ट्यूशन नहीं पढ़ने का सरकारी शिक्षक और उसकी पत्नी ने लिया ऐसा बदला, आंसर शीट से फाड़ दिए पन्ने, 12 साल बाद मिली सजा
एमपी के डिंडोरी में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षक दंपति को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है। साल 2010 में पति-पत्नी ने साजिश रचकर छात्रों की आंसर शीट से पन्ने फाड़ दिए थे। इसके चलते कई छात्र फेल हो गए थे। दंपति ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पीड़ित छात्रों ने उनसे ट्यूशन पढ़ने से इनकार कर दिया था।
हाइलाइट्स
- सरकारी शिक्षक व उसकी पत्नी को 5-5 साल की सजा
- वर्ष 2010 में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का मामला
- पति-पत्नी ने आंसर शीट से फाड़ दिए थे पन्ने
डिंडोरीः मध्य प्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षक और उसकी पत्नी को अंततः सजा मिल गई। साल 2010 में पति-पत्नी ने छात्रों को फेल कराने के उद्देश्य से उनी आंसर शीट के पन्ने फाड़ दिए थे। उन्होंने यह काम केवल इसलिए किया था क्योंकि पीड़ित छात्रों ने उनसे कोचिंग लेने से इनकार कर दिया था। घटना के करीब 12 साल बाद डिंडोरी जिला न्यायालय ने दोनों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। न्यायालय के आदेश के बाद पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
साल 2010 की घटना
जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी और सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सिविल लाइन निवासी आरोपी ललित पारधी और उसकी पत्नी दीप्ति को गिरफ्तार कर डिंडोरी जेल भेजा गया है। ललित पारधी शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में व्याख्याता है। घटना के समय उसकी पत्नी दीप्ति पारधी सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक थी। 20 मार्च 2010 को पति-पत्नी ने कुछ छात्रों की 12वीं क्लास की “बुक कीपिंग एंड अकॉउंटेंसी” की आंसर शीट से अंदर के पन्ने फाड़ दिए थे। इसकी जगह उन्होंने खाली पन्ना लगा दिया था। शिक्षक दंपति ने छात्रों को परीक्षा में फेल कराने के उद्देश्य से यह काम किया था। इस मामले में उनके खिलाफ धारा 420, 420/34, 468, 468/34, 469 और 469/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोचिंग नहीं लेने पर रची साजिश
दोनों आरोपियों ने छात्रों द्वारा ट्यूशन नहीं लेने के चलते यह साजिश रची थी। इसके चलते सरस्वती शिशु मंदिर के कई छात्र बुक कीपिंग एंड अकॉउंटेंसी विषय में फेल हो गए थे। वर्ष 2010 में परीक्षा केंद्र कस्तूरबा कन्याशाला में था। आरोपी शिक्षक ललित पारधी इस स्कूल में केंद्राध्यक्ष और स्ट्रॉन्ग रूम प्रभारी थे। पति-पत्नी ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था और छात्रों का भविष्य खराब करने की कोशिश की थी।
सजा के साथ जुर्माना भी
न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी ललित और दीप्ति पारधी को दोषी करार दिया। दोनों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास के साथ पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर हरेक अपराध के लिए छह-छह महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी आरोपियों को भुगतना होगा।
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एमपी के डिंडोरी में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षक दंपति को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है। साल 2010 में पति-पत्नी ने साजिश रचकर छात्रों की आंसर शीट से पन्ने फाड़ दिए थे। इसके चलते कई छात्र फेल हो गए थे। दंपति ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पीड़ित छात्रों ने उनसे ट्यूशन पढ़ने से इनकार कर दिया था।
हाइलाइट्स
- सरकारी शिक्षक व उसकी पत्नी को 5-5 साल की सजा
- वर्ष 2010 में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का मामला
- पति-पत्नी ने आंसर शीट से फाड़ दिए थे पन्ने
साल 2010 की घटना
जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी और सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सिविल लाइन निवासी आरोपी ललित पारधी और उसकी पत्नी दीप्ति को गिरफ्तार कर डिंडोरी जेल भेजा गया है। ललित पारधी शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में व्याख्याता है। घटना के समय उसकी पत्नी दीप्ति पारधी सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक थी। 20 मार्च 2010 को पति-पत्नी ने कुछ छात्रों की 12वीं क्लास की “बुक कीपिंग एंड अकॉउंटेंसी” की आंसर शीट से अंदर के पन्ने फाड़ दिए थे। इसकी जगह उन्होंने खाली पन्ना लगा दिया था। शिक्षक दंपति ने छात्रों को परीक्षा में फेल कराने के उद्देश्य से यह काम किया था। इस मामले में उनके खिलाफ धारा 420, 420/34, 468, 468/34, 469 और 469/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोचिंग नहीं लेने पर रची साजिश
दोनों आरोपियों ने छात्रों द्वारा ट्यूशन नहीं लेने के चलते यह साजिश रची थी। इसके चलते सरस्वती शिशु मंदिर के कई छात्र बुक कीपिंग एंड अकॉउंटेंसी विषय में फेल हो गए थे। वर्ष 2010 में परीक्षा केंद्र कस्तूरबा कन्याशाला में था। आरोपी शिक्षक ललित पारधी इस स्कूल में केंद्राध्यक्ष और स्ट्रॉन्ग रूम प्रभारी थे। पति-पत्नी ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था और छात्रों का भविष्य खराब करने की कोशिश की थी।
सजा के साथ जुर्माना भी
न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी ललित और दीप्ति पारधी को दोषी करार दिया। दोनों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास के साथ पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर हरेक अपराध के लिए छह-छह महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी आरोपियों को भुगतना होगा।
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