जेआरडी टाटा Vs मोरारजी देसाई: सुपर प्रॉफिट टैक्‍स पर जब पूर्व वित्‍त मंत्री को उद्योगपति ने दी थी चेतावनी, हो गए थे नाराज

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जेआरडी टाटा Vs मोरारजी देसाई: सुपर प्रॉफिट टैक्‍स पर जब पूर्व वित्‍त मंत्री को उद्योगपति ने दी थी चेतावनी, हो गए थे नाराज

जेआरडी टाटा Vs मोरारजी देसाई: सुपर प्रॉफिट टैक्‍स पर जब पूर्व वित्‍त मंत्री को उद्योगपति ने दी थी चेतावनी, हो गए थे नाराज

नई दिल्‍ली: साल 1963। मोरारजी देसाई (Morarji Desai) वित्‍त मंत्री थे। बजट में उन्‍होंने एक बड़ा ऐलान किया। इसने पूरे उद्योग जगत (Corporate World) को सकते में डाल दिया। इस दौरान बजट में एक नए तरह के टैक्‍स का प्रावधान लाया गया था। इसका नाम था सुपर प्रॉफिट टैक्‍स (Super Profit Tax)। सरकार ने इस टैक्‍स के पक्ष में कहा था कि इससे अर्थव्‍यवस्था (Indian Economy) में मजबूती आएगी। इस टैक्‍स का विरोध करने वालों में तब दिग्‍गज उद्योगति जेआरडी टाटा (JRD Tata) सबसे मुखर थे। उन्‍होंने सरकार को टो-टूक चेतावनी दी थी। उन्‍होंने कहा था कि यह टैक्‍स निवेशकों को डराएगा। घरेलू उद्योगों को विदेशी पूंजी मिलने में दिक्‍कत पेश आएगी। इससे औद्योगिक विकास (Industrial Growth) को नुकसान होगा। इसके एक साल पहले मोरारजी देसाई ने इनकम टैक्‍स रेट (Income Tax Rate) में 72.5 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर चौंका दिया था।

मोरारजी देसाई के नाम है सबसे ज्‍यादा बजट पेश करने का र‍िकॉर्ड
मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्‍यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड रहा है। उन्‍होंने 10 बजट पेश किए। इनमें 8 सालाना बजट थे और 2 अंतरिम बजट थे। इत्‍तेफाक देखिए कि उन्होंने दो बार अपने जन्‍मदिन 29 फरवरी के मौके पर बजट पेश किया। एक बार 1964 में और दूसरी बार 1968 में। हालांकि, 1962-63 और 1963-64 के बजट यादगार थे। 1962 में मोरारजी देसाई ने बजट में इनकम टैक्‍स में भारी बढ़ोतरी का प्रावधान किया था। तब इनकम टैक्‍स की दरों में 72.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था। मोरारजी देसाई ने ऐसा करके अपना रुख साफ कर दिया था कि वह टैक्‍स के मोर्चे पर किसी तरह की नरमी नहीं रखेंगे।

इसके अगले साल 1963 में मोराजी देसाई ने उद्योग जगत को बड़ा झटका दिया। यह शायद उस समय का सबसे विवादित बजट था। इसमें पहली बार सुपर प्रॉफिट टैक्‍स का प्रावधान लाया गया था। सरकार को उम्‍मीद थी कि इससे अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूती आएगी। दूसरी तरफ वह जनता पर भी टैक्‍स का और ज्‍यादा बोझ नहीं डालना चाहती थी। उद्योग जगत ने मोरारजी देसाई के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।

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जेआरडी टाटा ने क‍िया था आगाह-औद्योग‍िक विकास पर पड़ेगा असर
उद्योग जगत की ओर से फैसले का मुखर विरोध करने वालों में दिग्‍गज कारोबारी जेआरडी टाटा भी थे। उन्‍होंने जोर देकर कहा था कि इससे इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बड़ी चोट लगेगी। लोग निवेश करने से घबराएंगे। यह किसी भी लिहाज से सही नहीं होगा। टाटा ग्रुप की कमान उन दिनों जेआरडी के हाथों में ही थी। वह जो कहते थे उसके मायने होते थे।

सुपर प्रॉफिट टैक्‍स गले न उतरने की एक और वजह थी। उन दिनों देश में कारोबारी गतिविधि बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। उद्योगपति सरकार से उम्‍मीद लगाए बैठे थे कि वह कुछ राहत देगी। किसी ने सुपर प्रॉफिट टैक्‍स के बारे में सोचा भी नहीं था। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था। उन्‍हें लग रहा था कि यह टैक्‍स उन्‍हें आगे बढ़ने और पूंजी जुटाने से रोकेगा।

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