ज्ञानवापी.. यूनिफॉर्म सिविल कोड.. पीएम मोदी.. सब पर क्या बोले जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी?

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ज्ञानवापी.. यूनिफॉर्म सिविल कोड.. पीएम मोदी.. सब पर क्या बोले जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी?

लखनऊ: जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Madan) ने ज्ञानवापी और कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दे पर खुलकर बात रखी है। ज्ञानवापी मुद्दे पर मदनी ने कहा कि इसे सुलझाने के लिए सही तरीका अपनाया जाए। ये मुद्दा या तो कोर्ट से हल होगा या समझौते से। कोई तीसरी ऐसी चीज नहीं जो इसे हल कर सके। वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड ने कहा कि हम मजहबी लोग हैं, हमारी चीजें हमसे छीनी जा रही हैं। शरीयत में दखल देना जरूरी नहीं है।

एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलान महमूद मदनी ने कहा कि जिस प्रकार देश में एक विशेष माहौल बनाया जा रहा है, ये बहुत गलत है। मदनी ने कहा एक विशेष कम्युनिटी के खिलाफ आतंकवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके लिए मौजूदा सरकार के अलावा पुरानी सरकारें भी जिम्मेदार रहीं हैं।

डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए..पीएम इंसाफ सुनिश्चित करें-मदनी
मदनी ने कहा कि कानून सबके लिए एक होना चाहिए डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी इंसाफ सुनिश्चित करें, मुसलमान को गाली दी जा रही है, नवी को गाली दी जा रही है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। हर जगह नाइंसाफी हो रही है। मदनी ने कहा कि कार्रवाई होती तो यह स्थिति नहीं होती।

लोग मुर्गे लड़ा रहे हैं..ज्ञानवापी पर क्या बोले मदनी?

ज्ञानावापी मामले पर मदनी ने कहा कि किसी भी विवाद को निपटाने के दो तरीके हैं एक है समझौता और दूसरा है कोर्ट का तरीका, तीसरा कोई तरीका नहीं है। लोग मुर्गे लड़ा रहे हैं। मदनी ने कहा यदि समझौता हो तो अच्छी बात है, नहीं तो कोर्ट का जो भी फैसला है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी पर समझौते को नकारा नहीं किया जा सकता है।

क्या विवाद वाली जगहों को हिंदुओं के दे देना चाहिए?
इस सवाल पर मदनी ने जवाब देते हुए कहा कि ये अच्छी पहल हो सकती है, समझौता से हल निकल सकता है। उन्होंने अयोध्या के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उस फैसले में ये कहीं नहीं कहा गया है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। मदनी ने कहा कि बहस बढ़ाना सही नहीं है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुसलमानों को एतराज क्यों है?

इस पर मदने कहा कि शरिया में सारी चीजें दर्ज हैं, यूनिफॉर्म सिविल कोड मुनासिब नहीं है। मदनी कहा कि हम मजहबी लोग हैं, हमें पहले भी डर था, अभी भी है, हमारी चीजें हमसे छीनी जा रही हैं। शरीयत में दखल देना जरूरी नहीं है। मदनी ने कहा कि शरीयत में सुधार की जरूरत है, सुधार कानून से नहीं होता है, सुधार समाज से होगा। उन्होंने कहा कि आप हमारी मदद कीजिए। तीन तलाक क्या एक तलाक भी नहीं होना चाहिए तलाक मजबूरी की चीज है।

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