झिलमिल में मिड डे मील खाने से नौ छात्राएं हुईं बीमार, कुछ की हालत बिगड़ी

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झिलमिल में मिड डे मील खाने से नौ छात्राएं हुईं बीमार, कुछ की हालत बिगड़ी

झिलमिल में मिड डे मील खाने से नौ छात्राएं हुईं बीमार, कुछ की हालत बिगड़ी

एनबीटी न्यूज, झिलमिलः शाहदरा जिले के झिलमिल कॉलोनी स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में मंगलवार को मिड डे मील लेने के बाद छठीं और सातवीं कक्षा की कई छात्राओं को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। मिड डे मील से बदबू आने की भी शिकायत छात्राओं ने स्कूल प्रशासन से की थी। लेकिन उनकी बातों की अनदेखी कर दी गई। फिर खाना खाने के बाद बच्चियां उल्टी और दस्त करने लगीं। कुछ बेहोश हो गईं, जिसके बाद हड़कंप मच गया। पहले छात्राओं को मोहल्ला क्लिनिक भेजा गया। लेकिन मामला संभलता नहीं देख छात्राओं को हेडगेवार अस्पताल रेफर कराया गया।

घटना मंगलवार सुबह करीब दस बजे की है, जब स्कूल के मिड डे मील में दाल और चावल आया था। लेकिन डिब्बा खोलते ही खाने से बदबू आ रही थी। इसकी शिकायत बच्चियों ने स्कूल प्रशासन से की। लेकिन उन्होंने कहा कि बदबू नहीं आ रही है। इसके बाद करीब 24 से अधिक छात्राओं ने दाल-चावल खाया। लेकिन खाते ही छठी और सातवीं कक्षा में की बच्चियों के पेट में दर्द शुरू हो गया और उन्हें उल्टी और दस्त की दिक्कत आई। इसमें नौ बच्चियों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, उन्हें डॉ़ हेडगेवार अस्पताल लाया गया। इन नौ में से छह बच्चियों की पहचान शाशि सिंह, मुस्कान, सोनाक्षी, खुशी पांडे, आरोही वत्स, मोहिनी के तौर पर हुई है। सभी बच्चियां 12 से 13 साल की हैं। बच्चियों को देखने के लिए विधायक एस के बग्गा अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में बच्चियों ने बताया कि जब उन्हें उल्टी और दस्त हो रहे थे, तब उन्हें टीचर दवा के बदले बिस्कुट खाने को दे रही थीं और कह रही थीं कि सब चुप हो जाओ। कुछ नहीं होगा। लेकिन पेट में इतना दर्द हो रहा था कि उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर वे सभी उल्टी और दस्त करने लगीं।

करीब 11:30 बजे नौ छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में फूड पॉइजनिंग का पता चला है। सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं। एमएलसी बना दी गई है। सभी छात्राओं को बुधवार सुबह तक छुट्टी दे दी जाएगी।

आर के कालरा, चिकित्सा अधीक्षक, डॉ हेडगेवार अस्पताल

परिजनों का आरोप, ढाई घंटे बाद मिली सूचना

अस्पताल में भर्ती छात्राओं के परिजनों का आरोप है कि उन्हें ढाई घंटे बाद स्कूल प्रशासन से इसकी सूचना मिली। घटना सुबह दस बजे की है, जबकि उन्हें सूचना 12:30 के आसपास मिली। उन्हें पहले यह भी नहीं बताया गया था कि मिड डे मील खाने से उनकी बच्चियां बीमार हुई हैं।

किस एजेंसी से स्कूल में खाने की सप्लाई की थी, इसका पता किया जा रहा है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। गलत पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धायक एसके बग्गा

फूड सैंपल लिए गए

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अनुसार, बच्चियों के बीमार होने की सूचना दोपहर करीब दो बजे मिली। इसके बाद फूड सेफ्टी टीम स्कूल पहुंची। जांच में पता चला कि मीड डे मील सुबह छह बजे पकता है, जिसे बच्चों को नौ बजे तक दिया जाता है। स्कूल में दाल चावल पकाए गए थे। जब टीम वहां पहुंची पका हुआ खाना न मिलने की वजह से सैंपल नहीं लिए जा सके। पुलिस की टीम ने सैंपल लिए हैं। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कच्चे दाल, चावल, मसालों आदि के सैंपल लिए हैं। पूरी जगह पर साफ-सफाई व बर्तनों आदि का मुआयना किया है।

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