जिले के 1631 ने कराया रजिस्ट्रेशन, 389 को मिला स्टार

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जिले के 1631 ने कराया रजिस्ट्रेशन, 389 को मिला स्टार

जिले के 1631 ने कराया रजिस्ट्रेशन, 389 को मिला स्टार


बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार :

जिले के 1631 ने कराया रजिस्ट्रेशन, 389 को मिला स्टार

289 को तीन, 74 को चार तो 26 को मिला 5 स्टार

5 सितारा पाने वाले 26 में से 3 स्कूलों का स्टेट रैंकिंग के लिए हुआ भौतिक सत्यापन

फोटो :

उतरा : चंडी का मिडिल स्कूल चंडी, जिसका चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना द्वारा किया गया है भौतिक सत्यापन।

बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता।

जिले के कुल 2,282 सरकारी स्कूलों में महज 1,631 ने बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए अंतिम रूप से रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 389 स्कूलों को ही तीन, चार व पांच सितारा से नवाजा गया। 289 को तीन, 74 को चार तो 26 को मिला पांच स्टार मिला। जबकि, पांच सितारा पाने वाले कुल 26 में से महज तीन (सूबे के 135) स्कूलों को स्टेट रैंकिंग के लिए भौतिक सत्यापन कराया गया। अब देखना है कि राज्य में 33 स्कूलों की बनने वाले अंतिम सूची में नालंदा के कितने स्कूल अपनी जगह बना पाते हैं। 33 स्कूलों के प्रधान को बिहार दिवस पर पटना में नवाजा जाना है।

सरकारी प्राथमिक, मिडिल, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए यह योजना शुरू की गयी है। जिले के कुल 2,283 स्कूलों में से 1,919 स्कूलों ने पंजीयन कराया। इनमें से महज 1,631 ने अंतिम रूप से फॉर्म सबमिट किया।

कतरीसराय टॉप तो बिहारशरीफ फिसड्डी:

योजना के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में भी जिले के 19 प्रखंडों ने रुचि नहीं दिखायी। जबकि, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ ही डीईओ केशव प्रसाद ने सभी स्कूलों को पंजीकृत कराने के लिए कई रिमाइंडर दिये थे। सिर्फ कतरीसराय ने कुल 100 फीसद (39) स्कूलों का रजिस्ट्रेशन कराया। जबकि, 94.29 फीसद के साथ थरथरी सेकेंड, 88.64 के साथ नगरनौसा थर्ड आया। 75 फीसद से अधिक स्कूलों के रजिस्ट्रेशन कराने वालों में चंडी, रहुई, बिंद, बेन, परवलपुर, हरनौत, इस्लामपुर, राजगीर, हिलसा व कतायपरसुराय शामिल हैं। वहीं बिहारशरीफ ने महज 33.2 फीसद स्कृलों का रजिस्ट्रेशन कराके 20वें पायदान पर रहा। इसी तरह, अस्थावां, सिलाव, नूरसराय, एकंगरसराय, गिरियक व सरमेरा प्रखंड फिसड्डियों की सूची में शामिल रहे।

क्या है उद्देश्य:

स्कूलों में जल स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं की स्थिति का आकलन, स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा व सर्वश्रेष्ठ स्कूलों के हौसले बढ़ाना, साक्ष्य आधारित सर्वोत्तम प्रथाओं को पहचानने के लिए शिक्षकों और बच्चों को वॉश एंबेस्डर के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना, बच्चों के समग्र विकास के लिए स्कूलों में सफाई को बढ़ावा देना और स्कूलों को जरूरत के अनुसार मदद करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

इन गांवों के स्कूलों को मिला 5 स्टार :

सदरपुर, बहादुरपुर, नेफा बलिदान स्मारक, कन्या सोहसराय, तुलसीगढ़, उतरा, दौलाचक, बराह, दैली, मकनपुर, मिडिल इस्लामपुर, चिश्तीपुर हाईस्कूल, कोरारी, सरदारबिगहा, बेगमपुर, अलावां, ग्वासपुर, डुमरी, बबूरबन्ना, पवई, विक्रमपुर-मई, इमामगंज, सोसंदी, मोरा, मलावां, भतहर।

इन गांवों के स्कूलों को मिला 4 स्टार :

गिलानी, चकपर, सैदपुर, गंगटी, ख्वाजा-अहमदपुर, भगवानपुर, बापू चंडी, गंगौरा, कोरूत, धरमपुर, माधोपुर गढ़, बढ़ौना, नरसंडा, सरथा, वाजितपुर, मिडिल एकंगरसराय, गंगाबिगहा, निश्चलगंज, सिरनावां, गड़ेरियाबिगहा, चोरसुआ, सकुचीसराय, बेलदरिया, मिडिल हरनौत, मुढ़ारी, मिडिल पोआरी, शेरपुर डीह, रसाईिबगहा, मदारपुर, नदवार, विशुनपुर, लोहंडा, सोहजना, मिल्की-हुड़ारी, कन्या करायपरसुराय, मिडिल करायपरसुराय, हाईस्कूल करायपरुसराय, भोभी, बलधा, लोदीपुर-उस्मानपुर, प्राथमिक उस्मानपुर, रामपुर-अजयपुर, नगरनौसा हाईस्कूल, अरियावां, केवई, जगदीशपुर-तियारी, कुंदी, गोविंदपुर-बेलदारी, प्लस-टू नूरसराय, खिरौटी, प्राथमिक बिसाईिबगहा, चौसंदा, फतेहपुर, मिल्कीपर, मऊ, भासिंगपुर-परवलपुर, पिलीछ, बंगपुर, कन्या मिडिल परवलपुर, बरांदी, प्राथमिक मिल्की, प्राथमिक नवादा, पतासंग, सुपासंग, उर्दू कैथा, मेयार, गांधी आसाराम राजगीर, महादेवपुर, मिडिल राजगीर, पीएस उजारपुर, सब्बैत, भतहर, डीहा, नारायणपुर, नता टोला।

अधिकारी बोले :

बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के माध्यम से स्कूलों, शिक्षकों व बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा लाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। खासकर बच्चों में स्वच्छता की आदत डाल दी जाये, तो वे स्वस्थ रहेंगे।

केशव प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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