‘टूटे से फिर ना जुड़े’…JDU के अंदर रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने छेड़ दी बड़ी लड़ाई, पार्टी पर अधिकार को लेकर किया बड़ा खुलासा
बिहार के करोड़ों लोगों की पार्टी- उपेंद्र
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के साथ जो करोड़ों लोग बिहार भर में जुड़े हुए हैं। आज एक अलग राजद से डील की चर्चा हो रही है। उस डील में अगर सच्चाई है तो बिहार के लोग उसे स्वीकार करने वाले नहीं हैं। पार्टी से जुड़े करोड़ों लोग उसे स्वीकार करने वाले नहीं हैं। इस बात को लेकर लोगों के मन में चिंता है। कुशवाहा ने सवाल करते हुए कहा कि जिनके मन में भी चिंता है कि क्या होगा? हम उनके लिए बैठक बुला रहे हैं। हमारी बैठक का मकसद बड़ा है। पार्टी को बरबादी से बचाने के लिए लोगों को एकजुट करना है। लोगों से विचार करने के लिए बैठक बुलाई है। इस बैठक के निहितार्थ काफी बड़े हैं। इसलिए कोई कुछ बोल रहा है, उसका कोई मतलब नहीं है।
सियासी झुनझुना
कुशवाहा ने आगे कहा कि हम तो आज भी कह रहे हैं कि कागज में राष्ट्रीय अध्यक्ष दोबारा से बने ललन सिंह जी उनके अध्यक्ष बनने के बाद भी कई बार पार्टी कार्यालय से सर्कुलर जारी हुआ है। उसके हिसाब से देखिए उपेंद्र कुशवाहा अध्यक्ष पार्लियामेंट्री बोर्ड। उसमें लिखित रूप में उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। मौखिक रूप में कह रहे हैं कि नहीं हैं। कागज में इनलोगों ने पद दे दिया लेकिन झुनझुना थमा दिया। उन्होंने कहा कि इस झुनझुने की बात को ललन सिंह ने बोलकर साबित कर दिया है।
नीतीश की पार्टी नहीं जेडीयू
उपेंद्र ने कहा कि जेडीयू किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है। करोड़ों लोगों की पार्टी है। उनकी पार्टी का कोई मतलब नहीं है। अगर नीतीश कुमार नेता हैं और माना जाए कि उनकी पार्टी है। ये पार्टी उनकी पार्टी नहीं है। ये पार्टी शरद यादव की पार्टी है। शरद यादव ने इस पार्टी को बनाने का काम किया था। समत पार्टी थी, जो नीतीश जी की पार्टी थी। नीतीश जी ने समता पार्टी को जेडीयू में विलीन कर दिया। अब जनता दल यूनाइटेड शरद यादव की पार्टी है। उसी पार्टी पर शरद यादव को भगाकर कब्जा कर लिया गया। नीतीश कुमार कह रहे हैं कि हमारी पार्टी-हमारी पार्टी। कैसे है उनकी पार्टी। उनकी पार्टी नहीं है।