरण के अधिकारी मदरसे पर आए थे तो वे बाहर से ही नोटिस लगाकर चले गए। सोमवार को मदरसा संचालित हुआ है। बच्चे यहां तालीम ले रहे हैं।

क्या कहते हैं प्राधिकरण के उपाध्यक्ष
आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ का कहना है कि किसी भी धार्मिक संस्था पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। केवल व्यवसायिक गतिविधियों को रोका जा रहा है। मस्जिद व मदरसा पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
रिपोर्ट- सुनील साकेत

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