जोधपुर-भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा पिटे अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस | Most beaten officers-employees and police in Jodhpur-Bhilwara | Patrika News

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जोधपुर-भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा पिटे अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस | Most beaten officers-employees and police in Jodhpur-Bhilwara | Patrika News

जोधपुर-भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा पिटे अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस | Most beaten officers-employees and police in Jodhpur-Bhilwara | Patrika News

अवैध खनन पर कार्रवाई के दौरान सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट के मामले में जोधपुर संभाग और भीलवाड़ा सबसे आगे है। भीलवाड़ा में तीन साल में मारपीट के 14 मामले सामने आए हैं। जबकि जोधपुर संभाग में इस दौरान 13 बार पुलिस-खान विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। भीलवाड़ा के बाद सबसे ज्यादा मारपीट अजमेर और राजसमंद जिले में हुई है। यहां छह बार सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। प्रदेश के 20 जिलों में अब तक तीन साल में अवैध खनन पर कार्रवाई के दौरान सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट के 62 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

अजमेर-भीलवाड़ा-बारां में सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र पिछले दिनों अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत की समीक्षा बैठक में बताया गया था कि पुलिस अधीक्षकों ने प्रदेश के जिलाें में 704 स्थान अवैध खनन की दृष्टि से सबसे ज्यादा संवेदनशील बताए गए थे। सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र अजमेर, भीलवाड़ा और बारां जिले में बताए गए हैं। अजमेर में 53, भीलवाड़ा में 51 और बारां में 40 स्थान अवैध खनन के लिए संवेदनशील बताए गए थे। इसी तरह उदयपुर, जालोर, जोधपुर, बूंदी उन जिलों में शामिल हैं, जहां 35 से ज्यादा स्थान संवेदनशील बताए गए हैं। इन जिलों में अवैध खनन को लेकर शिकायतें भी ज्यादा आ रही है।

13 जिलों में कोई मारपीट नहीं खान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अलवर, झुंझुनूं, टोंक, बांसवाड़ा, डूंगपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ, धौलपुर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़,कोटा, बारां जिलों में किसी तरह की कोई मारपीट नहीं हुई। इन जिलों में से बारां, अलवर और बांसवाड़ा उन जिलों में शामिल हैं, जहां अवैध खनन की दृष्टि से इन 13 जिलों में सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र बताए गए हैं।

सबसे ज्यादा एफआइआर भीलवाड़ा में अवैध खनन पर कार्रवाई और इसके बाद एफआइआर दर्ज करवाने के मामले में भीलवाड़ा सबसे आगे है। यहां अवैध खनन करने, अवैध परिवहन और भंडारण की शिकायतों पर 1 हजार 241 मामले दर्ज किए गए हैं। एक हजार से ज्यादा एफआइआर दर्ज करने वाला भीलवाड़ा अकेला जिला है। इसी तरह अवैध खनन पर कार्रवाई के दौरान धौलपुर में 508, बूंदी में 144 मामले दर्ज किए गए हैं। तीन साल में कुल 3 हजार 257 एफआईआर दर्ज की गई। प्रतापगढ़, करौली और कोटा में एक भी एफआइआर दर्ज नहीं करवाई गई।

कहां कितनी बार पिटे अधिकारी-कर्मचारी अजमेर- 6 नागौर- 2 जयपुर- 1 सीकर- 1 दौसा- 3 उदयपुर- 3 भीलवाड़ा- 14 राजसमंद- 6 भरतपुर- 4 करौली- 1

सवाईमाधोपुर- 4 बीकानेर- 1 चूरू- 1 जोधपुर- 3 पाली- 3 सिरोही- 3 बाड़मेर- 2 जालोर- 2 बूंदी- 1 झालावाड़- 1



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