ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: मंदिर का सच बाहर आने के लिए ASI सर्वे जरूरी, हाई कोर्ट 28 नवंबर को करेगी अंतिम सुनवाई
Gyanvapi Masjid Today News Update: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से जुड़े विवाद में सुप्रीम कोर्ट लेकर जिला कोर्ट से सुनवाई का दौर जारी है। मुस्लिम और हिंदू पक्ष अपनी-अपनी दलीलें दे रहा है। वहीं मंदिर पक्ष एएसआई सर्वे पर जोर दे रहा है। दावा किया जा रहा है कि यहां नंगी आखों से भी सच देखा जा सकता है।
हाइलाइट्स
- ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की मांग
- वकील ने कहा, विवादित परिसर मंदिर का हिस्सा है
- ज्ञानवापी मामले में 28 नवंबर को होगी अंतिम सुनवाई
प्रयागराज:ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने पर लगी रोक के खिलाफ मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए जांच जरूरी है। प्रथमदृष्टया सच बाहर लाने के लिए एएसआई से विवादित परिसर का सर्वे करवाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि विवादित परिसर मंदिर का हिस्सा है। यह नंगी आंखों से देखने से भी स्पष्ट होता है। इसलिए सर्वे किया जाना चाहिए ताकि सच बाहर आ सके। हाई कोर्ट 28 नवंबर को इस मामले की अंतिम सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कहा कि इस बिंदु पर फैसला सुरक्षित किया जा सकता है, लेकिन उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से कहा गया कि उनके वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी शहर से बाहर हैं। उन्हें पक्ष रखने के लिए 10 दिन के लिए सुनवाई स्थगित की जाए। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 28 नवंबर तय की और कहा कि उस दिन अंतिम बहस होगी। सुनवाई टाली नहीं जाएगी।
ज्ञानवापी मामले में यह थी गुहार
मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि 13 अगस्त 1998 को सुनवाई पर रोक लगी थी, जिसे बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि यदि केस की सुनवाई पर रोक लगी और बढ़ाई नहीं गई तो छह माह बाद वह रोक स्वयं खत्म हो जाएगी। इसलिए अधीनस्थ अदालत ने सुनवाई की और सच का पता लगाने के लिए सर्वे कराने का आदेश दिया है, जो पूरी तरह से सही आदेश है। मुकदमे के तार्किक निष्कर्ष के लिए एएसआई सर्वे जरूरी है। इसलिए उस पर लगी रोक हटाई जाए। मुस्लिम पक्ष की अधीनस्थ अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सर्वे कराने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर रोक लगा रखी है, जो 31 दिसंबर तक जारी है और केस की सुनवाई रुकी हुई है।
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हाइलाइट्स
- ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की मांग
- वकील ने कहा, विवादित परिसर मंदिर का हिस्सा है
- ज्ञानवापी मामले में 28 नवंबर को होगी अंतिम सुनवाई
न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कहा कि इस बिंदु पर फैसला सुरक्षित किया जा सकता है, लेकिन उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से कहा गया कि उनके वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी शहर से बाहर हैं। उन्हें पक्ष रखने के लिए 10 दिन के लिए सुनवाई स्थगित की जाए। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 28 नवंबर तय की और कहा कि उस दिन अंतिम बहस होगी। सुनवाई टाली नहीं जाएगी।
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मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि 13 अगस्त 1998 को सुनवाई पर रोक लगी थी, जिसे बढ़ाया नहीं गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि यदि केस की सुनवाई पर रोक लगी और बढ़ाई नहीं गई तो छह माह बाद वह रोक स्वयं खत्म हो जाएगी। इसलिए अधीनस्थ अदालत ने सुनवाई की और सच का पता लगाने के लिए सर्वे कराने का आदेश दिया है, जो पूरी तरह से सही आदेश है। मुकदमे के तार्किक निष्कर्ष के लिए एएसआई सर्वे जरूरी है। इसलिए उस पर लगी रोक हटाई जाए। मुस्लिम पक्ष की अधीनस्थ अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सर्वे कराने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर रोक लगा रखी है, जो 31 दिसंबर तक जारी है और केस की सुनवाई रुकी हुई है।
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