ठाकरे गुट के नेताओं की सिक्योरिटी हटाकर मुश्किल में आई एकनाथ शिंदे सरकार? हाई कोर्ट ने 15 दिन में मांगा जवाब

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ठाकरे गुट के नेताओं की सिक्योरिटी हटाकर मुश्किल में आई एकनाथ शिंदे सरकार? हाई कोर्ट ने 15 दिन में मांगा जवाब

ठाकरे गुट के नेताओं की सिक्योरिटी हटाकर मुश्किल में आई एकनाथ शिंदे सरकार? हाई कोर्ट ने 15 दिन में मांगा जवाब


मुंबई: पिछले साल महाराष्ट्र (Maharashtra) की सत्ता पर काबिज होने के बाद एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde) ने एक बड़ा फैसला लिया था। जिसके तहत उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) के नेताओं की सुरक्षा को हटाया गया था। सरकार के इस कदम के बाद उद्धव गुट द्वारा जमकर निशाना भी साधा गया था। बावजूद उसके सरकार ने सुरक्षा के मसले को रिव्यु नहीं किया था। इस मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर आज सुनवाई हुई है। सुनवाई करते हुए इस मामले में अदालत ने शिंदे सरकार से 15 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि ठाकरे गुट के नेताओं की सुरक्षा को हटाकर शिंदे सरकार ने मुसीबत मोल ले ली है। उद्धव ठाकरे गुट के सांसद राजन विचारे (Rajan Vichare) ने यह याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश दिया है। इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता कोई आदेश दिया है कि एक दूसरी संशोधित याचिका को दायर किया जाए। अदालत ने राजन विचारे को यह आदेश भी दिया है कि याचिका से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाम हटाया जाए।

इस याचिका के माध्यम से राजन विचारे ने यह अपील की है कि उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट में जारी लड़ाई की वजह से उनकी जान को खतरा है। लिहाजा उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जानी चाहिए। उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे के लड़ाई के बीच में सांसद राजन विचारे समेत कई उद्धव गुट के नेताओं पर मुकदमें दर्ज किए गए हैं। सांसद राजन विचारे की तरफ से ठाणे पुलिस कमिश्नर ऑफिस में एक निवेदन भी दिया गया था। जिसमें उन्हें सुरक्षा देनेे की मांग की गई थी। राजन विचारे ने पत्र मेंं लिखा था कि उन्हें पार्टी के काम से बाहर जाना पड़ता है। इसलिए उन्हें सिक्योरिटी उपलब्ध करवाई जाए। हालांकि उनके पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

इन नेताओं की सुरक्षा में हुई थी कटौती
एकनाथ शिंदे सरकार ने विपक्षी दलों से जिन नेताओं की सुरक्षा पर कैंची चलाई थी। उनमें महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, बालासाहेब थोरात, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के पूर्व मंत्री अनिल परब समेत 20 नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमें से कई नेताओं की सुरक्षा को या तो तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया था या फिर सुरक्षा व्यवस्था में भारी कटौती कर दी गई थी। वहीं उद्धव ठाकरे के करीबियों में गिने जाने वाले मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा को शिंदे सरकार ने बढ़ा दिया था। इस मुद्दे को लेकर भी काफी उस समय छिड़ी थी। बता दें कि अजित पवार की सुरक्षा को z से घटाकर Y+ कर दिया गया है जबकि दिलीप वलसे पाटिल की सुरक्षा को Y+ घटाकर X कर दिया गया है। वहीं नाना पटोले, बाला साहेब थोरात और अनिल परब की सिक्योरिटी हटा ली गयी थी।

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