डाॅक्टर बाजार की दवाइयां लिख रहा था, मजदूर के बेटे ने कलेक्टर को किया ट्वीट, लेकिन उनके आश्वासन के 12 घंटे बाद भी नहीं मिली दवा | Doctor prescribing medicine outside at Uchehra Community Health Center | Patrika News
यह है पूरा मामला कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले वार्ड क्रमांक-14 उचेहरा निवासी मयंक प्रजापति ने बताया कि उसने अपनी मां राजकुमारी प्रजापति को बुखार आने पर 9 जून को सुबह 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचेहरा में भर्ती कराया। भर्ती करने के बाद से ही डाॅक्टर बाजार की दवाइयां लिख रहे थे। मजदूरी करने वाले पिता संतभान ने डाॅक्टर से आर्थिक तंगी बताकर अस्पताल से दवाइयां दिलाने का अनुरोध किया, लेकिन इसके बाद भी डाॅक्टर उनके दर्द को अनदेखा कर बाजार से ही दवाइयां खरीदने पर जोर दे रहे थे। दूसरी पाली में तैनात डाॅक्टर को मयंक ने अपनी समस्या बताई तो बोले कमीशन के चक्कर में तुम्हारी मां को बाजार की दवाइयां लिखी जा रही है। यह सुनते ही मयंक का माथा ठनक गया।
IMAGE CREDIT: patrika कलेक्टर से बताई हकीकत, निदान कुछ नहीं मयंक ने पिता संतभान की तकलीफों को देखते हुए कलेक्टर अनुराग वर्मा को 13 जून को सुबह 9 बजे ट्वीट कर सरकारी अस्पताल की हकीकत बताई। कलेक्टर ने मयंक के ट्वीट का त्वरित जवाब दिया। बोले कि आपकी समस्या जल्द निराकृत कराएंगे। लेकिन, उनके आश्वासन के बाद भी 13 जून की रात 8:45 बजे तक मयंक को अपनी मां के लिए दवाइयां नहीं मिल पाई थीं। वह बाजार से दवा खरीद कर खिलाता रहा।
बीएमओ बोले-दवाइयां उपलब्ध हैं इस संबंध में बीएमओ डॉ एके राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं। मरीज या उनके परिजनों ने मुझसे कोई शिकायत नहीं की। शिकायत करते तो मैं पता करवाता कि किसने और क्यों बाजार की दवाइयां लिखी हैं। सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया से भी उनके मोबाइल नंबर 94253-30545 पर 13 जून रात 8:45 बजे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
यह है पूरा मामला कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले वार्ड क्रमांक-14 उचेहरा निवासी मयंक प्रजापति ने बताया कि उसने अपनी मां राजकुमारी प्रजापति को बुखार आने पर 9 जून को सुबह 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचेहरा में भर्ती कराया। भर्ती करने के बाद से ही डाॅक्टर बाजार की दवाइयां लिख रहे थे। मजदूरी करने वाले पिता संतभान ने डाॅक्टर से आर्थिक तंगी बताकर अस्पताल से दवाइयां दिलाने का अनुरोध किया, लेकिन इसके बाद भी डाॅक्टर उनके दर्द को अनदेखा कर बाजार से ही दवाइयां खरीदने पर जोर दे रहे थे। दूसरी पाली में तैनात डाॅक्टर को मयंक ने अपनी समस्या बताई तो बोले कमीशन के चक्कर में तुम्हारी मां को बाजार की दवाइयां लिखी जा रही है। यह सुनते ही मयंक का माथा ठनक गया।
बीएमओ बोले-दवाइयां उपलब्ध हैं इस संबंध में बीएमओ डॉ एके राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं। मरीज या उनके परिजनों ने मुझसे कोई शिकायत नहीं की। शिकायत करते तो मैं पता करवाता कि किसने और क्यों बाजार की दवाइयां लिखी हैं। सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया से भी उनके मोबाइल नंबर 94253-30545 पर 13 जून रात 8:45 बजे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।