तलाक के बाद पूजा बेदी ने पति से नहीं ली फूटी कौड़ी, 16 हजार की कमाई से संभालती थीं घर और बच्चे
जब एक्ट्रेस पूजा बेदी ने अपनी शादी तोड़ी, तो वह अपने भविष्य, अपने करियर, अपने पैसों को लेकर चिंता में थीं। पूजा का एक थ्रोबैक इंटरव्यू इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इसमें पूजा बेदी ने बताया कि अपने पति फरहान फर्नीचरवाला के साथ अलग होने का फैसला करने के बाद उनका जीवन बदल गया। दोनों ने 1994 में शादी की और 2003 में तलाक ले लिया। दूरदर्शन सह्याद्री के साथ एक इंटरव्यू में पूजा बेदी से पूछा गया कि उन्होंने अपने अलगाव के बाद के जीवन को कैसे जीया और फिर से बनाया, यहां तक कि उन्होंने एलिमनी के पैसे भी नहीं लिए। एक्ट्रेस अलाया एफ सहित दो बच्चों की मां बेदी ने कहा कि यही एकमात्र ऑप्शन बचा था और उन्होंने खुद की देखभाल खुद की।
Pooja Bedi ने कहा, ‘जहां चाह, वहां राह। मुझे पता है कि मैं शादी नहीं करना चाहती, लेकिन अब मुझे समाधान खोजने की जरूरत है। परेशानियां बहुत हैं, पति को लगता है कि मैं सबसे अच्छी पत्नी हूं, वो मुझे क्यों जाने दें, लेकिन मैंने कहा, ‘हैलो! यह एक आइडल मैरिज नहीं है और शायद आप एक अच्छे पति नहीं हैं, मैं जाना चाहती हूं।’ उन्होंने कहा नहीं, अगर मैं तुम्हें पैसे दूंगा, तो तुम चली जाओगी, जो मुझे नहीं चाहिए। मैं मुश्किल में थी, क्योंकि मैं उस शादी में रहना नहीं चाहती थी।’
बच्चों के लिए नहीं गईं कोर्ट
उन्होंने आगे बताया, ‘उस समय कानून अलग थे, महिलाओं के अधिकारों का आंदोलन इतना एक्टिव नहीं था जितना आज है। इसलिए, मैंने खुद से पूछा कि मैं क्या चाहती हूं- क्या मैं अदालत में जाना चाहती हूं और पैसे की मांग करते हुए उससे लड़ना चाहती हूं। क्योंकि ऐसा नहीं है कि मैंने उनके लिए अपना करियर छोड़ा, मैंने उनके साथ अपना करियर भी बनाया। फर्नीचरवाला हमने शुरू किया था, हमने इसे एक साथ लॉन्च किया। प्रोडक्शन, डिलीवरी, मार्केटिंग क्लाइंट हैंडलिंग, मैं उनके साथ करती थी। मैं उनकी कंपनी का हिस्सा था, लेकिन कानूनी तौर पर नहीं। मैंने इसे अपनी मेहनत से भी बनाया था, लेकिन कानूनी तौर पर मेरा नाम इसमें नहीं था, तो मैं क्या करूं। मैंने सोचा कि अगर मैं अदालत में जाकर लड़ूंगी, तो कड़वाहट आएगी, बच्चों को भी नुकसान होगा।’
16 हजार कमाती थीं पूजा
पूजा बेदी ने कहा कि उन्होंने तब साप्ताहिक कॉलम लिखना शुरू किया, जिसके लिए वह प्रति माह 16,000 रुपये कमाती थीं और खुश थीं। उस कॉलम ने उन्हें एक टॉक शो होस्ट करने का ऑफर दिया और फिर उसमें उन्हें मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘फिर मॉडलिंग शुरू हुई, फिर मैं ब्रांड एंबेसडर बनने लगी, कार्यक्रमों की होस्टिंग करने लगी। डेढ़ साल के अंदर मैं वही मर्सिडीज़ चला रही थी।’
Pooja Bedi ने कहा, ‘जहां चाह, वहां राह। मुझे पता है कि मैं शादी नहीं करना चाहती, लेकिन अब मुझे समाधान खोजने की जरूरत है। परेशानियां बहुत हैं, पति को लगता है कि मैं सबसे अच्छी पत्नी हूं, वो मुझे क्यों जाने दें, लेकिन मैंने कहा, ‘हैलो! यह एक आइडल मैरिज नहीं है और शायद आप एक अच्छे पति नहीं हैं, मैं जाना चाहती हूं।’ उन्होंने कहा नहीं, अगर मैं तुम्हें पैसे दूंगा, तो तुम चली जाओगी, जो मुझे नहीं चाहिए। मैं मुश्किल में थी, क्योंकि मैं उस शादी में रहना नहीं चाहती थी।’
बच्चों के लिए नहीं गईं कोर्ट
उन्होंने आगे बताया, ‘उस समय कानून अलग थे, महिलाओं के अधिकारों का आंदोलन इतना एक्टिव नहीं था जितना आज है। इसलिए, मैंने खुद से पूछा कि मैं क्या चाहती हूं- क्या मैं अदालत में जाना चाहती हूं और पैसे की मांग करते हुए उससे लड़ना चाहती हूं। क्योंकि ऐसा नहीं है कि मैंने उनके लिए अपना करियर छोड़ा, मैंने उनके साथ अपना करियर भी बनाया। फर्नीचरवाला हमने शुरू किया था, हमने इसे एक साथ लॉन्च किया। प्रोडक्शन, डिलीवरी, मार्केटिंग क्लाइंट हैंडलिंग, मैं उनके साथ करती थी। मैं उनकी कंपनी का हिस्सा था, लेकिन कानूनी तौर पर नहीं। मैंने इसे अपनी मेहनत से भी बनाया था, लेकिन कानूनी तौर पर मेरा नाम इसमें नहीं था, तो मैं क्या करूं। मैंने सोचा कि अगर मैं अदालत में जाकर लड़ूंगी, तो कड़वाहट आएगी, बच्चों को भी नुकसान होगा।’
16 हजार कमाती थीं पूजा
पूजा बेदी ने कहा कि उन्होंने तब साप्ताहिक कॉलम लिखना शुरू किया, जिसके लिए वह प्रति माह 16,000 रुपये कमाती थीं और खुश थीं। उस कॉलम ने उन्हें एक टॉक शो होस्ट करने का ऑफर दिया और फिर उसमें उन्हें मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘फिर मॉडलिंग शुरू हुई, फिर मैं ब्रांड एंबेसडर बनने लगी, कार्यक्रमों की होस्टिंग करने लगी। डेढ़ साल के अंदर मैं वही मर्सिडीज़ चला रही थी।’