डिप्टी CM ने दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया, इसलिए नहीं मिल रहा बजट… अखिलेश यादव ने कसा तंज
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र (UP Assembly Session) के दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच खूब गरमा-गरम बहस हुई। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कई मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) पर भी चुटकी ली। अखिलेश ने निशाना साधते हुए कहा कि डिप्टी सीएम ने तो दो-दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया।
मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार को अखिलेश ने विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं का मसला उठाते हुए कहा कि मैंने एक अस्पताल की तस्वीर पोस्ट की। मंत्री जी ने वहां की व्यवस्था ठीक करवाकर आरोप लगा दिया कि सपा झूठ बोल रही है। लेकिन, मीडिया ने इनकी पोल खोल दी। डिप्टी सीएम ने दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया, शायद यही वजह है कि उन्हें बजट नहीं मिल पा रहा है। अखिलेश यादव ने योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को निशाने पर ले लिया। अखिलेश ने बगैर नाम लिए बृजेश पाठक को छापामार मंत्री करार दिया।
योगी बोले- अपने कार्यकाल की सोचें अखिलेश
अखिलेश के आरोपों पर सीएम योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से मरे बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग परिवारों के थे, लेकिन सरकारों ने कोई इंतजाम नहीं किया। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन 1905 में ही जापान में आ गई थी, उसे यूपी तक पहुंचने में 100 साल लग गए। आज सरकार पर सवाल उठाने से पहले उन्हें अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए। अपनी सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए काम गिनाते हुए योगी ने अखिलेश पर खूब तंज कसे। योगी ने कहा कि ‘हमें विरासत में जो विकृति मिली थी, उसी को हम सुधार रहे हैं।’
अखिलेश यादव ने कहा यूपी के अस्पतालों में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मरीज चारपाई पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। अस्पतालों में पानी भरा हुआ है। ये सरकार डबल इंजन सरकार होने का दावा करती है लेकिन मंत्रियों के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है। सपा अध्यक्ष यहीं नहीं थमे। उन्होंने कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए हैं। लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। कन्नौज के अस्पताल में कुत्ते ही कुत्ते देखे गए पिछले दिनों। कोरोना काल को कौन भूल सकता है जब यूपी के अस्पतालों की दुर्दशा सामने आई थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को बजट नहीं दिया जा रहा है। ये सरकारी अस्पतालों को बंद करने की साजिश है। सरकार के पास स्टाफ की कमी है। ये निजीकरण करके सरकारी अस्पतालों में ताला लगाना चाहते हैं। मरीज ठेले पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। ऐम्बुलेंस कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बताए इलाज के लिए कितनी मशीनें खरीदी हैं। गोंडा में कस्टोडियल डेथ हुई, उसी दिन गोंडा के नवाबगंज में महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। क्या मेडिकल लापरवाही की वजह से मौत नहीं हो रही?
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योगी बोले- अपने कार्यकाल की सोचें अखिलेश
अखिलेश के आरोपों पर सीएम योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से मरे बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग परिवारों के थे, लेकिन सरकारों ने कोई इंतजाम नहीं किया। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन 1905 में ही जापान में आ गई थी, उसे यूपी तक पहुंचने में 100 साल लग गए। आज सरकार पर सवाल उठाने से पहले उन्हें अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए। अपनी सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए काम गिनाते हुए योगी ने अखिलेश पर खूब तंज कसे। योगी ने कहा कि ‘हमें विरासत में जो विकृति मिली थी, उसी को हम सुधार रहे हैं।’
अखिलेश यादव ने कहा यूपी के अस्पतालों में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मरीज चारपाई पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। अस्पतालों में पानी भरा हुआ है। ये सरकार डबल इंजन सरकार होने का दावा करती है लेकिन मंत्रियों के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है। सपा अध्यक्ष यहीं नहीं थमे। उन्होंने कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए हैं। लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। कन्नौज के अस्पताल में कुत्ते ही कुत्ते देखे गए पिछले दिनों। कोरोना काल को कौन भूल सकता है जब यूपी के अस्पतालों की दुर्दशा सामने आई थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को बजट नहीं दिया जा रहा है। ये सरकारी अस्पतालों को बंद करने की साजिश है। सरकार के पास स्टाफ की कमी है। ये निजीकरण करके सरकारी अस्पतालों में ताला लगाना चाहते हैं। मरीज ठेले पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। ऐम्बुलेंस कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बताए इलाज के लिए कितनी मशीनें खरीदी हैं। गोंडा में कस्टोडियल डेथ हुई, उसी दिन गोंडा के नवाबगंज में महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। क्या मेडिकल लापरवाही की वजह से मौत नहीं हो रही?
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