डर के साए में हैं दिल्ली के मासूम, राजधानी में बच्चों को कैंसर का खतरा देशभर में सबसे ज्यादा

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डर के साए में हैं दिल्ली के मासूम, राजधानी में बच्चों को कैंसर का खतरा देशभर में सबसे ज्यादा

डर के साए में हैं दिल्ली के मासूम, राजधानी में बच्चों को कैंसर का खतरा देशभर में सबसे ज्यादा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बच्चों को कैंसर का खतरा पूरे देश में सबसे ज्यादा है। 0 से 14 साल की उम्र के बीच देश में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले दिल्ली में पाए गए हैं। दिल्ली के 3.94% बच्चों में कैंसर के अलग-अलग तरह के मामले पाए गए हैं, जबकि पूरे देश में बच्चों में कैंसर की दर 0.7 से लेकर 3.1% के बीच है। हालांकि एम्स के डॉक्टर के मुताबिक, बच्चों में होने वाले कैंसर के 80 से 90% मामलों में वे ठीक हो जाते हैं। वहीं, दिल्ली के पुरुषों में होने वाले कैंसर में सबसे ज्यादा लंग्स, माउथ व टंग कैंसर हो रहे हैं, तो महिलाओं में होने वाले कैंसर के कुल मामलों में 26% ब्रेस्ट कैंसर के मामले हैं। कैंसर की समय पर स्क्रीनिंग, इलाज और कैंसर केयर को लेकर एम्स नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट ने बाढ़सा गांव (झज्जर) को गोद लिया है।

दिल्ली में हर साल 22 हजार नए कैंसर मरीज
एम्स कैंसर सेंटर और एम्स नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (झज्जर) की चीफ डॉक्टर सुषमा भटनागर ने बताया कि दिल्ली में हर साल कैंसर के लगभग 21538 मामले मिलते हैं, जिसमें 11435 पुरुष और 10103 महिलाओं में कैंसर पाया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें से 11 से 12 हजार यानी 50% से अधिक मरीजों का इलाज एम्स कैंसर सेंटर और नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद एक ही छत के नीचे मरीजों को इलाज देना है और दोनों सेंटरों को मिलाकर लगभग 900 बेड्स हैं।

दिल्ली के बच्चों में देश में सबसे ज्यादा कैंसर
एम्स कैंसर सेंटर के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के हेड डॉक्टर एस.वी. एस. देव ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा बच्चों में कैंसर की दर दिल्ली में है। उन्होंने एम्स के द्वारा संचालित दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री की ताजा रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दिल्ली में 3.9 पर्सेंट बच्चों में कैंसर मिला है, जबकि देश में यह दर 0.7 से 3.1 पर्सेंट के बीच है। बच्चों में ये कैंसर लिम्फोमा, ल्यूकेमिया, न्यूरोब्लास्टोमा की तरह के हैं। डॉक्टर ने कहा कि इसका सही कारण बता पाना मुश्किल है। लेकिन यह सच है। हालांकि डॉक्टर का यह भी कहना है कि बच्चों में होने वाले कैंसर के मामलों में 80 से 90% तक ठीक हो जाते हैं।

डॉ. सुषमा भटनागर ने कहा कि पुरुषों में लंग्स कैंसर के मामले बढ़ हैं और दिल्ली का प्रदूषण और स्मोकिंग इसकी बड़ी वजह है। उनका कहना है कि माउथ और टंग कैंसर मिला दें तो 13 पर्सेंट से ज्यादा कैंसर है और इस कैंसर की बड़ी वजह तंबाकू का सेवन है, जिसे रोका जा सकता है। लोगों की खराब आदत की वजह से यह कैंसर फैल रहा है।

cancer 2

डॉक्टर देव ने कहा कि दिल्ली में जन्म से लेकर 74 साल की उम्र के बीच हर छह में से एक पुरुष और महिलाओं में हर सात में से एक को कैंसर होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं में कैंसर के इजाफे की दर 19.3% रह सकती है और 2026 में दिल्ली में हर साल नए मरीजों की संख्या 15244 हो सकती है। वहीं पुरुषों में कैंसर के इजाफे की दर 25.2% रहने की संभावना है और 2026 तक हर साल 19538 मामले हो सकते हैं।

लाइफ स्टाइल के अलावा केमिकल का अहम रोल
डॉक्टर भटनागर ने बताया कि कैंसर की बड़ी वजह तो जेनेटिक है, लेकिन इस जेनेटिक को एक्टिव करने में लोगों की लाइफ स्टाइल, केमिकल्स और इन्फेक्शन का बड़ा रोल है। लाइफ स्टाइल में स्मोकिंग, शराब, जंक फूड, प्रदूषण शामिल हैं और साथ में केमिकल्स भी हैं। हवा में भी केमिकल्स हैं, जंक फूड में भी और स्मोकिंग में भी जिससे लंग्स और ओरल कैंसर होता है। संक्रमण की वजह से सर्वाइकल कैंसर, लिवर कैंसर होता है।

उन्होंने बताया कि प्लास्टिक में भी केमिकल्स होते हैं। यह संदेह तो है कि इसकी वजह से भी कैंसर हो सकता है, लेकिन हमारे पास अभी तक इसके लिए पर्याप्त रिसर्च नहीं हैं। इसी तरह स्किन कैंसर की वजह कॉस्मेटिक्स है, लेकिन इसको लेकर भी स्टडी नहीं है। चूंकि इसमें भी केमिकल्स का प्रयोग होता है तो इसकी वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है।
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