‘डबल रोल वाली मैडम’…बिहार सरकार को चूना लगाने वाली इस महिला की कहानी आपको हैरान कर देगी

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‘डबल रोल वाली मैडम’…बिहार सरकार को चूना लगाने वाली इस महिला की कहानी आपको हैरान कर देगी

‘डबल रोल वाली मैडम’…बिहार सरकार को चूना लगाने वाली इस महिला की कहानी आपको हैरान कर देगी


सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज प्रखंड के बसबिट्टा गांव की सुनीता कुशवाहा को एक साथ दो-दो नौकरी करना काफी महंगा पड़ा है। उसका यह फर्जीवाड़ा उजागर होने पर पहले शिवहर डीएम और बाद में सीतामढ़ी आईसीडीएस की डीपीओ कविप्रिया ने कार्रवाई की है। अब उसके हाथ से दोनों नौकरी चली गई है। यानी सुनीता के हाथ से पहले पर्यवेक्षिका की नौकरी छीनी और अब सेविका की नौकरी छीनी गई है। खास बात यह है कि फर्जीवाड़ा में आरोप में उक्त महिला के खिलाफ कार्रवाई में काफी बिलंब हुआ है।

शिवहर डीएम ने दी जानकारी

बताया गया है कि सीतामढ़ी जिला के मेजरगंज प्रखंड के बसबिट्टा की सुनीता कुशवाहा यहां सेविका के रूप में कार्यरत थी। इस पद से त्याग-पत्र दिए बगैर उसने शिवहर जिला में पर्यवेक्षिका के तौर पर चयनित होकर नौकरी करने लगी थी। 31 दिसंबर 21 को शिवहर के डीएम ने सीतामढ़ी डीएम को इसकी जानकारी दी थी। उक्त पत्र का हवाला देकर मेजरगंज सीडीपीओ ने 3 फरवरी 23 को डीपीओ को पत्र भेज अवगत कराया था। पत्र में शिवहर डीएम ने यह भी जानकारी दी थी कि गणेश कुमार की पत्नी सुनीता कुशवाहा नौकरी के लिए फर्जी प्रमाण-पत्र का सहारा लिया था। रिपोर्ट के आलोक में मेजरगंज सीडीपीओ ने डीपीओ से सुनीता को सेविका के पद से चयनमुक्त करने की अनुशंसा की थी।

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ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा

बताया गया है कि शिवहर जिला के डुमरी कटसरी प्रखंड के मकसूदपुर कररिया के दिलीप कुमार सिंह के किसी महिला परिजन की पर्यवेक्षिका में बहाली संभव नहीं हो सकी थी। उन्होंने डीएम से शिकायत की थी कि सुनीता देवी सीतामढ़ी जिला की है, जबकि बहाल सिर्फ स्थानीय जिला की अभ्यर्थी को करना था। फिर यह मामला एडीएम, विभागीय जांच के पास पहुंचा, तो उन्होंने सुनीता के दोनों जिला में उक्त दोनों पदों पर बहाल होने की रिपोर्ट की थी। साथ ही कहा था कि शिवहर में सुनीता ने 26 जुलाई 21 को योगदान की थी और मानदेय भी ली थी।

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सेविका पद से भी चयनमुक्त

बताया गया है कि शिवहर डीएम ने पर्यवेक्षिका के रूप में सुनीता के चयन को रद करने के साथ ही सीतामढ़ी डीएम को भी पर्यवेक्षिका के पद पर बहाली के लिए उसे काली सूची में डालने की अनुशंसा की थी। इसी के आलोक में डीपीओ ने सुनीता को फर्जीवाड़ा के आरोप में सेविका के पद से चयनमुक्त करने का आदेश दिया। इसके लिए उसे काली सूची में भी डाल दिया है। उक्त कार्रवाई की पुष्टि डीपीओ कविप्रिया ने की है

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